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कंधे में ट्यूमर से परेशान मरीज तीन बार लगा चुका है रिम्स का चक्कर, एक बार आने में 6000 करना पड़ता है खर्च

रिम्स में कई ऐसे मरीज पहुंचेते हैं जिन्हें बगैर इलाज घर लौटना पड़ता है। शनिवार को भी ऐसा ही मामला प्रकाश में आया। 45 वर्षीय चामटू अंसारी मरीज के कंधे में ट्यूमर था। बंगाल के पुरुलिया से वे करीब 20 दिन पहले अपना इलाज कराने रिम्स के कैंसर विभाग पहुंचे।

By Kanchan SinghEdited By: Published: Sat, 28 Nov 2020 04:41 PM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2020 04:41 PM (IST)
कंधे में ट्यूमर से परेशान मरीज तीन बार लगा चुका है रिम्स का चक्कर, एक बार आने में 6000 करना पड़ता है खर्च
रिम्स में कई ऐसे मरीज पहुंचेते हैं जिन्हें बगैर इलाज घर लौटना पड़ता है

 रांची(जागरण संवाददाता) ।  रिम्स में कई तरह की गंभीर बीमारियों का इलाज शुरू हो चुका है। यहां के चिकित्सक हर दिन नए रिकार्ड अपने नाम दर्ज करा रहे हैं। प्रबंधन भी बोलचाल में इसे एम्स बनाने की बात करता है। लेकिन अभी भी इसमें कई कमियां हैं। रिम्स में कई ऐसे मरीज पहुंचेते हैं जिन्हें बगैर इलाज घर लौटना पड़ता है। शनिवार को भी ऐसा ही मामला प्रकाश में आया।

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45 वर्षीय चामटू अंसारी मरीज के कंधे में ट्यूमर था। बंगाल के पुरुलिया से वे करीब 20 दिन पहले अपना इलाज कराने रिम्स के कैंसर विभाग पहुंचे। यहां आने पर चिकित्सक ने कुछ जांच लिखा। साथ ही रिपोर्ट आने के बाद आपरेशन की सलाह दी। डाक्टर ने मरीज को 12 दिन बाद आपरेशन के लिए रिपोर्ट के साथ बुलाया। लेकिन मरीज को 20 दिन के बाद भी बगैर इलाज के घर लौटना पड़ा। मरीज के परिजन खातिर अंसारी ने बताया कि जांच के लिए सैंपल लेने के बाद एक सप्ताह में रिपोर्ट देने की बात कही गई थी। शनिवार को सैंपल दिया गया। 12 दिन बीत गए । लेकिन रिपोर्ट अब तक नहीं आई है। उन्होंने बताया कि रिपोर्ट के लिए अब भी 10 दिन इंतजार करने को कहा जा रहा है।

मरीज की बिगड़ रही स्थिति, आपरेशन करना जरूरी

पुरुलिया के गुंधड़ीह के रहने वाले 45 वर्षीय मरीज चामटू अंसारी की स्थिति दिन ब दिन बिगड़ती जा रही है। समय पर आपरेशन नहीं होने से कैंसर शरीर के दूसरे हिस्से में भी फैल सकता है। बावजूद अस्पताल में रिपोर्ट देने में लापरवाही की जा रही है। खातिर ने बताया कि अब तक तीन बार अस्पताल से बगैर इलाज के लौटना पड़ा है। गरीब परिवार से हैं। लेकिन किसी तरह की सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। एक बार अस्पताल आने और लौटने में 6 हजार का खर्च आता है। अब तक 18हजार रुपये बिना इलाज के ही खर्च हो चुके हैं।


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