Jharkhand: रांची के अस्पतालों में अब ब्लैक फंगस का भी कोई मरीज नहीं
Jharkhand आमलोगों के लिए राहत भरी खबर। राजधानी रांची के अस्पतालों में अब कोरोना के बाद ब्लैक फंगस का भी कोई मरीज अस्पताल में भर्ती नहीं है। कोरोना की दूसरी लहर के बाद अब ब्लैक फंगस के एक मरीज को रिम्स से छुट्टी दे दी गई है।
रांची, जासं। राजधानी के अस्पतालों में अब कोरोना के बाद ब्लैक फंगस का भी कोई मरीज अस्पताल में भर्ती नहीं है। कोरोना की दूसरी लहर के बाद अब ब्लैक फंगस के एक मरीज को रिम्स से छुट्टी दे दी गई है। इससे पहले बुधवार को रिम्स में भर्ती एक कोरोना मरीजों को छुट्टी दी गई थी। इनकी आरटीपीसीआर रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद इन्हें घर जाने दिया गया। इसके बाद अब रिम्स में एक भी संक्रमित भर्ती नहीं है। साथ ही सदर व अन्य निजी अस्पतालों में भी कोरोना व ब्लैक फंगस मरीजों की संख्या से शून्य हो गई है।
सबसे बड़े अस्पताल रिम्स और सदर से लेकर प्रखंडों तक के अस्पतालों में पॉजिटिव मरीज नहीं हैं। इतना ही नहीं, निजी अस्पतालों में भी कोई पॉजिटिव मरीज भर्ती नहीं है। हालांकि जिले में अभी एक्टिव केस की संख्या 43 है। वहीं गुरुवार को कोरोना के दो संक्रमित रांची से मिले हैं। लेकिन सभी होम इसोलेशन में हैं। जबकि सभी संक्रमितों को अस्पताल में भर्ती होना है।
अभी तक लगातार ब्लैक फंगस के मरीज मिलते रहे थे : कोरोना संक्रमितों की संख्या अस्पतालों में शून्य हो गई है। वहीं राज्य में ब्लैक फंगस के मरीज लगातार मिल रहे थे। गुरुवार तक ब्लैक फंगस मरीज की संख्या अस्पताल में एक थी। यह मरीज रांची के रिम्स में इलाजरत था। डाक्टरों का कहना है कि अभी लोगों को काफी संभल कर रहने की जरूरत है। कोरोना संक्रमण का प्रकोप कम हुआ है। फिर भी लोगों को मास्क लगाने, सेनिटाइजर का प्रयोग और शारीरिक दूरी बनाकर रहने की जरूरत है। साथ ही ब्लैक फंगस से बचने के लिए पुराना व गंदा मास्क का प्रयोग न करें।
सिविल सर्जन डा विनोद कुमार बताते हैं कि कोरोना मरीजों के लिए जिले के सभी अस्पतालों में इलाज की पूरी व्यवस्था की जा चुकी है। इसके बाद भी बताया जा रहा है कि तीसरी लहर आ सकती है। इसके लिए हर स्तर से तैयारी है। लेकिन, जिस तरह से संक्रमितों के मिलने का प्रतिशत कम हुआ है वो अच्छे संकेत है। लोग जागरूक हुए हैं, लेकिन पिछले दिनों केरल में लगातार संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है, जो चिंता का विषय है। इसे देखते हुए अभी अस्पतालों को एलर्ट रहना होगा।