30 लाख रुपये का नहीं मिला हिसाब, आयकर विभाग का सर्वे शुरू
पिठोरिया में एक दिन पूर्व यानी गुरुवार की शाम पतरातू की ओर से आ रही गा़ड़ी को पकड़ 30 लाख जब्त रुपये का हिसाब नहीं मिला है।
राज्य ब्यूरो, रांची : पिठोरिया में एक दिन पूर्व यानी गुरुवार की शाम पतरातू की ओर से आ रही एक फार्च्यूनर कार से 30 लाख रुपये की बरामदगी का मामला अब तक जांच के अधीन है। आयकर विभाग ने कार मालिक सह कोयला कारोबारी गजानंद प्रसाद का बयान रिकार्ड किया था, लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिल सका। जब 30 लाख रुपये का हिसाब नहीं मिला तब आयकर विभाग की एक टीम पतरातू पहुंच गई और गजानंद की कंपनी दामोदर निगम प्राइवेट लिमिटेड का सर्वे शुरू किया। अब यह संभावना बनती जा रही है कि उक्त रुपये की जब्ती होगी। हालांकि, सर्वे कार्य पूरा होने के बाद ही आयकर के अधिकारी कुछ भी बोलने की स्थिति में होंगे।
पिठोरिया थाने में जब्त फार्च्यूनर कार जेएच-01बीएफ- 9019 के साथ हिरासत में लिए गए गजानंद प्रसाद ने आयकर विभाग को बताया था कि वे दामोदर निगम प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के निदेशक हैं। बरामद 30 लाख रुपये कंपनी के थे। जब आयकर अधिकारियों ने पूछा कि रुपये कहां से आए तो गजानंद ने जिस व्यक्ति का नाम लिया, उसने आयकर अधिकारियों के सामने रुपये देने की बात से इन्कार कर दिया। अब आयकर विभाग का शक और गहरा हो गया, जिसके बाद ही विभाग की एक टीम पतरातू चली गई है, जहां छानबीन चल रही है।
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निर्वाचन आयोग के निर्देश पर चल रही है गहन छानबीन
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देश पर ही आयकर विभाग भी रुपयों के बारे में गहन छानबीन कर रहा है। रुपयों के साथ हिरासत में लिए गए गजानंद प्रसाद रामगढ़ के सौंदा डी. दारी, हाउस नंबर 118 सरैया टोला के रहने वाले हैं। इस बात की जांच की जा रही है कि क्या इस पैसे का इस्तेमाल लोकसभा में होना था।