पान-मसाला के ट्विन पैक पर लगेगा प्रतिबंध
रांची : सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद झारखंड में चोरी-छिपे पान-मसाला बेचने वालों पर सरकार की तिरछी नजर है। पान-मसाला के ट्विन पैक (पाउच) की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने के लिए सरकार इसके कारोबारियों पर चौतरफा वार करेगी। सोमवार को मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली राज्य तंबाकू नियंत्रण समन्वय समिति की बैठक में यह सहमति बनी। इसके तहत राज्य में एक ही कंपनी के नाम से पान मसाला और जर्दा अलग-अलग नहीं बिकेगा।
रांची : सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद झारखंड में चोरी-छिपे पान-मसाला बेचने वालों पर सरकार की तिरछी नजर है। पान-मसाला के ट्विन पैक (पाउच) की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने के लिए सरकार इसके कारोबारियों पर चौतरफा वार करेगी। सोमवार को मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली राज्य तंबाकू नियंत्रण समन्वय समिति की बैठक में यह सहमति बनी। इसके तहत राज्य में एक ही कंपनी के नाम से पान मसाला और जर्दा अलग-अलग नहीं बिकेगा।
दरअसल, राज्य सरकार ने गुटका (जिसमें पान मसाला और जर्दा दोनों रहता है) पर पहले से ही प्रतिबंध रखा है। इसकी काट के रूप में कई कंपनियों के पान मसाला और जर्दा अलग-अलग पाउच में धड़ल्ले से बिक रहे थे। हालांकि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद इसपर भी रोक लगाने का आदेश पिछले साल जारी हुआ था, लेकिन इसका सख्ती से अनुपालन नहीं हो रहा था। राज्य सरकार अब इसका सख्ती से अनुपालन कराएगी।
समिति ने पुलिस और जिला प्रशासन के सौजन्य से यह सुनिश्चित करने को कहा कि जो भी दुकानदार तंबाकू बेचने का लाइसेंस लेते हैं, उन्हें तंबाकू के अलावा उस दुकान में अन्य खाद्य सामग्री बेचने की इजाजत नहीं दी जाए। इस संबंध में रांची नगर निगम द्वारा लिए गए निर्णय को अन्य सभी निकायों में भी लागू करने का निर्णय लिया गया। बैठक में तस्करी से राज्य के भीतर पहुंच रहे सिगरेट व अन्य तंबाकू उत्पादों पर चिंता प्रकट करते हुए गृह विभाग को इससे सख्ती से निपटने का निर्देश दिया गया। साथ ही पान-मसाला की ब्रिकी पर रोक के लिए कानून बनाने पर भी जोर दिया गया।
मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने इस दौरान राज्य में स्मोकलेस तंबाकू के बढ़ते प्रचलन पर चिंता जताई तथा सूचना एवं जनसंपर्क विभाग को पंचायत स्तर तक पर जागरूकता फैलाने का निर्देश दिया। साथ ही पंचायतों को तंबाकू रहित बनाने के उद्देश्य से पंचायत सचिवों और ग्राम प्रधानों द्वारा वसूली गई जुर्माना राशि को पंचायत कोष में देने का सुझाव दिया। स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव निधि खरे ने बसों में तंबाकू सेवन से जुड़ी हानियों को जहां प्रदर्शित करने का सुझाव दिया। इससे पूर्व तंबाकू नियंत्रण अधिनियम को अमल लाने के लिए गाइडलाइन का विमोचन किया गया। बैठक में विभिन्न विभागों के सचिव के अलावा गैर सरकारी संस्था सीड्स के प्रतिनिधि दीपक मिश्रा ने भी बैठक में शिरकत की।
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हर सेकेंड छह लोगों की हो रही मौत :
तंबाकू सेवन के साइड इफेक्ट की बात करें तो तंबाकू और इससे निर्मित उत्पाद विश्व में हर सेकेंड छह लोगों की जान ले रहा है। अकेले भारत में तंबाकू जनित रोगों से 12 लाख लोगों की मौत हो रही है। तंबाकू जनित बीमारियों के इलाज पर भारत में प्रति वर्ष एक लाख चार हजार 500 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं।
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होटलों में नहीं चलेगा हुक्काबार :
होटलों को लाइसेंस लेने समय इसका शपथपत्र देना होगा कि वे कोटपा कानून का अनुपालन करेंगे। होटल में हुक्काबार नहीं चलेगा तथा परिसर में धूम्रपान पूरी तरह निषेध रहेगा।
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इस पर भी हुआ विचार :
- बच्चों को तंबाकू के दुष्परिणामों से बचाने के लिए इसे पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाए।
- कृषि विभाग तंबाकू की जगह पर फूल आदि वैकल्पिक खेती को प्रोत्साहित करे।
- तंबाकू नियंत्रण में लगी संस्थाओं को सम्मानित किया जाएगा।
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