नए साल में झारखंड में होंगे पंचायत चुनाव, सभी जिले हो चुके हैं तैयार
झारखंड में पंचायत चुनाव की तमाम तैयारियां हो चुकी हैं लेकिन इस वर्ष सरकार चुनाव नहीं करा रही है। अब अगले साल यानी वर्ष 2022 में पंचायत चुनाव होने की उम्मीद जगी है। हालांकि सभी जिले इस चुनाव के लिए तैयार नजर आ रहे हैं।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड में पंचायत चुनाव की संभावना फिलहाल नहीं दिख रही है। विधानसभा में लंबोदर महतो के सवाल पर सरकार का जवाब कुछ ऐसा ही था। आजसू पार्टी के विधायक ने सवाल पूछा था कि क्या राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गए प्रस्ताव के अनुसार राज्य सरकार यथाशीघ्र चुनाव कराना चाहती है।
सरकार ने कोविड के कारण अनुमोदित नहीं किया
उत्तर में सरकार ने कहा कि अभी चुनाव की योजना नहीं है। राज्य सरकार ने कहा है कि राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव को लेकर जिस कार्यक्रम का प्रस्ताव दिया था उसे सरकार ने कोविड के खतरों को देखते हुए अनुमोदित नहीं किया है। राज्य निर्वाचन आयोग ने 29 नवंबर को सरकार को भेजे गए पत्र में बताया था कि सभी जिलों में चुनाव की तैयारियां कर ली गई हैं। सरकार ने इसके साथ ही अपने जवाब में जोड़ा है कि मतदाता सूची पुनरीक्षण का कार्य चल रहा है। मतदाता सूची का प्रकाशन पांच जनवरी 2022 को कर लिया जाएगा। जिलों में 10 फरवरी 2022 तक मतदाता सूची का प्रकाशन हो जाएगा, हालांकि चुनाव को लेकर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही कि अब नए वर्ष 2022 में ही मार्च से पूर्व चुनाव हो सकते हैं।
पेसा नियमावली नहीं, सभी जिलों में होगा पंचायत चुनाव
शीतकालीन सत्र के दौरान राज्य सरकार ने यह माना है कि झारखंड में पेसा कानून को लेकर नियमावली नहीं बनी है और इस कारण अनुसूचित क्षेत्रों में भी पंचायत चुनाव कराया जाएगा। विधायक दीपक बिरुआ के सवाल पर सरकार की ओर से यह जवाब आया है। पेसा नियमावली बनाए बगैर अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायत चुनाव स्थगित करने को लेकर कोई प्रस्ताव राज्य सरकार के पास नहीं है।
सबने कागज फाड़ा, सबको निलंबित कर दीजिए : सीपी
भाजपा विधायक सीपी सिंंह ने विधानसभा में अध्यक्ष से आग्रह किया कि विधायक मनीष जायसवाल का निलंबन वापस लिया जाए या फिर सभी भाजपा विधायकों को निलंबित किया जाए। उन्होंने कहा कि मंगलवार को सदन में भाजपा के सभी विधायकों ने पर्चा फाड़ा था और इस आधार पर सभी को निलंबित किया जाना चाहिए। दूसरी पाली में विधानसभा अध्यक्ष ने मनीष जायसवाल का निलंबन वापस लेने की घोषणा की। उन्हें ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का उत्तर फाडऩे के कारण विधानसभा अध्यक्ष ने निलंबित कर दिया था।