अभियंताओं की प्रोन्नति मामले की अब वृहद पीठ में होगी सुनवाई Ranchi News
Jharkhand. जल संसाधन विभाग में प्रोन्नति का मामला। अदालत ने यथास्थिति बहाल करने के अपने आदेश को वापस ले लिया है।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट जस्टिस डॉ. एसएन पाठक की अदालत में जल संसाधन के सहायक अभियंताओं को आरक्षण का लाभ देते हुए कार्यपालक अभियंता में प्रोन्नति देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई। वादी की ओर से उठाए गए बिंदु पर सुनवाई के लिए अदालत ने इस मामले को लार्जर बेंच (वृहद पीठ) में भेजने का निर्देश दिया। इसके अलावा अदालत ने इस मामले में यथास्थिति बहाल करने के अपने आदेश को वापस ले लिया।
दरअसल, महेश कुमार सहित अन्य ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर आरक्षण के तहत प्रोन्नति नहीं होने को चुनौती दी थी। याचिका में कहा गया है कि उनका नाम वरीयता सूची में होने के बाद भी उनसे कनीय सहायक अभियंताओं को प्रोन्नति दी गई है। जिनकी प्रोन्नति हुई है, उनसे ज्यादा उनकी सेवा है। इसलिए उन्हें अनारक्षित कैटगरी में प्रोन्नति दी जाय। इस मामले में अदालत ने 13 अगस्त 2019 को यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया था।
इस बीच विपिन भगत व अन्य ने हस्तक्षेप याचिका दाखिल की। उनकी ओर से अधिवक्ता शुभाशीष रसिक सोरेन ने अदालत को बताया कि जल संसाधन विभाग में एससी कैटगरी में प्रोन्नति के लिए कोई पद रिक्त नहीं है। इसलिए इनकी प्रोन्नति नहीं हो पाई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस तरह के मामले में आदेश दिया है कि प्रोन्नति में एक बार आरक्षण का लाभ लेने वाले को दोबारा आरक्षण के तहत ही प्रोन्नति दी जाएगी।
सुनवाई के बाद अदालत ने यथास्थिति बरकरार रखने वाले अपने आदेश को वापस ले लिया। अदालत ने इस मामले को लार्जर बेंच में भेजने का निर्देश दिया है, ताकि इस बिंदु पर सुनवाई की जा सके कि क्या प्रोन्नति में एक बार आरक्षण का लाभ लेने वाले को अनारक्षित कैटगरी में प्रोन्नति दी जा सकती है या नहीं।