निर्यात पर पाबंदी के बाद भी 2 महीने से पहले नहीं घटेगी आलू-प्याज की कीमत Ranchi News
Onion Potato Price सड़ने से थोक मंडियों में प्याज की कमी हो रही है। ऐसे में नवंबर में नए प्याज के आने से पहले कीमतों में कमी आने की संभावना नहीं है।
रांची, जासं। देश में प्याज की बढ़ती कीमतों के बीच केंद्र सरकार ने प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी है। इसके बाद डायरेक्टरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड ने भी एक नोटिफिकेशन में कहा है कि सभी तरह के प्याज के निर्यात पर तुरंत पाबंदी लगाने के आदेश दे दिए गए हैं। मगर बाजार में दो महीने से पहले प्याज की कीमतों में कमी होने की उम्मीद नहीं दिख रही है। बताया जा रहा है कि रांची में बेंगलुरु, नासिक और मध्यप्रदेश की मंडियों से प्याज की सप्लाई हो रही है।
मगर इन मंडियों में बरसात के मौसम के कारण प्याज खराब होने लगे हैं। वहीं अब स्टॉक भी कम है। ऐसे में नवंबर में नए प्याज के आने से पहले कीमतों में कमी आने की संभावना नहीं है। ऐसे में खुदरा बाजार में 35 रुपये किलो तक बिकने वाला प्याज महीने के अंत तक 50 रुपये तक पहुंच सकता है। प्याज की कीमतों में कमी अब अक्टूबर के अंत में नए प्याज के आने के बाद ही होगी।
वहीं दूसरी तरफ आलू की बढ़ती कीमतों के बीच बंगाल सरकार ने राज्य से इसके निर्यात पर रोक लगा दी है। पिछले वर्ष राज्य में आलू की फसल खेत में ही बारिश के कारण बड़ी मात्रा में खराब हुई थी। ऐसे में इस वर्ष आलू के लिए झारखंड को दूसरे राज्यों पर निर्भर रहना पड़ा। वर्तमान में सबसे ज्यादा आलू बंगाल से आ रहा है। मगर निर्यात पर रोक के बाद उत्तर प्रदेश और गुजरात से आने वाले आलू पर निर्भरता बढ़ गई है।
पंडरा बाजार समिति के सचिव अभिषेक आंनद ने बताया कि वर्तमान में आलू की 10 ट्रक आवक है। प्याज 15 ट्रक प्रतिदिन रांची पहुंच रही है। थोक में प्याज की कीमतें 24-28 रुपये है। वहीं आलू सफेद आलू की कीमत 24-28 रुपये किलो और लाल आलू की कीमत 26-30 रुपये किलो है।
वहीं पंडरा बाजार के व्यापारी बता रहे हैं कि रांची से आसपास के जगहों पर भी थोक में आलू और प्याज की सप्लाई होती है। रोज रांची में 15 ट्रक आलू और 18 से 20 ट्रक प्याज की खपत है। वहीं दूसरी ओर माल महंगा और कम आ रहा है तो कीमतों में वृद्धि होना स्वाभाविक है। हालांकि व्यापारी पिछले वर्ष की तरह प्याज की कीमत में बड़ी छलांग लगाने की आशंका से इन्कार कर रहे हैं।