Lok Sabha Polls 2019: झारखंड में पिछले दो चुनावों में एक भी महिला को नहीं मिली जीत
Lok Sabha Polls 2019. 2009 और 2014 में किसी महिला प्रत्याशी को जीत मिली। इस बार के लोकसभा चुनाव में भी गिने-चुने नामों को छोड़ दें तो अभी तक कोई नाम सामने नहीं आया है।
रांची, राज्य ब्यूरो। पिछले दो लोकसभा चुनावों में झारखंड से एक भी महिला चुनाव जीतकर संसद नहीं पहुंच पाई है। न तो 2009 और न ही 2014 में किसी महिला प्रत्याशी को जीत मिली। इस बार के लोकसभा चुनाव में भी गिने-चुने नामों को छोड़ दें तो अभी तक ऐसा नाम सामने नहीं आया है, जिनके बारे में कहा जा सकता है कि वे संसद में आधी आबादी का झारखंड से प्रतिनिधित्व करेंगी। जहां तक विभिन्न दलों द्वारा महिलाओं को टिकट देने की बात है तो इससे राजनीतिक दल परहेज करते रहे हैं।
पिछले लोकसभा चुनाव की ही बात करें तो भाजपा, कांग्रेस, झामुमो ने तो एक भी महिला को टिकट नहीं दिया था। आजसू ने ही एकमात्र हेमलता एस मोहन तथा झाविमो ने नीलम देवी को टिकट दिया था। इस बार महिलाओं को टिकट देने में महागठबंधन का सीट फार्मूला भी बड़ा फैक्टर बनेगा। कांग्रेस से गीता कोड़ा, राजद से अन्नपूर्णा देवी मजबूत दावेदार हो सकती हैं, लेकिन यह इसपर निर्भर करेगा कि महागठबंधन में क्रमश: सिंहभूम तथा कोडरमा सीटें संबंधित दलों को मिलेगी।
गीता कोड़ा, नीलम देवी को छोड़ सभी को वोट के लाले
2014 में हुए लोकसभा चुनाव में कुल 17 महिला प्रत्याशियों में सिंहभूम से पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा तथा चतरा से झाविमो प्रत्याशी नीलम देवी ही विजेता प्रतिद्वंद्वियों को कड़ी टक्कर दी थी। बाकी महिला प्रत्याशियों ने निराश ही किया था। जय भारत समानता पार्टी की प्रत्याशी गीता कोड़ा 2,15,607 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहते हुए विजेता लक्ष्मण गिलुवा से 87,524 वोट से पीछे रह गईं थीं।
वहीं, चतरा से नीलम देवी 1,04,176 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रही थीं। अन्य महिला प्रत्याशियों धनबाद की आजसू प्रत्याशी हेमलता एस मोहन छठे तो सीपीआइ-एमएल की गोड्डा प्रत्याशी गीता मंडल पंद्रहवें स्थान पर रही थीं। आदिवासियों के बीच चर्चित खूंटी की आप प्रत्याशी दयामनी बारला को सातवें स्थान से संतोष करना पड़ा था। हजारीबाग से बसपा प्रत्याशी तेतरी शीला देवी नौवें तो कोडरमा से निर्दलीय महिला प्रत्याशी कंचन कुमारी छठे स्थान पर रहीं। रांची की निर्दलीय प्रत्याशी साजिया हैदर महज 2195 लाकर उन्नीसवें स्थान पर रही थीं। पलामू की सीपीआइ-एमएल प्रत्याशी सुषमा मेहता मात्र 8,386 वोट लाकर आठवें स्थान पर रही थीं।
फैक्ट फाइल
-रांची, सिंहभूम, गिरिडीह तथा कोडरमा से अभी तक महिला सांसद नहीं चुनी गई हैं।
-पिछली बार 2004 में जमशेदपुर से सुमन महतो सांसद चुनी गई थीं।
-रीता वर्मा (धनबाद) सबसे अधिक चार बार लोकसभा चुनाव जीतीं।