प्रेम प्रसंग में रोड़ा बने भाई की बहन ने जान ली, पिता को खाने में खिला दी धतूरा की चटनी
इस युवती ने पिता को मारने की नीयत से खाने में धतूरे की चटनी परोसा था। हत्याकांड के बाद पुलिस ने युवती को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। उसके प्रेमी मुकेश की तालाश जारी है।
पलामू, जासं। पलामू जिला अंतर्गत छतरपुर थाना क्षेत्र के मुंकेरी स्थित नेउरीबार गांव निवासी संजय विश्वकर्मा की पुत्री प्रियंका कुमारी ने अपने प्रेम प्रसंग की राह में रोड़ा समझकर नाबालिग चचेरे भाई प्रकाश विश्वकर्मा की हत्या कर दी। पुलिस प्रियंका को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। हत्या के लिए उकसाने के आरोपि प्रियंका के प्रेमी मुकेश की गिरफ्तारी के लिए पुलिस खोजबीन शुरू कर दी है।
इस संबंध में थाना प्रभारी बासुदेव मुंडा ने बताया कि छतरपुर थाना के कौवल स्थित रामगढ़ निवासी मुकेश सिंह के साथ प्रियंका का प्रेम संबंध था। इसकी जानकारी उसके घर वालों को हो गई थी। इस कारण घर वाले प्रियंका से उसका मोबाईल फोन छीन लिया था। इस बीच अपने चाचा के पुत्र प्रकाश से मोबाईल मांगकर अक्सर अपने प्रेमी से बात करती थी। 8 मई को प्रियंका अपने सगे छोटे भाई व चचेरे भाई प्रकाश के साथ दूर एक सुनसान जगह गई। यहां प्रकाश से मोबाईल मांगकर अपने प्रेमी से बात करने लगी।
ज्यादा देर होने पर प्रकाश फोन मांगने लगा। थोड़ी और देर बाद मोबाईल लौटाने की बात कही तो प्रकाश ने कहा कि तुरंत मोबाईल फोन दें, नहीं तो घर जाकर सभी को इसकी जानकारी दें देंगे। यह सुन प्रेमी मुकेश ने प्रियंका से कहा कि ज्यादा तंग कर रहा है तो कुआं में डालकर जान मार दो। इस बीच प्रियंका अपने सगे भाई को घर भेज दी। इसके बाद कुंए में सांप होने की बात कहकर चचेरे भाई प्रकाश को कुआं के पास ले गई।
प्रकाश सांप देखने को कुंआ में झांकने लगा। इस बीच प्रियंका ने उसे कुआं में धकेल दिया। इससे उसकी मौत हो गई। इधर देर रात तक प्रकाश घर नहीं आया तो घर वालों ने उसकी खोजबीन शुरू की। गांव वालों ने बताया कि शाम में प्रियंका के साथ प्रकाश को कुआं की ओर जाते देखा था। ग्रामीणों ने झगर डालकर कुंआ में खोजबीन शुरू की तो प्रकाश का शव निकला।
थाना प्रभारी ने बताया कि प्रियंका ने अपना गुनाह कबूल करते हुए पूरी घटना की जानकारी दी है। बताया कि प्रियंका अपराधी प्रवृति की लड़की है। मोबाईल छीने जाने पर उसने अपने पिता को भी जान से मारने की नीयत से धतूरे की चटनी बनाकर खाने को दी थी। बावजूद किसी तरह उसके पिता की जान बचा गई थी।