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अंधविश्‍वास: डर के मारे झारखंड के इस गांव में नहीं हो रही धान की कटाई; जानें इसकी बड़ी वजह...

Chatra News गांव के कुछ ग्रामीणों ने पहल करके दोनों पक्ष के लोगों को कई बार समझाने बुझाने का प्रयास किया। लेकिन दोनों पक्ष अपनी अपनी बातों पर अड़े रहे। इसी आपसी जिद के कारण फसल की कटाई नहीं हो पा रही है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Tue, 05 Jan 2021 08:16 PM (IST)Updated: Wed, 06 Jan 2021 12:58 AM (IST)
अंधविश्‍वास: डर के मारे झारखंड के इस गांव में नहीं हो रही धान की कटाई; जानें इसकी बड़ी वजह...
चतरा के पितीजी गांव में खेत में धान की फसल। जागरण

इटखोरी (चतरा), जासं। दिल्‍ली में एक ओर किसान कृषि कानूनों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, वहीं झारखंड के चतरा जिले के एक गांव में किसान किसी अनजाने डर के मारे और अनहोनी की आशंका के चलते अपनी धान की फसल की कटाई नहीं कर रहे हैं। किसानों ने अंधविश्‍वास के कारण धान की फसल को खेत में ही छोड़ दिया है। इससे धान खेत में ही पड़े-पड़े सड़ रही है। मामला इटखोरी प्रखंड के पितीजी गांव की है। बताया गया कि यहां देवी मंडप में पूजा को लेकर एक ही समुदाय के दो पक्षों के बीच पिछले कुछ दिनों से विवाद उभर गया है। इस वजह से देवी मंडप के आसपास मौजूद खेतों में लगी धान की फसल की कटाई नहीं हो पा रही है।

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फसल यूं ही बर्बाद हो रही है। ग्रामीणों ने बताया कि देवी मंडप के आसपास जिन लोगों के खेत हैं, उन लोगों में कई परिवारों के सदस्य जय गुरुदेव नामक धार्मिक संस्था के शिष्य बन गए हैं। यह लोग मंदिर वगैरह में अब पूजा नहीं करते हैं। इस वजह से इस गांव में देवी मंडप में पूजा के पश्चात धान की कटाई की परंपरा का निर्वाह नहीं हो पा रहा है। जय गुरुदेव समुदाय के लोग पूजा नहीं करने पर अड़े हुए हैं। वहीं उनके ही बिरादरी के सनातन धर्मावलंबी देवी मंडप में पूजा होने के बाद ही धान की कटाई करने की जिद ठाने हुए हैं।

इस विवाद को लेकर दोनों पक्ष के लोगों का अपना-अपना तर्क है। गांव के कुछ ग्रामीणों ने पहल करके दोनों पक्ष के लोगों को कई बार समझाने-बुझाने का प्रयास किया, लेकिन दोनों पक्ष अपनी-अपनी बातों पर अड़े रहे। इसी आपसी जिद के कारण देवी मंडप के आसपास मौजूद खेतों में लगी धान की फसल की कटाई नहीं हो सकी है। वर्तमान समय में फसल उसी तरह खड़ी है। हालांकि फसल से धान के दाने पूरी तरह झड़ गए हैं।


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