COVID Vaccine: कोरोना वैक्सीन की तीसरी डाेज ले रहे लोग, एंटीबाडी बढ़ाने को ऐसे लगा रहे जुगाड़
Coronavirus Third Dose Jharkhand COVID Vaccine रांची में एंटीबाडी टेस्ट करवाने वाले भी बढ़े हैं। स्वास्थकर्मी जुगाड़ से वैक्सीन की तीसरी डोज ले रहे हैं। यह खतरनाक हो सकता है। इसके लिए वे कोई दस्तावेज भी नहीं दिखाते हैं।
रांची, [अनुज तिवारी]। कोरोना वायरस से बचाव के लिए वैक्सीन की दो डोज लेने का प्रावधान है। इसके बावजूद झारखंड की राजधानी रांची में बड़ी संख्या में लोग तीसरी डोज ले रहे हैं, इनमें ज्यादातर स्वास्थकर्मी हैं। यह सबकुछ जुगाड़ से हो रहा है। पहले वे अपनी एंटीबाडी चेक कराते हैं, जब उन्हें लगता है कि शरीर में मानक के अनुरूप एंटीबाडी नहीं बनी तो तीसरी डोज का जुगाड़ किया जाता है। दरअसल, लगभग सभी अस्पतालों में वैक्सीन की कुछ डोज बर्बाद होती है। वैक्सीन की एक वायल में दस लोगों को टीका लगाने का प्रावधान है, लेकिन इसमें 11 डोज होती है। ऐसे में ग्यारवीं डोज और वैक्सीन की बर्बादी दिखाकर स्वास्थकर्मी उन्हें खुद इस्तेमाल कर लेते हैं।
अधिकृत रूप से वेबसाइट पर यह दर्ज नहीं होता। सूत्रों के अनुसार राजधानी रांची के करीब 150 स्वास्थ्य कर्मियों ने तीसरी डोज ली है, लेकिन इसे रिकार्ड में दर्ज नहीं किया गया। अकेले सदर अस्पताल से करीब 23 स्वास्थ्यकर्मियों ने ऐसा किया है। हालांकि तीसरी डोज सुरक्षित है या नहीं, इसका कोई प्रमाण नहीं है। आइसीएमआर ने अभी दो डोज की मंजूरी दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि सिर्फ एंटीबाडी चेक कराकर तीसरी डोज लेना खतरनाक है। कभी-कभी एंटीबाडी न भी बनी हो, तो टीका की दो डोज ले चुके लोगों के शरीर में कोरोना के खिलाफ लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न हो जाती है।
रांची के सिविल सर्जन डा. विनोद कुमार बताते हैं कि तीसरी डोज देने का कोई निर्देश नहीं है। हां, बूस्टर डोज की चर्चा हो रही है। उम्मीद है कि जल्द ही बूस्टर डोज के लिए दिशा-निर्देश आ जाएगा, तब तक दो डोज ही लेना है। हमें इस नियम के तहत चलना चाहिए। कुछ जगहों से इसकी जानकारी जरूर मिली है कि लोग तीसरी डोज के लिए पूछताछ कर रहे हैं। तीसरी डोज किसने ली, इसका साक्ष्य, प्रमाण या जानकारी नहीं मिली है। हमारे पास सिर्फ दो डोज का ही रिकार्ड है और तीसरी डोज किसी तरह अगर कोई लेता भी है, तो उसका रिकार्ड नहीं है। मानकों का उल्लंघन कर अगर कोई तीसरी डोज लेता है, तो उसपर कार्रवाई होगी।
एंटीबाडी जांच कराने वालों की संख्या हुई दोगुनी
कोरोना एंटीबाडी टेस्ट करवाने वालों की संख्या काफी बढ़ी है। इनकी संख्या में दोगुना तक वृद्धि हुई है। सदर अस्पताल, रिम्स से लेकर निजी जांच लैब में हर दिन छह से सात लोग एंटीबाडी टेस्ट करवाने पहुंच रहे हैं। जिन्हें लगता है कि उनके शरीर में मानक से कम एंटीबाडी है, तो वे तीसरी खुराक की जुगाड़ में लग जाते हैं। सदर अस्पताल के डा. बिमलेश बताते हैं कि दो माह से एंटीबाडी टेस्ट कराने वालों की संख्या काफी बढ़ गई है।
पहले जहां इनकी संख्या एक-दो होती थी, लेकिन अब हर दिन पांच से छह लोग जांच करवा रहे हैं। रिम्स माइक्रोबायोलॉजी विभाग के एचओडी डा. मनोज बताते हैं कि उनके यहां भी हर दिन पांच से सात लोग जांच करवाने आ रहे हैं। जांच करवाने वालों में से 40 प्रतिशत लोगों में एंटीबाडी की मात्रा कम रहती है। निजी जांच लैब जे शरण के संचालक डा. निशांत शरण बताते हैं कि उनके यहां हर दिन करीब 20 लोग एंटीबाडी टेस्ट करवाते हैं।
कुछ लोगों ने बताया, डाक्टर की सलाह पर ली वैक्सीन
चोरी-छुपे तीसरी डोज लेने वाले बरियातू रोड के निवासी एक व्यक्ति ने बताया कि उन्हें कोविड हुआ था। इसके बाद उन्होंने टीके की दोनों डोज ली। लेकिन इसके बाद भी उनकी तबीयत खराब रहती थी। फिर एंटीबाडी टेस्ट करवाया। इसमें एंटीबाडी की मात्रा तीन थी। गाइडलाइन के अनुसार इसे चार से अधिक होना चाहिए। वैसे चिकित्सकों के अनुसार 10 से 12 ज्यादा सही है। डाक्टर ने सलाह दी कि तीसरी डोज ली जा सकती है, लेकिन इसकी कोई व्यवस्था नहीं थी। फिर निजी अस्पताल में तीसरी डोज ली। इसके लिए कुछ पैरवी लगानी पड़ी और वैक्सीन के लिए शुल्क देना पड़ा।