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Weekly News Roundup Ranchi: बदल गए हालात, अब पुलिस को चोर से लगता है डर

Weekly News Roundup Ranchi. हाल में एक गैंगस्टर के पांच आदमियों को पुलिस ने पकड़ा तो कई पुलिसवालों के होश उड़ गए। यहां तक की पुलिस कप्तान भी चपेट में आते-आते बचे।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sun, 19 Jul 2020 03:33 PM (IST)Updated: Sun, 19 Jul 2020 03:33 PM (IST)
Weekly News Roundup Ranchi: बदल गए हालात, अब पुलिस को चोर से लगता है डर
Weekly News Roundup Ranchi: बदल गए हालात, अब पुलिस को चोर से लगता है डर

रांची, फहीम अख्तर। चोर पुलिस खेल बचपन से ही सुनते आ रहे। अक्सर पुलिस चोरों को दौड़ाकर पुलिस पकड़ती है। लेकिन अब हालात बदल गए हैं। पुलिस चोर को पकडऩे से अब बच रही है। बचे भी क्यों न, मजबूरी है। इन दिनों चोर को पकडऩे के चक्कर में खुद को शामत में डालना है। हाल में एक गैंगस्टर के पांच आदमियों को पुलिस ने पकड़ा तो उनमें से एक कोरोना संक्रमित था। जब यह बात सामने आई तो कई पुलिसवालों के होश उड़ गए। यहां तक की पुलिस कप्तान भी चपेट में आते-आते बचे। उस अपराधी के चक्कर में कई पुलिस वालों को जांच कराना पड़ा। जांच में संक्रमित भी मिले। अब पूरा महकमा चपेट में आने के खतरे में है। शुरुआत से खाकी वर्दी वाले फ्रंट फुट पर कोरोना से जंग में सबसे आगे रहे। अब संक्रमण की जद में आ रहे हैं।

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अंग्रेजों के जमाने के जेलर हैं

फिल्म शोले का वह चर्चित डायलॉग तो याद होगा। जिसे असरानी बार-बार दोहराते थे और कहा करते थे हम अंग्रेजों के जमाने के जेलर हैं। हमारे रहते वह   गलती नहीं होगी जो पहले से होता आया है। यही डायलॉग इन दिनों रांची में भी दोहराया जा रहा है। रांची में एक साहब आए हैं, जो बार-बार दोहरा रहे हैं कि हम अंग्रेजों के जमाने के जेलर हैं। उनके इस कथन से पूरा महकमा समझ गया है कि साहब का पुराना अनुभव रहा है। कोई भी दांवपेच नहीं चलेगा। रांची के बाबू लोगों में खौफ पूरा है। कोई गलती न दिखे साहब को। इसे लेकर सभी लोग सतर्क हैं। पुराने लोग भी सहमे हैं। साहब के साथ भी कुछ लोग काम कर चुके हैं। बाबुओं से साहब को उम्मीद काफी ज्यादा है। अब ये तो समय बताएगा कि उम्मीद पर कितने खरे उतरे।

पद पर बैठाने की जल्दी

हाल में साहब लोगों के खूब तबादले हुए। इस तबादले में रांची की कमान माननीय को अपने प्रिय को देना था। उस प्रिय साहब को लाने की जल्दी ऐसी थी की कि आनन-फानन में कुर्सी पर बैठे हुए साहब को हटाकर अपने प्रिय का नाम घोषित करना पड़ा। जल्दी इतनी थी कि पहले से बैठे साहब को कहां भेजना है, यह तय भी नहीं। हालांकि बाद में साहब को भी दूसरी जगह की कुर्सी दी गई। साहब को कुर्सी पर लाने का खेल इस लेवल पर हुआ कि किसी को कुछ समझ नहीं आया। हालांकि कुर्सी पर बैठने वाले नए साहब पूरी चमक दमक में हैं। वह बेहतर ढंग से कुर्सी को संभालने और खुद को बेहतर साबित करने के लिए भी प्रयासरत हैं। खैर उम्मीद है कि मुखिया के लिए भी साहब बेहतर साबित होंगे क्योंकि उन्हें लाया ही गया है हाई लेवल पर।

साहब को पढ़ाई उल्टी पाठ

एक ऊपर लेवल के साहब को नीचे लेवल के बाबू ने उल्टी पाठ पढ़ा दी। पाठ पढ़ाने पर साहब ने विश्वास भी कर लिया। साहब को जब जानकारी मिली तो नीचे वाले बाबू को पहले जमकर फटकार लगाई और लिखित में जवाब मांगा। बाद में पता चला कि नीचे वाले बाबू ने कंफ्यूजन में उल्टी पाठ पढ़ा दी थी। थोड़ा सा ठोक बजा लिया होता तो बाबू से गलती नही होती और शो कॉज के चक्कर में नहीं फंसते। अब नीचे वाले बाबू साहब को अपना जलवा दिखाने में जुट गए हैं। इस गलती को धोने के लिए उसी पाठ में से टास्क पूरा करके देना है। इसके लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं। टास्क पूरा कर गलत पाठ पढ़ाने वाले किस्से को खत्म कर सकेंगे। हालांकि नीचे वाले बाबू अपना टास्क ईमानदारी से पूरा करने में माहिर है और चर्चित भी हैं।


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