झारखंड में ग्यारह ब्रांड के पान मसालों की बिक्री पर प्रतिबंध
रांची राज्य सरकार ने 11 ब्रांड के पान मसालों की बिक्री भंडारण तथा विनिर्माण पर एक साल के लिए रोक लगा दी है।
रांची : राज्य सरकार ने 11 ब्रांड के पान मसालों की बिक्री, भंडारण तथा विनिर्माण पर एक साल के लिए पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। स्वास्थ्य सचिव सह खाद्य सुरक्षा आयुक्त डॉ. नितिन मदन कुलकर्णी ने शुक्रवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया। पान मसालों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने वाला झारखंड तीसरा राज्य बन गया है।
दरअसल, राज्य सरकार ने विभिन्न जिले से इन पान मसालों के सैंपल की जांच कराई थी। इनमें से कुल 41 सैंपल की जाच में प्रतिबंधित मैग्नीशियम कार्बोनेट पाया गया। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में इसपर चर्चा हुई, जिसके बाद इनकी बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया। इनमें सभी बड़े ब्रांड हैं। बता दें कि कोरोना से बचाव को लेकर राज्य में पहले ही तंबाकू व पान मसालों पर प्रतिबंध लगा हुआ है। लेकिन, यह प्रतिबंध अब जन स्वास्थ्य को लेकर एक साल के लिए लगाया गया है। सोशियो इकोनॉमिक एंड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसायटी (सीड्स) के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्र ने पान मसाला पर प्रतिबंध लगाने को राज्य सरकार का साहसिक कदम बताया है। उनके अनुसार, झारखंड में 38.9 फीसद लोग तंबाकू का सेवन करते हैं। इनमें चबानेवाले तंबाकू सेवन करने वालों का प्रतिशत 34.5 है, जो राष्ट्रीय औसत से बहुत अधिक है।
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मैग्नीशियम कार्बोनेट से होती है हार्ट की बीमारी :
चिकित्सकों के अनुसार, मैग्नीशियम कार्बोनेट से हार्ट से संबंधित रोग हो सकते हैं। इसके अलावा कई अन्य रोगों के लिए भी यह जिम्मेदार हो सकता है। पान मसाला के लिए फूड सेफ्टी एक्ट, 2006 में दिए गए मानक के मुताबिक मैग्नीशियम कार्बोनेट मिलाया जाना प्रतिबंधित है। झारखंड में भी शराब बेचने क तैयारी, मंथन जारी
रांची : कोरोना संकट में चल रहे लॉकडाउन के बीच अब झारखंड में भी शराब बेचने की तैयारी चल रही है। शराब की बिक्री किस तरह की जाएगी, इसपर मंथन जारी है। शारीरिक दूरी का पालन करते हुए शराब की बिक्री करने पर विचार किया जा रहा है। वहीं दूसरे राज्यों के मॉडलों का भी अध्ययन किया जा रहा है, ताकि बिना किसी परेशानी के सरकार का राजस्व भी बढ़े और लोगों की परेशानी भी कम हो। ऑनलाइन बिक्री के विकल्प पर भी विचार किया जा रहा है। माना जा रहा है कि दो दिनों के भीतर इसपर ठोस निर्णय लिया जा सकता है।
सरकार इस बिंदु पर भी विचार कर रही है कि जिस तरह दिल्ली व अन्य राज्यों में शराब की बिक्री शुरू होते ही भारी भीड़ उमड़ पड़ी, उस तरह के हालात यहां न पैदा हों। भीड़ बढ़ने से जहां शारीरिक दूरी का पालन कराना मुश्किल होगा, वहीं इससे कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ने से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। ऐसे में झारखंड सरकार ऑनलाइन शराब की बिक्री पर विचार कर रही है, ताकि शारीरिक दूरी का भी पालन हो और लोगों को आसानी से शराब भी मिल जाए। इतना ही नहीं, ग्रीन व ऑरेंज जोन की दुकानों को खोलने के लिए केंद्र से जो गाइडलाइन जारी किए गए हैं, उसी के अनुरूप राज्य में अन्य दुकानों को खोलने पर भी विचार किया जा रहा है।