स्कूलों में लागू हो सकता ऑड-ईवन का फार्मूला, बोर्ड और सरकार के निर्देश का इंतजार
कोरोना संक्रमण के कारण लागू लॉकडाउन से बाहर निकलने के उपाय पर तैयारी चल रही है।
जागरण संवाददाता, राची : कोरोना संक्रमण के कारण लागू लॉकडाउन से बाहर निकलने के उपायों पर विचार मंथन का दौर शुरू हो गया है। झारखंड सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की ओर से इस संबंध में रायशुमारी हो रही है। कहा जा रहा है कि आगामी एक जून से आशिक और 15 जून से पूरी तरह सरकारी स्कूलों को खोलने की योजना है। एक घटा अतिरिक्त कक्षाएं चलेंगी। वहीं निजी विद्यालय सरकार के निर्णय का इंतजार कर रहे हैं। अधिकाश स्कूलों का कहना है कि वह इस संबंध में राज्य सरकार और बोर्ड के दिशा निर्देश के अनुसार विद्यालय संचालन की रूपरेखा तैयार करेंगे। इस बीच कुछ स्कूलों ने अपने स्तर से कक्षा में विद्यार्थियों की सीमित संख्या रखने के लिए रोल नंबर के अनुसार ऑड-ईवन का फार्मूले पर भी विचार कर रहे हैं। इससे कक्षाओं के अलग-अलग सेक्शन में भी बच्चों की संख्या न्यूनतम हो सकेगी। क्लास रूम में शारीरिक दूरी के सिद्धात का पालन हो सकेगा। इसके अलावा स्कूल परिसर से लेकर कक्षा, कार्यालयों तथा बसों को भी सैनिटाइज करने की योजना है। सभी क्लास रूम के बाहर हैंड सैनिटाइजर अनिवार्य रूप से रखे जाने की योजना है। इसके अलावा बच्चों को मास्क लगाकर ही विद्यालय में आने की अनुमति दी जाएगी। अभिभावकों का स्पष्ट निर्देश दिया जाएगा कि बच्चे की तबीयत आशिक रूप से खराब होने पर भी उन्हें विद्यालय नहीं भेजें। इस बार पाठ्यक्रम अन्य सत्र के मुकाबले सीमित होने वाले हैं।
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हा यह सही है कि हम लोगों ने लॉकडाउन से बाहर निकलने के वैकल्पिक उपायों पर विचार विमर्श शुरू कर दिया है। हालाकि हमें नहीं लगता कि 17 मई के बाद विद्यालय खोलने की स्थिति बनेगी। हम सरकार के निर्देशों और बोर्ड की गाइडलाइन का पालन करेंगे। ऑड-ईवन का फार्मूला भी लागू हो सकता है। अब तक इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ है।
सूरज शर्मा, प्रिंसिपल ऑक्सफोर्ड स्कूल
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हम पूरी तरह सरकार और बोर्ड के नियमों का अनुपालन करेंगे। जब तक सरकार विद्यालय संचालन के संबंध में स्पष्ट गाइडलाइन जारी नहीं करती, तब तक विद्यालय खोलने का सवाल नहीं है। निर्देश के आलोक में अगर विद्यालय खुलते हैं तो सभी जरूरी उपाय किए जाएंगे।
समरजीत जेना, जेवीएम श्यामली