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अब बीआइटी मेसरा और ड्रोन बाजार डाट काम मिलकर बनाएंगे कम लागत वाला ड्रोन

बीआइटी मेसरा और ड्रोन बाजार डाट काम मिलकर ड्रोन तकनीक को बढ़ावा देंगे। दोनों संस्थानों ने एक साथ मिलकर ड्रोन तकनीक का सेंटर आफ एक्सीलेंस खोलने के लिए एमओयू किया है। इसके साथ ही बीआइटी मेसरा देश का पहला प्राइवेट इंजीनियरिंग कालेज बन गया है

By Jagran News RanchiEdited By: Published: Fri, 01 Jul 2022 01:01 PM (IST)Updated: Fri, 01 Jul 2022 01:01 PM (IST)
अब बीआइटी मेसरा और ड्रोन बाजार डाट काम मिलकर बनाएंगे कम लागत वाला ड्रोन
बीआइटी मेसरा और ड्रोन बाजार डाट काम मिलकर बनाएंगे कम लागत वाला ड्रोन

रांची, जासं । अब बीआइटी मेसरा और ड्रोन बाजार डाट काम मिलकर ड्रोन तकनीक को बढ़ावा देंगे। दोनों संस्थानों ने एक साथ मिलकर ड्रोन तकनीक का सेंटर आफ एक्सीलेंस खोलने के लिए एमओयू किया है। इसके साथ ही बीआइटी मेसरा देश का पहला प्राइवेट इंजीनियरिंग कालेज बन गया है जहां ऐसी व्यवस्था अब उपलब्ध होगी। दोनों संस्थान मिलकर अगले 2-3 माह के अंदर इसकी स्थापना बीआइटी मेसरा कैंपस में करेंगे। इससे पहले बीआइटी सिंदरी ने ड्रोन बाजार डाट काम को अपने यहां इंकुबेशन भी दिया है। ड्रोन बाजार डाट काम झारखंड का पहला ऐसा स्टार्ट-अप है जो ड्रोन तकनीक का लाभ आमजनों तक पहुंचाने का कार्य कर रहा है। ड्रोन बाजार डाट काम की शुरूआत बीआइटी मेसरा के ही पूर्ववर्ती छात्र गौरव प्रताप तथा उनकी पत्नी शालिनी ने मिलकर की है। गौरव प्रताप पिछले 7 वर्षों से ड्रोन के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। उन्हें देश विदेश के अनेकों प्रोजेक्ट्स में ड्रोन का इस्तेमाल करने का अनुभव प्राप्त है। गौरव ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि ड्रोन तकनीक हर क्षेत्र के लिए बहुत कारगर है। लेकिन इसका लाभ आमलोगों तक या गांवों के किसान तक नहीं पहुंच पा रहा है। उन्होंने अधिक मूल्य की ड्रोन, सही मार्गदर्शन, ड्रोन सुविधा प्राप्त करने के लिए आसान वेबसाइट, सभी साफ्टवेयर का अंग्रेजी में होना, ड्रोन की शिक्षा का अभाव, ये सारी समस्या मुख्य रूप से अनुभव किया। इन सारी समस्याओं के समाधान के लिए ड्रोन बाजार डाट काम की शुरूआत झारखंड के धनबाद शहर से की गई। ड्रोन तकनीक का सेंटर आफ एक्सीलेंस कम मूल्य की ड्रोन, ड्रोन की शिक्षा तथा ड्रोन से संबंधित शोध कार्य करेगा। ड्रोन तकनीक का सेंटर आफ एक्सीलेंस आने वाले दिन में ड्रोन के क्षेत्र में पूरे विश्व में झारखंड को एक अलग पहचान देगा। ये सेंटर आफ एक्सीलेंस सरकार के साथ मिलकर राज्य के विकास योजनाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। आने वाले समय में ड्रोन की बढ़ती मांग को देखते हुए झारखंड में ड्रोन बाजार डाट काम और बीआइटी मेसरा के द्वारा उठाए जा रहे सकरात्मक कदम एक बड़ा गेम चेंजर साबित होगा।

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एमओयू से युवाओं को मिलेगा लाभ :

- झारखंड के युवाओं के लिए ड्रोन के क्षेत्र में रोजगार के नए नए अवसर मिलेंगे

- भारतीय ड्रोन महोत्सव के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में ड्रोन को मोबाइल जैसा सुलभ बनाने का स्वप्न देश के सामने रखा

- इसी स्वप्न को साकार करने के लिए बीआइटी मेसरा में ड्रोन डेवलपमेंट के लिए सेंटर आफ एक्सीलेंस का निर्माण करने की योजना तैयार की गई है

- इसमें ड्रोन के ढांचे और सेंसर्स पर निर्माण एवं शोध कार्य किया जाएगा

- इसके साथ पायलट ट्रेनिंग कराने की भी योजना इसमें शामिल की गई है

- ड्रोन के साथ एंटी ड्रोन टेक्नोलाजी के क्षेत्र पर भी काम किया जाएगा

- अभी देश ड्रोन से संबंधित सभी चीजों के लिए चीन से निर्यात पर निर्भर है, ऐसे में यह योजना देश को ड्रोन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगी

- देश में ही निर्माण करने से ड्रोन बनाने के खर्च में भी कमी आएगी और इसे आमलोग भी खरीद पाएंगे

- देश में बनाने से इसमें बदलाव लाए जा सकेंगे, जिसे देश के अलग कार्य और जरूरतों के लिए अनुकूल बनाया जा सकेगा

- बीआइटी मेसरा अनुसंधान और नवाचार में हमेशा आगे रहा है और यह योजना इसी का एक शानदार उदाहरण है।

ये रहे मौजूद :

मौके पर संस्थान की तरफ से कार्यकारी कुलपति प्रो कुणाल मुखोपाध्याय, रजिस्ट्रार कर्नल एसएस खेतरपाल, विभागाध्यक्ष डा एसएस सोलंकी, संस्थान के विभिन्न संकायाध्यक्ष, अध्यापक और ड्रोन बाजार के सीईओ गौरव भी माैजूद थे। कार्यक्रम का संचालन प्रो मृणाल पाठक ने किया और धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर डा एसएस सोलंकी ने किया।


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