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कीड़े से फैलने वाले वायरस बने संकट, धान की फसलों को लगा गंभीर रोग Ramgarh News

Jharkhand News यह रोग रामगढ़ जिले के सभी प्रखंडों में तेजी से फैल रहा है। धान की फसलों के लिए यह संकट बन गया है। खराब हो चुके फसल को ठीक करना संभव नहीं है। शेष बचे फसलों को बचाना ही उपाय है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 05:18 PM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 05:22 PM (IST)
कीड़े से फैलने वाले वायरस बने संकट, धान की फसलों को लगा गंभीर रोग Ramgarh News
कीड़े लगने से खराब हुए धान के फसल। जागरण

रामगढ़, [देवांशु शेखर मिश्र]। पूरी दुनिया में मानव जीवन के लिए संकट बने कोरोना वायरस से बचाव को लेकर वैज्ञानिक इसके वैक्सीन खोजने में लगे हैं। इसके इतर कथित कीड़े से फैल रहे वायरस धान की फसल के लिए संकट बन गए हैं। जानकार इसे धान की फसल को गंभीर रोग लगना भी बता रहे हैं। जिन फसलों पर यह वायरस जनित रोग लग गया, उसे तो नहीं बचाया जा सकता लेकिन प्रारंभिक अवस्था में शेष बचे फसल को बचाने के उपाय किए जा सकते हैं।

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इससे किसानों को दोहरी आर्थिक मार पड़ने की बात जानकार कर रहे हैं। जिले के रामगढ़ प्रखंड के कुंदरू कलां गांव निवासी कामेश्वर महतो, महेंद्रर महतो, छुटू महतो, पारसनाथ महतो को उम्मीद थी इस बार अच्छी बारिश के कारण धान की फसल भी उम्मीद से ज्यादा बेहतर होगी। लेकिन उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया। धान की फसल पर लगे इस रोग से शेष धान की फसल को बचाने की चिंता उन्हें सताने लगी है।

कुछ यही स्थिति रामगढ़ नगर परिषद क्षेत्र के गोसा निवासी ईश्वरनाथ महतो, रूपेश, शीला देवी, चेटर के डालचंद महतो, दुलमी प्रखंड अंतर्गत उसरा पंचायत के प्रयाग महतो, मांडू प्रखंड अंतर्गत चुंबा पंचायत के हरी महतो के खेत में लगी धान की फसल के साथ भी दिख रही है। इससे यहां के किसान भी काफी चिंतित हैं। सरकार को भी उम्मीद थी कि इस वर्ष उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि होगी।

किसानों ने इसकी जानकारी कृषि विभाग को भी दी है। हालांकि इस रोग के संबंध में जानकारी राज्य मुख्यालय को भी मिली है। इसे वे फंगस रोग बता रहे हैं। जानकार बताते हैं कि यह वायरस जनित रोग है जो एक कीड़े के द्वारा प्रसार किया जाता है और इसका निरंतर प्रसार खेतों में देखने को मिल रहा है। यह रोग राइस हुपर्स कीड़े के कारण होता है जो कि प्रथम दृष्ट्या यह ब्राउन पौधा हुपर्स का संक्रमण प्रतीत हो रहा है और इसका फैलाव तेजी से हो रहा है।

हूपर्स बर्न रोग को लेकर गंभीर नहीं पौधा संरक्षण विभाग

धान की फसल में लगे हूपर्स बर्न रोग को लेकर पौधा संरक्षण विभाग गंभीर नहीं दिख रहा है। फसलों के खराब होने की खबर तेजी से फैल रही है। लेकिन संबंधित विभाग अपनी डफली अपना राग अपना रहा है। न तो फसलों के बचाव के लिए किसानों को तकनीकी जानकारी सुलभ करा पा रहा है और न ही खेत तक ही पहुंचने की जहमत उठा रहा है।

पशु चारे तक के लिए नहीं रह पा रही स्थिति

हुपर्स बर्न रोग के कारण खराब हुई फसल पूरी तरह से नष्ट होने की बात जानकार कह रहे हैं। उनका कहना है कि रोग लगने के बाद यह फसल जानवरों के चारे के लिए भी नहीं रह पा रही है। यह पूरी तरह से नष्ट हो जा रही है।

'प्रारंभिक तौर पर देखने पर यह ब्राउन पौधा हुपर्स का संक्रमण प्रतीत हो रहा है। किसान बंधु इस हुपर्स बर्न के प्रकोप से बचाव के लिए प्रारंभिक अवस्था में काॅपर ऑक्सीक्लोराइड 3.5ग्राम, एस्ट्रेप्टोसाइकलिन 1.5 व इमिडाक्लोरोप्रिड दवा 1.5 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करने से लाभ मिल सकता है। स्प्रे में ध्यान रखना होगा कि प्रभावित जगहों पर दवा पहुंचे।' -चंद्रमौली उप परियोजना निदेशक, आत्मा, रामगढ़।


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