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अब साइबर अपराधियों के अंतरराज्यीय कनेक्शन में केंद्रीय जांच एजेंसियों की मदद लेने की तैयारी

रांची अब साइबर अपराधियों के अंतरराज्यीय कनेक्शन को खंगालने में झारखंड पुलिस केंद्रीय जांच एजेंसियों की भी मदद लेगी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम तो पहले से ही राज्य के कुछ साइबर अपराधियों पर मनी लांड्रिग एक्ट में मामला दर्ज कर जांच कर रही है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 02 Jan 2021 07:39 PM (IST)Updated: Sat, 02 Jan 2021 07:39 PM (IST)
अब साइबर अपराधियों के अंतरराज्यीय कनेक्शन में केंद्रीय जांच एजेंसियों की मदद लेने की तैयारी
अब साइबर अपराधियों के अंतरराज्यीय कनेक्शन में केंद्रीय जांच एजेंसियों की मदद लेने की तैयारी

रांची : अब साइबर अपराधियों के अंतरराज्यीय कनेक्शन को खंगालने में झारखंड पुलिस केंद्रीय जांच एजेंसियों की भी मदद लेगी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम तो पहले से ही राज्य के कुछ साइबर अपराधियों पर मनी लांड्रिग एक्ट में मामला दर्ज कर जांच कर रही है। अब यह संभावना बन रही है कि झारखंड पुलिस साइबर अपराधियों की जड़ तक पहुंचने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियां जैसे सीबीआइ या एनआइए की भी मदद ले सकती है।

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सरायकेला थाने में दर्ज साइबर क्राइम के एक मामले में वहां के एसपी मोहम्मद अर्शी ने पुलिस मुख्यालय व गृह विभाग से पत्राचार कर यह आग्रह किया है कि इस मामले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसियों से कराया जाना उचित होगा, क्योंकि साइबर क्राइम के उस मामले में रुपयों के ट्रांजेक्शन में दूसरे राज्यों की भूमिका सामने आ चुकी है। आशंका यह भी है कि रुपये दूसरे देशों में भी भेजे गए हैं, जिसकी जांच केंद्रीय जांच एजेंसियों के बूते ही संभव है। क्योंकि, केंद्रीय जांच एजेंसियों के पास पर्याप्त संसाधन भी हैं, जिसके माध्यम से ऐसे मामलों की जांच कराने में सहुलियत होगी।

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कौन बनेगा करोड़पति में लॉटरी निकलने का झांसा देकर की थी ठगी :

सरायकेला में कुछ माह पूर्व लॉटरी के नाम पर ठगी के एक मामले में साइबर क्राइम की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। शिकायत थी कि कौन बनेगा करोड़पति व अन्य टीवी कार्यक्रम जैसे चेहरा पहचानो-इनाम पाओ आदि में लॉटरी निकलने का झांसा देकर लोगों के खाते से रुपये निकालने के मामले सामने आए थे। भुक्तभोगियों में पुलिस के जवान भी शामिल थे। उन्हें जिस नंबर से कॉल आए थे, वे मोबाइल नंबर व जिस बैंक खाते में रुपये स्थानांतरित हुए थे, उसके बारे में जानकारी हासिल कर पुलिस ने शातिर अपराधियों की तलाश की।

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छानबीन में आए चौंकाने वाले तथ्य :

लॉटरी के नाम पर ठगी के मामले में छानबीन के दौरान सरायकेला पुलिस ने कुछ शातिर अपराधियों को दबोचने में कामयाबी हासिल की। इसमें धनबाद व देवघर के शातिर दबोचे गए थे। उनसे जब पूछताछ हुई, तो कई जानकारियां मिलीं। जिन खातों में रुपये स्थानांतरित किए गए थे, उनमें 50 खाते ऐसे मिले, जो कुशीनगर, पश्चिम चंपारण ही नहीं, केरल से भी संबंधित थे। छानबीन में यह आशंका जताई गई है कि लॉटरी के नाम पर ठगी के रुपयों को दूसरे देशों में भी स्थानांतरित किया गया है। सरायकेला पुलिस का तर्क है कि झारखंड पुलिस के पास उस स्तर का संसाधन नहीं है, जिससे इसकी जांच बृहद स्तर पर हो सके। ऐसी स्थिति में केंद्र की जांच एजेंसियां, चाहे सीबीआइ हो या एनआइए, ही जांच कर सकती हैं।

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