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Coronavirus Update: झारखंड में कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीज भी बिना जांच नहीं होंगे डिस्चार्ज

Coronavirus Update. केंद्र ने हल्के लक्षण वाले मरीजों को 10 दिनों बाद बिना जांच भी डिस्चार्ज करने की छूट दी है। राज्‍य सरकार अभी बिना जांच मरीजों को छोडऩा खतरनाक मान रही है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Mon, 11 May 2020 02:58 PM (IST)Updated: Mon, 11 May 2020 02:58 PM (IST)
Coronavirus Update: झारखंड में कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीज भी बिना जांच नहीं होंगे डिस्चार्ज
Coronavirus Update: झारखंड में कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीज भी बिना जांच नहीं होंगे डिस्चार्ज

रांची, [नीरज अम्बष्ठ]। हल्के लक्षण वाले कोरोना मरीजों को 10 दिनों बाद बिना जांच के अस्पतालों से छुट्टी देने की भारत सरकार की गाइडलाइन अभी झारखंड में लागू नहीं होगी। राज्य सरकार का मानना है कि मरीजों को अस्पताल से बिना जांच घर जाने की छूट देना संक्रमण के लिहाज से खतरनाक हो सकता है। इस कारण झारखंड में कोरोना मरीजों के संक्रमणमुक्त होने पर अस्पतालों से छुट्टी देने के अभी पुराने नियम ही लागू रहेंगे। दरअसल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना के मरीजों को अस्पताल से छुट्टी देने की पॉलिसी में संशोधन किया है।

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शुक्रवार को किए गए इस संशोधन के तहत वायरस के हल्के असर वाले मरीजों के नियमित तापमान और नब्ज की धड़कन पर नजर रखी जाएगी। यदि इनमें लक्षण नजर नहीं आते तो उन्हें दस दिन में अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी। इतना ही नहीं, छुट्टी से पहले उन्हें जांच कराने की भी जरूरत नहीं होगी। हालांकि इन्हें घर में सात दिन के आइसोलेशन की सलाह दी जाएगी। संशोधित पॉलिसी के अनुसार, मध्यम श्रेणी (मॉडरेट) के मरीजों में बुखार यदि तीन दिन में उतर जाता है और अगले तीन दिन तक ऑक्सीजन की कमी नहीं होती है तो उसे भी 10 दिनों में छुट्टी मिल जाएगी।

हालांकि इस तरह के मरीजों के मामले में नजर रखी जाएगी कि उन्हें फिर से तेज बुखार या सांस लेने में परेशानी न हो। वहीं, गंभीर मरीजों और कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले रोगियों को आरटी-पीसीआर प्रक्रिया से जांच निगेटिव आने के बाद ही छुट्टी मिलेगी। वर्तमान में तीनों श्रेणी के उन मरीजों को ही अस्पताल से छुट्टी मिलती है, जिनकी 24 घंटे के भीतर दो बार कराई गई जांच में दोनों की रिपोर्ट निगेटिव आती है। मरीजों की यह जांच उसके ठीक रहने पर संक्रमण की पुष्टि के 14 दिनों के बाद होती है।

साथ ही अस्पताल से छुट्टी होने के बाद संक्रमण मुक्त व्यक्ति को 14 दिनों तक क्वारेंटाइन में रहना पड़ता है। इधर, स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि बिना जांच मरीजों को घर जाने देना संक्रमण के लिहाज से खतरनाक हो सकता है। इसलिए राज्य में अभी पुरानी व्यवस्था लागू होगी। हालांकि ठीक हुए मरीजों के क्वारंटाइन पीरियड को 14 दिन की बजाय सात दिन करने पर विचार किया जा सकता है।

संशोधित पाॅलिसी लागू हुई तो 80 से 90 फीसद मरीज घर में होंगे

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यदि हल्के लक्षण वाले मरीजों को बिना जांच ही घर जाने की अनुमति मिल जाए तो वर्तमान मरीजों में 80 से 90 फीसद घर चले जाएंगे। इसका कारण यह है कि अधिसंख्य मरीजों में कोई लक्षण नजर नहीं आ रहा है। अधिकारियों के अनुसार, शायद केंद्र ने इस उद्देश्य से यह निर्णय लिया ताकि अस्पतालों में बेड बिना लक्षण वाले मरीजों से भर न जाए।

'झारखंड में अभी इसे लागू करना ठीक नहीं होगा। हमने सभी जिलों को पूर्व के नियम को ही लागू करने का निर्देश दे दिया है। महाराष्ट्र, गुजरात जैसे राज्यों में यह ठीक हो सकता है, क्योंकि वहां अधिक मरीज हैं।' -डॉ. नितिन मदन कुलकर्णी, प्रधान सचिव, स्वास्थ्य विभाग।


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