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MBBS: Medical Students को अब नहीं करना होगा ढाई वर्ष का इंतजार, पहले ही दिन से देख सकेंगे मरीज

MBBS की पढ़ाई अब नए तरीके से होगी। मेडिकल छात्रों को पहले ही दिन से मरीज देखने की प्रैक्टिस (क्लीनिकल) कराई जाएगी। नए सत्र 2019 से पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Fri, 10 May 2019 02:37 PM (IST)Updated: Sat, 11 May 2019 10:12 AM (IST)
MBBS: Medical Students को अब नहीं करना होगा ढाई वर्ष का इंतजार, पहले ही दिन से देख सकेंगे मरीज
MBBS: Medical Students को अब नहीं करना होगा ढाई वर्ष का इंतजार, पहले ही दिन से देख सकेंगे मरीज

रांची, जागरण संवाददाता। MBBS की पढ़ाई अब नए तरीके से होगी। नए सत्र 2019 से पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया है। Medical Students को पहले ही दिन से मरीज देखने की प्रैक्टिस (क्लीनिकल) कराई जाएगी। यानी वर्तमान में जहां इसके लिए मेडिकल छात्रों को ढाई वर्ष का इंतजार करना पड़ता था।

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अब पहले दिन से ही इसका अनुभव मिलेगा। इस नए बदलाव से ऐसे चिकित्सक तैयार किए जाएंगे, जो विशेषज्ञ तो होंगे ही, उन्हें हर विषय की गहन जानकारी होगी। उन्हें संवेदनशील इंसान होने के गुण भी बताए जाएंगे।

पहले वर्ष की पढ़ाई 13 महीने की होगी

पहले वर्ष की पढ़ाई 13 महीने की होगी। यानी फस्र्ट प्रोफेशनल के पहले महीने में फाउंडेशन कोर्स होगा। इसके बाद पाठ्यक्रम की पढ़ाई होगी, जो 13 महीने की होगी। उसके अगले वर्ष से 12 महीने का सेकेंड प्रोफेशनल होगा।

नई बीमारियों की दी जाएगी जानकारी

बेहतर चिकित्सक बनाने के लिए पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया है इसलिए शुरुआती चरण से ही मेडिकल छात्रों को नई बीमारियों और उनके इलाज के बारे संपूर्ण जानकारी दी जाएगी। साथ ही बीमारी की डायग्नोसिस कैसे की जाए, इसकी जानकारी भी दी जाएगी। इसके अलावा हाल के दिनों में हुए शोध व मेडिकल से जुड़ी नई तकनीक की जानकारी भी मिलेगी। नए पाठ्यक्रम में प्रायोगिक ज्ञान बढ़ाने पर ज्यादा बल दिया गया।

व्यावहारिक चिकित्सक बनने का भी प्रशिक्षण

मरीज व उनके परिजनों से चिकित्सक कैसे पेश आएं, इसका भी ज्ञान मेडिकल छात्रों को दिया जाएगा, ताकि उनके व्यवहार से मरीज व परिजनों को परेशानी न हो। उन्हें चिकित्सक बनने के साथ-साथ उन्हें चार क्षेत्रों में विकसित किया जाएगा। मेडिकल पढ़ाई के दौरान उन्हें बेस्ट क्लीनीशियन, लीडरशिप, प्रोफेशनल और बेस्ट कम्युनिकेटर बनने के गुर सिखाए जाएंगे।

शिक्षकों को दिया जा रहा है प्रशिक्षण

नए पाठ्यक्रम के अनुरूप शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि शिक्षक नए पाठ्यक्रम को पढ़ाने के लिए तैयार हो जाएं। एमबीबीएस के पाठ्यक्रम को पिछले कई वर्षों से नहीं बदला गया है। बताया जाता है कि 1997 से ही पाठ्यक्रम में कोई बदलाव नहीं किया गया था।

जबकि चिकित्सा के क्षेत्र में इन वर्षों में कई बड़े बदलाव हो चुके हैं। नई तकनीक भी आ चुकी है। इसी सिलसिले में मेडिकल कॉलेज में वर्कशॉप का आयोजन किया जा रहा है। इसे लेकर रिम्स में भी एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया है, जहां एमसीआइ के प्रतिनिधियों ने रिम्स के चिकित्सकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।

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