कोरोना के कारण पहले से महंगाई झेल रहे लोगों को अब नए साल में रूलाएगी महंगी बिजली
झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के फैसले से लोग नाराज हैं। उनकी मानें तो कोरोना काल में जनता के ऊपर एक और महंगाई थोपी जा रही है। लोग तेल अनाज और रसोई गैस की कीमत बढ़ने से पहले से परेशान चल रहे हैं। अब और बोझ लादने की तैयारी है।
जागरण संवाददाता, रांची : झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड आगामी वित्तीय वर्ष 2022- 23 से बिजली की दर में 30 प्रतिशत तक की वृद्धि कर रहा है। इसका प्रस्ताव निर्मित कर झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग को भेज दिया गया है। परंतु, राजधानी रांची के लोग झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के इस प्रस्ताव से नाराज हैं।
राजधानी रांची की जनता का कहना है कि अभी जन सामान्य कोरोना की मार से उबर नहीं पाया है। कोरोना काल में आर्थिक स्थिति खराब हो गई थी। बाजार बंद थे। अब धीरे-धीरे आर्थिक गतिविधियां बढ़ रही हैं। इस कारण से अभी बिजली की दरें बढ़ाना ठीक नहीं है। जनता का कहना है कि अगले वित्तीय साल में राज्य सरकार बिजली के मूल्य में वृद्धि न करे, तो बेहतर रहेगा।
कांटा टोली रांची के संदीप टोप्पो कहते हैं कि अभी कोरोना संक्रमण के कुप्रभाव से यहां के लोग उबर भी नहीं पाए हैं। उनकी आर्थिक हालत ठीक नहीं है। जैसे तैसे घर परिवार चला रहे हैं। इसलिए अभी बिजली के मूल्य में वृद्धि करना उचित नहीं है। पहले से ही महंगाई की मार लोग झेल रहे हैं।
कोकर रांची के रहने वाली शकुन्तला देवी बिजली वितरण निगम लिमिटेड के इस फैसले से बहुत नाराज हैं। वह कहती हैं कि निगम ठीक से बिजली की आपूर्ति नहीं कर रहा है। अक्सर बिजली आपूर्ति बाधित रहती है। पहले आपूर्ति सुनिश्चित करे, फिर बिजली का दाम बढ़ाए तो बात समझ में आती है। वैसे अभी लोगों को राहत देन का समय है।
हरमू रांची के रहने वाले कमल निषाद कहते हैं कि राज्य सरकार पहले झारखंड में शून्य कट बिजली देना सुनिश्चत करे, इसके बाद ही बिजली का दाम बढ़ाने पर कोई विचार करे। राजधानी में आलम यह है कि अभी लोगों को 24 घंटे बिजली नहीं मिल पा रही है। दूसरी बात यह कि अभी कोरोना के कहर से लोग उबर नहीं पाए हैं। आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। ऐसे में एक और महंगाई थोपना, अमानवीय कदम होगा। सरकार विचार करे।
बरियातू रांची के रहने वाले राजीव कहते हैं कि राजधानी रांची में इस समय खूब बिजली कट रही है। हर दिन फाल्ट होते हैं। पहले बिजली आपूर्ति व्यवस्था ठीक करने की जरूरत है। दूसरी बात यह कि कोरोना संक्रमण काल में तीस फीसद दाम बढ़ाने के बारे में सोचना भी अमानवीय है। लोगों की आर्थिक स्थिति सुधर जाने के बाद कोई पहल की जानी चाहिए थी।
किशोरगंज रांची की रहने वाली कुमुद झा ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि इधर कई दिनों से राजधानी समेत ग्रामीण इलाकों में बिजली कटौती से लोग कठिनाई झेल रहे हैं। बिजली कटौती के कारण लगता ही नहीं कि राजधानी में रहते हैं। ऐसी स्थिति में बिजली महंगी करने का प्रस्ताव जनता पर एक और बोझ थोपना है। इस प्रस्ताव ने लोगों का नया साल खराब कर दिया। मूल्य वृद्धि नहीं होना चाहिए। सरकार को हस्तक्षेप करने की जरूरत है।