पंचायती राज कर्मी संघ का आंदोलन: 5 दिन से बंद है एचईसी का मुख्य गेट, रांची की एक लाख आबादी परेशान
सेवा विस्तार की मांग को लेकर पंचायती राज लेखा लिपिक और जूनियर इंजीनियरों का धरना बुधवार को भी जारी है। ये संविदाकर्मी बीते 17 दिसंबर से 14 वां वित्त पंचायती राज कर्मी संघ के बैनर तले बिरसा चौक पर अपनी मांगों को लेकर धरने पर हैं।
रांची, जासं । सेवा विस्तार की मांग को लेकर पंचायती राज लेखा लिपिक और जूनियर इंजीनियरों का धरना बुधवार को भी जारी है। ये संविदाकर्मी बीते 17 दिसंबर से 14 वां वित्त पंचायती राज कर्मी संघ के बैनर तले बिरसा चौक पर अपनी मांगों को लेकर धरने पर हैं। लेकिन इनके आंदोलन ने पिछले पांच दिनों से एक लाख से अधिक लोगों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। दरअसल, हुआ कुछ यूं कि 22 जनवरी को विधानसभा भवन की ओर कूच करने के दौरान इन आंदोलनकारियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। जिसमें पुरूष समेत कई महिला आंदोलनकारी भी घायल हो गईं। इसके बाद इन्होंने गुस्से में एचईसी गेट को बंद कर दिया। और बीच सड़क पर ही आंदोलन पर बैठ गए हैं। इधर, एचईसी गेट के बंद होने से एचईसी कॉलोनी, धुर्वा की लगभग एक लाख से अधिक की आबादी त्रस्त है।
हालांकि इस बीच प्रशासन की टीम आंदोलनकारियों से वार्ता करने का प्रयास कर रही है। उन्हें आश्वासन भी दिया जा रहा है। लेकिन धरना दे रहे कर्मी आन्दोलन समाप्त करने को राजी नहीं हैं। उनका स्पष्ट कहना है कि जब तक लिखित में सेवा विस्तार की गारंटी नहीं दी जाती है धरना से नहीं हटेंगे। दो दिन पहले नगड़ी सीओ वार्ता करने पहुंची थी जो बेनतिजा रही।
आंदोलनकारियों ने कहा मौखिक बातचीत से नहीं चलेगा काम, लिख कर दीजिए
आंदोलनकारियों से बात करने गई नगड़ी सीओ वंदना सेजवलकर ने एक लाइन में कहा की मौखिक बातचीत से काम नहीं चलेगा हुए किसी सक्षम पदाधिकारी से लिखित में आश्वासन दें तभी वह धरना समाप्त करेंगे। सीओ ने समझाया था कि दुमका से मुख्यमंत्री के लौटते ही डीसी के माध्यम से की वार्ता कराई जाएगी। हालांकि, आंदोलनकारियों द्वारा बार-बार लिखित में देने की बात करने पर सीओ वहां से निकल गई।
एचईसी गेट बंद रहने से स्थानीय लोगों को झेलना पड़ रहा मुसीबत
बिरसा चौक पर धरना पर बैठे पंचायती राज कर्मी प्रोजेक्ट भवन की ओर ना बढ़ जाए, इस कारण एचईसी की ओर जाने वाली सड़क को बंद कर दी गई है। एचईसी गेट में ताला लगा दिया गया है। एक छोटा सा गेट खुला हुआ है जिससे लोग पैदल आ जा रहे हैं। कार और ऑटो पार नहीं हो पा रहा है। इस कारण एचईसी और उसके आगे रहने वाले लोगों को काफी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है।