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One Year of Hemant Government: चुनावी घोषणापत्र पर अमल करने में जुटा झामुमो, CM हेमंत सोरेन ने संभाला मोर्चा

One Year of Hemant Government हेमंत सरकार के एक साल पूरे होने पर सत्तारूढ़ गठबंधन का नेतृत्व कर रहा झारखंड मुक्ति मोर्चा अपने चुनावी घोषणापत्र पर अमल करने की कवायद में लगा है। खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उन तमाम योजनाओं की घोषणा करेंगे जो झामुमो के चुनावी घोषणापत्र में है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Sun, 13 Dec 2020 07:27 PM (IST)Updated: Mon, 14 Dec 2020 07:30 AM (IST)
One Year of Hemant Government: चुनावी घोषणापत्र पर अमल करने में जुटा झामुमो, CM हेमंत सोरेन ने संभाला मोर्चा
One Year of Hemant Government 29 दिसंबर को हेमंत सोरेन सरकार के एक साल पूरे हो जाएंगे।

रांची, राज्य ब्यूरो। One Year of Hemant Government हेमंत सोरेन सरकार के एक साल इस माह पूरे हो जाएंगे। वर्षगांठ के मौके पर 29 दिसंबर को सरकार जहां अपने शासनकाल की उपलब्धियां समेटने में जुटी है वहीं सत्तारूढ़ गठबंधन का नेतृत्व कर रहा झारखंड मुक्ति मोर्चा अपने चुनावी घोषणापत्र पर अमल करने की कवायद में लगा है। इस मौके पर खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उन तमाम योजनाओं की घोषणा करेंगे जो झारखंड मुक्ति मोर्चा के चुनावी घोषणापत्र का अहम हिस्सा रहा है।

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मोर्चा के रणनीतिकार इसपर लगातार काम कर रहे हैं और राज्य सरकार को सुझाव भी प्रेषित किए जा रहे हैं। झामुमो का केंद्र बिंदु संगठन का राजनीतिक आधार होगा, जिसके बूते पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को पछाड़ने में कामयाबी हासिल हुई थी। इसमें चुनाव के दौरान किए गए तमाम वादे भी शुमार हैं। इस दरम्यान कई मुद्दों पर हेमंत सोरेन की सरकार ने कदम आगे बढ़ाए हैं।

बेहतर नियोजन से लेकर जल, जंगल, जमीन की सुरक्षा झामुमो के एजेंडे में सबसे ऊपर है। इसके अलावा झारखंड आंदोलन के शहीदों और उनके परिजनों के सम्मान को भी संगठन ने वरीयता क्रम में रखा है। इससे जुड़ी तमाम योजनाएं वर्षगांठ के मौके पर धरातल पर होगी। झामुमो के मुताबिक झारखंडी हितों की प्राथमिकता ही संगठन की प्राथमिकता है। एक वर्ष के कार्यकाल में यह भावना अधिक प्रबल हुई है। राज्य के हित से जुड़े वैसे तमाम मुद्दों पर झारखंड ने कड़ा रुख अख्तियार किया है जिससे हित प्रभावित होता है। खनन क्षेत्र में निजी कंपनियों की एंट्री का विरोध भी इसी का हिस्सा है।

रिक्तियों को भरने की आरंभ होगी प्रक्रिया

सरकार ने खाली पड़े सरकारी पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया तेज करने की योजना बनाई है। इसके तहत उन विभागों की नियमावली को अंतिम रूप दिया जा रहा है, जहां नियुक्ति नियमावली नहीं थी। स्वरोजगार से जोड़ने के लिए भी योजनाओं का सूत्रपात होगा। जेपीएससी और जेएसएससी की लंबित परीक्षाएं भी समय पर पूरा करने की तैयारियां है।

कल्याणकारी योजनाएं होगी शुमार

लाभुकों को पेंशन से लेकर अन्न तक की योजनाएं भी तैयार की जा रही है। यह पूर्व से चली आ रही योजनाओं से इतर होगा। किसानों की कर्जमाफी की योजना भी इसका हिस्सा है। इसके अलावा प्राकृतिक आपदा में मुआवजा आदि का भी प्रस्ताव है। 300 यूनिट बिजली तक का इस्तेमाल कर रहे उपभोक्ताओं को 100 यूनिट बिजली मुफ्त कराने की घोषणा की जा सकती है। इससे ग्रामीण उपभोक्ताओं को लाभ होगा।

सरना धर्म कोड की हो चुकी है अनुशंसा

चुनावी वादे के मुताबिक हेमंत सरकार ने जनगणना-2021 में जनजातीय समुदाय के लिए सरना धर्म कोड कालम की अनुशंसा की है। विधानसभा का विशेष सत्र आहूत कर इसे पारित कराया गया। जनजातीय समुदाय का इसे लेकर काफी दबाव था। विपक्षी दलों ने भी इसका एक स्वर में समर्थन किया था।

झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए राज्य के लोगों का हित सर्वोपरि है। झारखंडी लोगों की भावनाओं के अनुरूप मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार काम कर रही है। जल, जंगल, जमीन और राज्य का सम्मान हमारी प्राथमिकता है। कोरोना संकट काल में भी राज्य सरकार ने लोगों को एयर लिफ्ट तक कराया। स्पेशल रेलगाड़ियां चली। जरुरतमंदों को सामूहिक किचेन के जरिए भोजन उपलब्ध कराया गया। झारखंड का चौतरफा विकास हो रहा है और यह गति आने वाले दिनों और तेज होगी। विनोद पांडेय, महासचिव, झामुमो


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