रांची में अब जमीन माफियाओं की नहीं चलेगी दादागिरी, सरकार ने दिए कार्रवाई के निर्देश
रांची में जमीन माफियाओं की दादागिरी अब नहीं चलेगी। किसानों और रैयत की जमीन प्रोजेक्ट पर जमीन माफिया नहीं घेर पाएंगे। इसके लिए सरकार ने रांची डीसी को निर्देश दिया है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से रांची के डीसी को पत्र लिखकर निर्देश दिया गया है।
रांची, जासं । रांची में जमीन माफियाओं की दादागिरी अब नहीं चलेगी। किसानों और रैयत की जमीन प्रोजेक्ट पर जमीन माफिया नहीं घेर पाएंगे। इसके लिए राज्य सरकार ने रांची के डीसी को निर्देश दिया है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से रांची के डीसी को पत्र लिखकर निर्देश दिया गया है कि भू माफियाओं के शिकंजे से आम जनों की संपत्ति की रक्षा के लिए वैकल्पिक मार्ग ढूंढा जाए और उससे संबंधित कार्रवाई की जाए। यह निर्देश क्षेत्रीय जन विकास परिषद के अध्यक्ष दयानंद मिश्रा के द्वारा लिखे पत्र के बाद दिया गया है।
दयानंद मिश्रा ने राजस्व विभाग को पत्र लिखकर कहा था कि रांची से सटे सभी दिशाओं में अनगिनत जमीन के प्रोजेक्ट चल रहे हैं। जिसमें जमीन माफियाओं की दादागिरी और जमीनों का घोटाला आम बात हो गई है। जमीन माफिया किसानों की जमीन चारों ओर से चारदीवारी कर घेर लेते हैं और कहते हैं कि हमने आप की जमीन छुआ तक नहीं है।
बाद में किसान व रैयत को मजबूर कर कौड़ी के दामों में जमीन को खरीद लिया जाता है और ऊंची कीमतों पर उसे बेचा जाता है। रांची के कांके, रातू, नगड़ी ओरमांझी, नामकुम सहित अन्य अंचलों में यह खेल लगातार जारी है। इस कष्टकारी समस्या का समाधान के लिए एक नियम बनाने की मांग की गई है। ताकि कोई भी चारदीवारी केवल तभी अपनी भूमि में कर सकता है जब उसके घेरे के अंदर किसी का प्लॉट नहीं हो और सभी जमीनों को खरीदा जा चुका हो। इसी पत्र के आलोक में सरकार की ओर से कार्रवाई का निर्देश दिया गया है।
55 एकड़ जमीन का हुआ है घोटाला, जांच शुरू
रांची जिले के कांके अंचल स्थित कोकदोरो मौजा में 55 एकड़ जमीन का घोटाला कर लिया गया है। इस जमीन घोटाले पर राज्य के मुख्यमंत्री ने भू राजस्व सचिव को जांच कर आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया है। इस निर्देश के बाद मामले में जांच शुरू ही गई है। रांची के प्रमंडलीय आयुक्त को जांच की जिम्मेवारी मिली है। जांच के लिए कोकदोरो में एक टीम भी पहुंची थी। गौरतलब है 55 एकड़ भूमि घोटाले की शिकायत क्षेत्रीय जन विकास परिषद के अध्यक्ष दयानंद मिश्रा की ओर से अक्टूबर 2020 को ही सीएम से की गई थी।
जिसमें बताया गया था कि अंचल कर्मियों की मिलीभगत से 55 एकड़ जमीन का घोटाला किया गया है। फर्जी कागजातों के जरिए जमीन माफियाओं ने कई लोगों के नाम जमीन करवा दी है। इससे जमीन के मूल मालिक दर-दर भटकने को मजबूर हैं। इसी शिकायत के बाद राजस्व विभाग की ओर से कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। अब इस जमीन घोटाले में शामिल जमीन माफिया व अंचल कर्मी कार्रवाई के दायरे में आएंगे।