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गांव की सरकार के लिए नहीं मिल रहे उम्मीदवार, 2104 पदों पर उपचुनाव-1861 पर्चे ही हुए दाखिल

निर्वाचन कार्यालय की मानें तो ग्राम पंचायत सदस्यों के 1956 पदों के लिए 1450 पर्चे दाखिल हुए हैं। स्क्रूटनी और नाम वापसी के बाद संख्या और घट सकती है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Sun, 02 Dec 2018 12:05 PM (IST)Updated: Sun, 02 Dec 2018 12:05 PM (IST)
गांव की सरकार के लिए नहीं मिल रहे उम्मीदवार, 2104 पदों पर उपचुनाव-1861 पर्चे ही हुए दाखिल
गांव की सरकार के लिए नहीं मिल रहे उम्मीदवार, 2104 पदों पर उपचुनाव-1861 पर्चे ही हुए दाखिल

रांची, विनोद श्रीवास्तव। चुनावों में सामान्य तौर पर प्रत्येक पद के लिए     कई लोगों द्वारा नामांकन कराने की परंपरा रही है। इससे इतर 19 दिसंबर  को प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत उपचुनाव के लिए दाखिल पर्चों की संख्या से यह अवधारणा टूटी है। उपचुनाव गांव की सरकार से जुड़े ग्राम पंचायत सदस्य, मुखिया, पंचायत समिति सदस्य तथा जिला परिषद सदस्य के 2104 पदों के लिए होना है।

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नामांकन की अंतिम तिथि 30 नवंबर तक केवल 1861 पर्चे ही दाखिल हुए। प्रत्येक पद के लिहाज से औसतन एक-एक नामांकन भी नहीं हुआ है। नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी  और नाम वापसी के बाद यह संख्या और घट सकती है। इसे लोकतंत्र के प्रति घटती आस्था कहें या पंचायती राज  व्यवस्था को सशक्त करने की दिशा में ढुलमुल सरकारी रवैया, जिसकी शिकायत पंचायत प्रतिनिधियों को पंचायत चुनाव के बाद से लगातार रही है।

ग्राम पंचायत सदस्यों के 506 पदों के लिए एक भी नामांकन नहीं : राज्य निर्वाचन आयोग की अद्यतन रिपोर्ट के अनुसार ग्राम पंचायत सदस्यों के रिक्तपदों में से 506 पदों के लिए एक भी पर्चा दाखिल नहीं किया गया है। इस पद के लिए कुल 1956 रिक्तियां हैं, जिसके लिए सिर्फ 1450 पर्चे ही दाखिल हुए। मुखिया के 57 पदों के लिए 241, पंचायत समिति सदस्य के 88 पदों के लिए 141 तथा जिला परिषद सदस्य के तीन पदों के लिए 29 नामांकन पत्र दाखिल हुए।

नहीं है स्‍पष्‍ट जानकारी : खाली पदों की संख्या से कम नामांकन के कारणों की स्पष्ट जानकारी इसके  विश्लेषण के बाद ही पता चलेगी। -ज्ञानेंद्र कुमार, सचिव, झारखंड राज्य निर्वाचन आयोग

हाशिये पर व्‍यवस्‍था : झारखंड में पंचायती राज व्यवस्था को हाशिये पर रखा गया है। झारखंड गठन के डेढ़ दशक बाद भी पंचायत प्रशासन को संविधान प्रदत्त अधिकार नहीं दिए गए हैं। ऐसे में गांव की सरकार से मोहभंग होना कोई हैरतअंगेज बात नहीं है।-विकास कुमार महतो, अध्यक्ष, मुखिया संघ, झारखंड

फैक्ट फाइल : -राज्य के 228 प्रखंडों से संबद्ध 1254 ग्राम पंचायतों में रिक्त पदों के लिए होना है उपचुनाव।-चुनाव के लिए 11,63,091 मतदाताओं की फोटोयुक्त मतदाता सूची तैयार।-चुनाव के लिए बनाए गए 3,683 मतदान केंद्र।-19 दिसंबर की सुबह सात बजे से अपराह्न तीन बजे तक होगा मतदान।-22 दिसंबर को होगी मतगणना।- 23 दिसंबर तक निर्वाचन प्रक्रिया पूर्ण करने का आयोग ने तैयार किया है खाका।

क्यों घटी दिलचस्पी : -बतौर मानदेय ग्राम पंचायत सदस्यों को प्रति माह 200, पंचायत समिति सदस्यों को 750, उप मुखिया को 500, मुखिया को 1000 तथा जिला परिषद सदस्यों को 1500 रुपये देने का है प्रावधान। लगभग डेढ़ वर्षों से नहीं मिली यह राशि।- प्रति किलोमीटर पांच रुपये यात्रा भत्ता का प्रावधान, बिल जमा करने पर भी नहीं मिलता।-पंचायती राज संस्थाओं को 14 विभागों की 29 तरह की शक्तियां दी जानी हैं, जो कागजी हैं। -संविधान प्रदत्त अधिकार न मिलने से ग्रामीणों की अपेक्षाओं पर खरा न उतरने वाले जनप्रतिनिधि मायूस।


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