Move to Jagran APP

Jharkhand Health: पोस्ट कोविड मरीजों में स्टेरॉयड से है ऑस्टियोपोरोसिस मरीजों की समस्या, हड्डियां हो जाती हैं कमजोर

Jharkhand Health पोस्ट कोविड मरीजों में हड्डी रोग संबंधित समस्या बढ़ी है। कोरोना संक्रमण के दौरान स्टेरॉयड का अधिक इस्तेमाल करने से हड्डियां कमजोर हुई हैं। ऐसे में ओस्टीयोपोरोसिस मरीजों की समस्या और भी बढ़ जाती है। हड्डियां कमजोर होने से फैक्चर होने की संभावना अधिक बढ़ जाती है ।

By Kanchan SinghEdited By: Published: Mon, 04 Oct 2021 02:49 PM (IST)Updated: Mon, 04 Oct 2021 02:49 PM (IST)
Jharkhand Health: पोस्ट कोविड मरीजों में स्टेरॉयड से है ऑस्टियोपोरोसिस मरीजों की समस्या, हड्डियां हो जाती हैं कमजोर
कोरोना संक्रमण के दौरान स्टेरॉयड का अधिक इस्तेमाल से हड्डियां कमजोर हुई हैं।

रांची,जासं। पोस्ट कोविड मरीजों में हड्डी रोग संबंधित समस्या बढ़ी है। कोरोना संक्रमण के दौरान स्टेरॉयड का अधिक इस्तेमाल करने से हड्डियां कमजोर हुई हैं। ऐसे में ओस्टीयोपोरोसिस मरीजों की समस्या और भी बढ़ जाती है। हड्डियां कमजोर होने से फैक्चर होने की संभावना अधिक बढ़ जाती है । रांची के अस्पतालों में ऐसे कई मामले देखने को मिले हैं, जिन्हें पोस्ट कोविड की समस्या थी और ओस्टियोपोरोसिस भी था, ऐसे मामलों में उनकी हड्डियां पहले की तुलना और कमजोर हुई है।

loksabha election banner

ऑर्थोपेडिक सर्जन डा दीपक वर्मा बताते हैं कि ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसे बीमारी हैं , जिसमें कैल्शियम और विटामिन डी की कमी के कारण बोन मास (घनत्व ) कम हो जाता है और हड्डिया भुरभुरी हो जाते है, जिससे हड्डियां इतनी कमजोर हो जाते है की छोटी सी चोट भी फ्रैक्चर का कारण बन जाते है । पोस्ट कोविड मरीजों के संग ऐसी और समस्या बढ़ा दी गई है।

 डा दीपक वर्मा के मुताबिक कोरोना संक्रमण का हड्डियों पर गहरा प्रभाव पड़ता है | इस बिमारी से सबसे ज्यादा बुज़ुर्ग और महिलाएं ग्रसित होते है। उनकी ओपीडी में रोजाना ऐसे चार मामले आते हैं। चालीस के उम्र पार होते ही शरीर में परेशानियां बढ़ने लगती हैं | इन्ही बढ़ती हुई उम्र की परेशानियों में से एक है ,ऑस्टियोपोरोसिस, जो पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा होते है |

डा दीपक वर्मा के अनुसार डब्ल्यूएचओ के शोध और रिसर्च के मुताबिक दुनिया में हर 3 में से 1 महिला और 8 में से 1 पुरुष इस बीमारी से पीड़ित हैं | महिलाओं में 45 - 50 साल और पुरुषों में 55 साल के आस पास इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है | अगर आपकी उम्र 40 के पार है ,और कमर दर्द, शारीर में दर्द , या हलकी चोट पर भी फ्रैक्चर होने की शिकायत है तो बोन डेंसिटी टेस्ट (बीडीटी ) करवाना चाहिए। जरूरी नहीं कि हर दर्द ऑस्टियोपोरोसिस का ही हो ,लेकिन टेस्ट से भविष्य के समस्याओं से बचा जा सकता है ।

मुख्य कारण :

शरीर में कैल्शियम और विटामिन डी की कमी

बढ़ती उम्र

ज्यादा सॉफ्ट ड्रिंक्स का सेवन

स्मोकिंग

डायबिटीज / थाइरोइड जैसी बीमारियाँ

महिलाओं में जल्दी पीरियड्स खत्म होना या मेनोपॉज़ की स्थिति।

लक्षण :

डा दीपक वर्मा बताते है कि ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण आमतौर पर बहुत साफ़ नहीं दिखते। हालांकि कुछ ऐसे लक्षण हैं ,जिन्हें अनदेखा नहीं करना चाहिए, और तुरंत स्पेशलिस्ट से उपचार कराना चाहिए । जैसे कि

शरीर में लगातार थकावट

हाथों- पैरों में दर्द

कमर में दर्द

छोटी सी चोट पर हड्डियों का टूट जाना

बचाव :

विटामिन ,कैल्शियम व् प्रोटीन युक्त भोजन करें

हर रोज कम से कम 15 -20 मिनट धूप में जरुर बैठे

स्मोकिंग और शराब से दूर रहें

समस्या होने पर जल्द से जल्द डॉक्टर से मिले खुद अपने डाक्टर न बनें।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.