Jharkhand Coronavirus News Updates: अब कोई भी करा सकता है कोरोना की जांच, डॉक्टर की पर्ची की जरूरत नहीं
Jharkhand Coronavirus News Updates. आइसीएमआर की नई गाइडलाइन से सारी बाधाएं दूर हो जाएंगी। कांटैक्ट ट्रेसिंग तबीयत बिगडऩे पर ही स्वाब लेने की अनिवार्यता नहीं रहेगी।
रांची, [शक्ति सिंह]। Jharkhand Coronavirus News Updates अब कोरोना जांच के लिए किसी भी डॉक्टर के पर्ची की आवश्यकता नहीं है। बल्कि कोई भी व्यक्ति अपनी जांच करा सकता है। अब तक कोरोना जांच के लिए डॉक्टर की अनुमति की जरूरत पड़ती थी। इसके बाद ही मरीज का सैंपल लिया जाता था। पर अब ऐसा नहीं है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने इसकी अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। पहले मरीज के कांटैक्ट में आने, फिर ट्रेवल हिस्ट्री और तबीयत बिगडऩे पर ही लोगों का स्वाब लिया जाता था। पर अब ऐसा नहीं होगा।
अब प्रोटोकॉल के पेच में नहीं होगा फंसना
कई दफा जरूरतमंद लोगों की भी जांच नहीं हो पाती थी। प्रोटोकॉल के पेच में इससे वंचित होना पड़ता था। बाद में जब संबंधित व्यक्ति की तबीयत खराब होती, तो उसकी जांच में कोरोना पॉजिटिव निकलता था। ऐसे कई मामले आ चुके हैं। कोरोना वायरस के बढ़ते मामले के बाद ऐसा फैसला लिया गया है।
लोगों में बढ़ी है जागरूकता
कोरोना को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ी है। इसलिए लोग कोरोना की जांच करा रहे हैं। पहले संसाधनों की कमी के कारण कई तरह प्रोटोकॉल का पालन करना पड़ता था। पर अब संसाधनों की उपलब्धता होने पर डॉक्टरों की सलाह की बाध्यता को हटा दिया गया है।
कई निजी संस्थानों में हो रही है कोराना की जांच
कई निजी लैब और प्राइवेट लैब की व्यवस्था उपलब्ध करा दी गई है जहां मरीजों का सैंपल लिया जा रहा है। लैब की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है ताकि मरीजों को जांच के लिए सिर्फ सरकारी संस्थान का इंतजार नहीं करना पड़े।
जांच के लिए देने पड़ते हैं 2400 रुपये
जांच में पैसे की रियायत मिलने से लोगों को राहत मिली है। पहले जिस जांच जांच के लिए 4500 रुपये लोगों को देने पड़ते थे। पर अब मरीजों को 2400 रुपये देने होंगे। इससे मरीजों को जांच करने में ज्यादा परेशानी नहीं होगी।
'आइसीएमआर की नई गाइडलाइन के तहत अब कोई भी व्यक्ति कोराना का टेस्ट करा सकता है। अब उन्हें डॉक्टर की अनुमति लेनी की जरूरत नहीं पड़ेगी।' -डॉ. पूजा सहाय, माइक्रोबायोलिजिस्ट, रांची।
'जिन मरीजों को किडनी, कैंसर या गंभीर बीमारियां हैं या फिर 60 वर्ष से अधिक उम्र हैं और उनमें कोरोना के लक्षण हैं तो ऐसे मरीजों को कोरोना की जांच जरूर कराना चाहिए।' -डॉ. संजय कुमार, वाइस प्रोसिडेंट, मेडिका हॉस्पिटल।