गढ़वा सदर अस्पताल में नर्सिंग टीम ने मरीज से मांगे पैसे, वीडियो वायरल होने के बाद ड्यूटी से हटाया
Garhwa Sadar Hospital Jharkhand News गढ़वा सदर अस्पताल के लेबर रूम में गर्भपात करने के लिए मरीज के स्वजन से सौदेबाजी करने का वीडियो वायरल हुआ है। मरीज कांडी थाना क्षेत्र के पतीला गांव की है। सिविल सर्जन ने जांच के लिए पांच सदस्यीय जांच कमेटी बनाई है।
गढ़वा, जासं। सदर अस्पताल गढ़वा में मरीजों को बहला फुसलाकर निजी अस्पतालों में ले जाने, चिकित्सकों के ओपीडी छोड़कर गायब रहने, कर्मियों द्वारा इलाज के नाम पर मरीजों से अवैध वसूली करने जैसे कारनामे के कारण हमेशा सुर्खियों में रहता है। इन दिनों सदर अस्पताल के लेबर रूम में मरीज के स्वजनों, नर्स व सफाईकर्मियों के बीच इलाज के नाम पर हो रही सौदेबाजी का वीडियो वायरल हुआ है। इस वीडियो के वायरल होते ही स्वास्थ्य विभाग में खलबली मची हुई है।
सिविल सर्जन डाॅ. कमलेश कुमार ने मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी गठित की है। वहीं इसमें संलिप्त नर्सों को सदर अस्पताल में ड्यूटी करने से फिलहाल रोकने का आदेश दिया है। जबकि मामले में शामिल आउटसोर्सिंग की सफाईकर्मी सोनी बीबी को कार्यमुक्त करने एवं आउटसोर्सिंग की सफाईकर्मी रीता देवी को लेबर रूम से हटाने का आदेश दिया है।
क्या है वायरल वीडियो में
वायरल वीडियो सदर अस्पताल के लेबर रूम का बताया जा रहा है। वीडियो तीन जून 2021 का है। जानकारी के अनुसार कांडी थाना क्षेत्र के पतीला गांव की फातिमा खातून को तीन जून की सुबह सदर अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया था। वह गर्भवती थी। उसे रक्तस्राव हो रहा था। नर्सों ने उसे गर्भपात कराने की सलाह दी थी। साथ ही इसके एवज में 2500 रुपये मांगे। बताया गया कि पैसे लेकर मरीज का इलाज कर दिया गया। लेकिन आपसी लेनदेन में ही पहले से अस्पतालकर्मियों के बीच खींचतान चल रहा था। क्षुब्ध कर्मियों में से किसी ने इस सौदेबाजी प्रकरण का वीडियो बनाकर वायरल कर दिया।
वीडियो में ओपीडी में तैनात आउटसोर्सिंग सफाईकर्मी सोनी बीबी व लेबर रूम की इंचार्ज नीलू कुमारी के बीच मरीज के इलाज को लेकर बातचीत शुरू होते ही वहां मौजूद एक नर्स ममिता बाहर जाती दिख रही है। जबकि बातचीत के बीच नीचले तल्ले में ड्यूटी करने वाली प्रीति कुमारी भी वहां आकर मामले की जानकारी लेती दिख रही है। लेबर रूम की इंचार्ज जीएनएम नीलू कुमारी द्वारा महिला मरीज का गर्भपात करने के लिए 2500 रुपये की मांग की गई।
जबकि मरीज की स्वजन दो महिलाएं गरीबी का हवाला देते हुए 1500 रुपये दे रही हैं। आउटसोर्सिंग की सफाईकर्मी सोनी बीबी उक्त वीडियो में नर्स नीलू से बात कर रही है कि उसने मरीज के परिवारवालों को समझाया है। लेकिन वे लोग 1500 रुपये ही दे रहे है। सफाई कर्मी रीता कह रही है कि प्राइवेट अस्पताल में पांच हजार से कम नहीं लगेगा। जबकि नर्स नीलू कह रही है कि प्राइवेट में आठ-दस हजार रुपये दे देंगे। लेकिन यहां इतना देने में भी परेशानी है।
जबकि वहां मौजूद एक नर्स सलीना एक अन्य मरीज के बारे में यह कहते दिख रही है कि उसने एक रुपये भी नहीं दिए तो वहां से चल दी। बताते चलें कि आउटसोर्सिंगकर्मी सोनी बीबी पर ओपीडी में इलाज कराने आई महिलाओं को निजी अस्पतालों में भेजने या बहलाने फुसलाने की शिकायत पर वर्ष 2019 में तत्कालीन सिविल सर्जन ने कार्रवाई किया था। तब उसे चेतावनी देकर छोड़ा गया था।
सिविल सर्जन ने बनाई पांच सदस्यीय कमेटी
वायरल वीडियो के मामले की जांच के लिए सिविल सर्जन ने पांच सदस्यीय कमेटी गठित की है। इसमें सदर अस्पताल की उपाधीक्षक डाॅ. संध्या टोपनो, डाॅ. पुष्पा सहगल, डाॅ. डीके सिंह, प्रभारी अस्पताल प्रबंधक अरविंद द्विवेदी एवं क्लर्क धीरज पाठक शामिल हैं।
'वायरल वीडियो की जांच कराई जा रही है। सभी पहलुओं पर जांच होगी। इसमें दोषी कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई होगी। किसी भी कर्मी की रोस्टर के अनुसार जहां ड्यूटी है, वहीं रहे। सर्जिकल वार्ड, ओपीडी आदि में कार्यरत कर्मी लेबर रूम में क्या करने गया था। यह उसकी संलिप्तता को दर्शाती है।' -डॉ. कमलेश कुमार, सिविल सर्जन, गढ़वा।