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अब झारखंड में ऑनलाइन चेकपोस्ट की शुरुआत

जीएसटी लागू होने के साथ राज्य में वाणिज्य कर तो समाप्त हुआ ही परिवहन शुल्क मिलना भी बंद ह

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Jun 2018 01:06 AM (IST)Updated: Thu, 21 Jun 2018 01:06 AM (IST)
अब झारखंड में ऑनलाइन चेकपोस्ट की शुरुआत
अब झारखंड में ऑनलाइन चेकपोस्ट की शुरुआत

जीएसटी लागू होने के साथ राज्य में वाणिज्य कर तो समाप्त हुआ ही परिवहन शुल्क मिलना भी बंद हो गया था

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भुगतान नहीं करनेवालों पर एक साथ लगेगा 17 सप्ताह का जुर्माना राज्य ब्यूरो, रांची : झारखंड में परिवहन शुल्क वसूलने के लिए विभाग ने ऑनलाइन चेकपोस्ट की शुरुआत कर दी है। आसपास के राज्यों बिहार, पश्चिम बंगाल आदि में परिवहन शुल्क वसूली के लिए व्यवस्था लागू होने से झारखंड को लगातार नुकसान हो रहा था। बुधवार को परिवहन मंत्री सीपी सिंह ने ऑनलाइन चेकपोस्ट की शुरुआत की और इसके बाद प्रमुख वक्ताओं ने कार्यशाला के माध्यम से अधिकारियों को भी इसकी बारीकियों के बारे में बताया। अब परिवहन एजेंसियों से जुड़े वाहन ऑनलाइन भुगतान करने के बाद ही झारखंड की सीमा में प्रवेश कर सकेंगे। ऐसा नहीं करने की स्थिति में वाहनों को 17 सप्ताह तक मूव करने के बराबर का जुर्माना देना होगा।

राज्य में मई 2017 में चेकपोस्ट समाप्त कर दिए गए थे और इस कारण से परिवहन विभाग को लगभग सौ करोड़ रुपये का सालाना नुकसान हो रहा था। मंत्री ने कहा कि आसपास के राज्यों में अभी भी चेकपोस्ट प्रभावी हैं, हम लोग ऑनलाइन माड्यूल पर आकर अग्रणी राज्यों में शामिल हो गए हैं। इस दौरान परिवहन सचिव राहुल शर्मा व अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।

अधिकारियों को संबोधित करते हुए मंत्री ने उन्हें ताकीद की कि किसी कारण से ऑनलाइन में गड़बड़ी हो तो यह ध्यान रखना होगा कि आम लोगों व व्यवसायियों को नुकसान न उठाना पड़े। अभी शिकायतें आ रही हैं कि ऑनलाइन मामला अटकने के बाद भी लोगों को नियमित तौर पर जुर्माना देना ही पड़ रहा है। ऐसा नहीं होना चाहिए। सीपी सिंह ने कहा कि लोगों को पारदर्शी व्यवस्था मिले, इसके लिए प्रधानमंत्री के प्रयास को जमीन पर उतारा जा रहा है। डिजिटल इंडिया के माध्यम से आम लोगों की दिक्कतें दूर की जानी चाहिए। परिवहन व्यवसायियों की समस्या जानने के लिए उन्होंने विभागीय सचिव को अलग से बैठक बुलाने का निर्देश दिया। विभागीय सचिव राहुल शर्मा ने विभाग में चल रहे नए बदलावों की जानकारी दी। बताया कि पूरे देश में सबसे कम टैक्स झारखंड में लिया जा रहा है। वाहनों की खरीदारी भी बड़े पैमाने पर हो रही है और पिछले वर्ष 4.25 लाख वाहन खरीदे गए। इसी रफ्तार से ड्राइवर की जरूरत भी बढ़ रही है। ड्राइवरों को प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है। इसके लिए हर जिले में रीजनल ड्राइविंग सेंटर होगा। उन्होने कहा कि ऑनलाइन चेकपोस्ट सॉफ्टवेयर की जांच सफल रही है। कार्यक्रम का संचालन शेखर जमुआर ने किया। इस दौरान तीन जिलों में डीटीओ को टैब भी दिए गए। इस टैब की मदद से दुर्घटना क्षेत्रों के बारे में जानकारी तत्काल विभाग तक पहुंच सकेगी।

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बौरो ऑफिसर से चला रहे विभाग रांची : अधिकारियों को संबोधित करते हुए मंत्री ने विभाग में कर्मियों की कमी का भी रोना रोया। उन्होंने कहा किइस मुद्दे पर मुख्यमंत्री से भी बात हो चुकी है। आधे से अधिक जिलों में जिला परिवहन पदाधिकारी नहीं हैं, पांच एमवीआइ (मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर) से पूरा राज्य चल रहा है और कर्मियों की कमी तो है ही। उन्होंने कहा कि बौरो ऑफिसर से विभाग चला रहे हैं। विभाग के पास अपना कोई कैडर नहीं है। कार्मिक विभाग भी अधिकारी नहीं दे पा रहा है। पूर्व में विभाग में हुई गड़बड़ियों पर भी मंत्री ने चुटकी ली। कहा, मोबाइल दारोगा के माध्यम से पूरा खेल होता था। सरकार भी डोल जाती थी।

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