Jharkhand: अस्पतालों में आउटसोर्सिंग का खेल होगा बंद, कमेटी बनाकर जांच का आदेश
Jharkhand Hospital News Ranchi Health News Hindi Samachar झारखंड स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने अभियान निदेशक को आदेश दिया है और रिपोर्ट मांगी है। एजेंसियों के चयन से लेकर कर्मियों की संख्या में गड़बड़झाला होता है।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड के मेडिकल काॅलेजों, अस्पतालों तथा स्वास्थ्य विभाग के कार्यालयों में आउटसोर्सिंग का खेल बंद होगा। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने अभियान निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान-झारखंड उमाशंकर सिंह को कमेटी गठित कर मेडिकल काॅलेजों व अस्पतालों से प्राप्त रिपोर्ट का विश्लेषण कराने तथा इस संबंध में स्पष्ट जांच रिपोर्ट देने के लिए कहा है।
दरअसल, समीक्षा में यह बात सामने आई है कि विभिन्न मेडिकल काॅलेजों व अस्पतालों में आउटसोर्सिंग से ली जा रही सेवाओं की दरों में एकरूपता नहीं है। अपर मुख्य सचिव ने अभियान निदेशक को दिए निर्देश में कहा है कि इससे वित्तीय अनियमितता से इन्कार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने अभियान निदेशक को कमेटी से विश्लेषण कराकर उन्हें 31 जुलाई तक रिपोर्ट देने के लिए कहा है।
इससे पहले, अपर मुख्य सचिव के निर्देश पर सभी मेडिकल कॉलेजों, अस्पतालों तथा विभाग के अन्य कार्यालयाें से आउटसोर्सिंग से ली जा रही सेवाओं तथा संबंधित एजेंसियों के बारे में पूरी रिपोर्ट मंगाई गई थी। इसके तहत कार्य कर रही एजेंसियों के संबंध में जानकारी, उसके साथ हुए एकरारनामा की शर्त, उपलब्ध कराए जा रहे मानव संसाधन, मासिक खर्च आदि की पूरी जानकारी मंगाई गई है।
बताते चलें कि मेडिकल कॉलेजों तथा अस्पतालों में नर्सिंग, पारा मेडिकल, सफाई कर्मी, सुरक्षा कर्मी आदि आउटसोर्सिंग से बहाल किए जाते हैं। एजेंसियों के चयन में होने वाले टेंडर में गड़बड़ी से लेकर आवश्यकता से अधिक मानव संसाधन की सेवा लेने, अधिक भुगतान करने जैसे आरोप मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों पर लगते रहे हैं।
राज्य स्तर पर सूचीबद्ध की जाएंगी एजेंसियां
स्वास्थ्य विभाग ने अब आउटसोर्सिंग सेवा देने वाली एजेंसियों को राज्य स्तर पर सूचीबद्ध करने का निर्णय लिया है। विभाग के अपर मुख्य सचिव ने इसे लेकर टेंडर प्रकाशित करने के निर्देश झारखंड स्टेट हेल्थ एंड मेडिकल प्रोक्योरमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट काॅरपाेरेशन को दिया है। अब अस्पतालों द्वारा स्वयं टेंडर करने की बजाय सूचीबद्ध एजेंसियों से ही मानव संसाधन लेने होंगे।