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कैसे मिले रोजगार, कहीं थम गई तो कहीं वर्षों से लटकी है बहाली Ranchi News

Jharkhand. राज्य में बहाली की प्रक्रिया लगभग थम सी गई है। हालात यह है कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने इस साल एक भी नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं की है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Fri, 05 Jul 2019 10:09 AM (IST)Updated: Fri, 05 Jul 2019 05:03 PM (IST)
कैसे मिले रोजगार, कहीं थम गई तो कहीं वर्षों से लटकी है बहाली Ranchi News
कैसे मिले रोजगार, कहीं थम गई तो कहीं वर्षों से लटकी है बहाली Ranchi News

रांची, [नीरज अम्बष्ठ]। राज्य में तृतीय श्रेणी के विभिन्न पदों पर बहाली की प्रक्रिया लगभग थम गई है। स्थिति यह है कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने इस साल एक भी नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं की है। वहीं दूसरी तरफ, झारखंड लोक सेवा आयोग में विभिन्न पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया दो-दो साल से लटकी हुई है। कई अन्य बहालियां या तो नियमावली गठित नहीं होने या फिर अन्य कारणों से लटकी हुई हैं।

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झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) ने पिछले साल दिसंबर माह में उत्पाद सिपाही के पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया था। उसके बाद आयोग से एक भी वेकेंसी नहीं निकली है। बताया जाता है कि कमजोर वर्गों को आरक्षण को लेकर अध्यादेश जारी होने की प्रत्याशा में भी कई पदों पर नियुक्ति की अनुशंसा आयोग को नहीं मिल रही है। नियमावली में अस्पष्टता के कारण भी नियुक्ति के कई मामले लटके हुए हैं।

इनमें मॉडल स्कूलों व कल्याण विभाग के आवासीय स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति आदि शामिल हैं। जेएसएससी फिलहाल हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने में लगा है। दूसरी तरफ, जेपीएससी में कई बहालियां दो-दो साल से लटकी हुई हैं। इनमें हाई स्कूलों में 668 पदों पर प्रधानाध्यापकों, 24 जिला खेल पदाधिकारियों, पॉलीटेक्निक संस्थानों में व्याख्याताओं और विभागाध्यक्षों, असिस्टेंट पब्लिक हेल्थ अफसरों की नियुक्ति आदि शामिल हैं।

चार साल पहले रद हुई थी नियुक्ति, आजतक शुरू नहीं हुई

राज्य सरकार ने एक्सरे तकनीशियन, लैब तकनीशियन, फार्मासिस्ट, नर्स आदि पदों पर नियुक्ति की अनुशंसा वर्ष 2015 में ही झारखंड कर्मचारी चयन आयोग से की थी। आयोग ने बकायदा आवेदन भी मंगा लिए थे, लेकिन बाद में नियमावली में कुछ त्रुटि होने के कारण नियुक्ति प्रक्रिया रद कर दी गई। आज तक यह दोबारा शुरू नहीं हो सकी है। दो साल बाद राज्य सरकार ने इस वर्ष जनवरी में नियुक्ति नियमावली तो गठित की, लेकिन रोस्टर क्लीयर करने व कमजोर वर्गों को आरक्षण के मसले पर अनुशंसा दोबारा आयोग को नहीं भेजी जा सकी है।

सरकार के खजाने में पड़े हैं अभ्यर्थियों के करोड़ों

राज्य सरकार ने 2008-09 में आयुष प्रक्षेत्र में तृतीय श्रेणी के विभिन्न पदों पर नियुक्ति के लिए आवेदन मंगाए थे। बाद में चयन समिति विवादित होने के बाद नियुक्ति प्रक्रिया ठंडे बस्ते में चली गई। राज्य सरकार अब इसपर कोई चर्चा या कवायद नहीं कर रही है। अभ्यर्थियों से परीक्षा शुल्क के रूप में वसूले गए करोड़ों रुपये बैंक में पड़े हैं।

कॉलेज शिक्षकों की नियुक्ति के फिर से शुरू होने का इंतजार

झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) ने लंबे इंतजार के बाद विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर तथा असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति की प्रक्रिया पिछले साल जुलाई में शुरू तो की, लेकिन आरक्षण के मुद्दे पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देश पर इस साल जनवरी में नियुक्ति प्रक्रिया स्थगित कर दी गई। आरक्षण विश्वविद्यालय स्तर पर लागू होगा या विभाग स्तर पर इसे लेकर विवाद है। इस कारण अभी तक दोबारा नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी। राज्य में 2007-08 के बाद असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति नहीं हो सकी है।


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