Jharkhand: शिक्षा व्यवस्था से हैं असंतुष्ट तो अब सीधे कीजिए ईमेल, होगी कार्रवाई
Jharkhand News in Hindi. शिक्षा विभाग ने शिक्षकों से लेकर अभिभावकों के लिए ईमेल जारी किया है। कई शिक्षकों को अपने पदाधिकारी या स्कूलों की व्यवस्था को लेकर शिकायत होती है।
रांची, जासं। झारखंड में सरकारी शिक्षा व्यवस्था में कई खामियां हैं। शिक्षा विभाग कमियाें को दूर करने की भरपूर कोशिश करती है, लेकिन व्यवस्था कई चैनलों में बंटी होती है, जिससे कई बार पूरी जानकारी विभाग को नहीं होती है और लोग परेशान रहते हैं। अभिभावक को यह समझ में नहीं आता है कि वह शिकायत कहां और कैसे करें।
ऐसी समस्याओं के निराकरण के लिए स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग सकारात्मक कदम उठाते हुए ईमेल से शिकायत या समस्या प्राप्त कर समाधान करेगा। यानी शिक्षक, कर्मचारी, शिक्षकेतर पदाधिकारी तथा अभिभावक शिक्षा व्यवस्था अथवा सेवा से संबंधित शिकायत पत्र अब ऑनलाइन माध्यमों से प्राप्त करेगा। शिकायत ईमेल- ग्रीवांसएचआरडीजेएचआर एटदरेट जीमेल.कॉम grievancehrdjhr@gmail.com पर किया जाएगा।
इससे पहले शिकायत पत्र हार्ड कॉपी में विभिन्न माध्यमों से उपलब्ध कराया जाता था। इस संबंध में शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव मनोज जायसवाल ने सभी क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक, जिला शिक्षा पदाधिकारी व जिला शिक्षा अधीक्षक को पत्र लिखा है।
अधीनस्थ को भी दें जानकारी
संयुक्त सचिव ने पत्र में कहा है कि भविष्य में विभाग से जुड़े लोग व अभिभावकों के शिकायत पत्र ईमेल आइडी में ही उपलब्ध कराना होगा। साथ इस संदर्भ में अपने अधीनस्थ सभी कर्मियों को इसकी जानकारी दे दें। वेतन निर्धारण व अन्य जिला स्थापना समिति संंबंधी मामलों का निष्पादन नियमानुसार सक्षम स्तर से करना सुनिश्चित करें।
पहले शिकायत करने से कतराते थे शिक्षक
ईमेल आइडी से शिकायत या समस्या के बारे में विभाग को अवगत कराने के आदेश से अभिभावक से लेकर शिक्षक तक सभी खुश हैं। अभिभावक को शिक्षा व्यवस्था को लेकर शिकायत होती है, लेकिन वे विभाग जाने की जहमत नहीं उठाते थे। वहीं कई शिक्षकों को अपने पदाधिकारी या स्कूलों की व्यवस्था को लेकर शिकायत होती है, लेकिन वे सीधे विभाग में शिकायत करने से बचते हैं। दो दिन पहले ही एक स्कूल में नामांकन में अधिक पैसे लिए जा रहे थे। लेकिन शिक्षक अपने प्राचार्य के खिलाफ शिकायत करने से बच रहे थे। ईमेल की व्यवस्था होने से अब सीधे अधिकारी को शिकायत कर सकेंगे।