सत्तर सालों में विकास नहीं विनाश हुआ : तोगडिय़ा
तोगडिय़ा तीन दिवसीय झारखंड दौरे के अंतिम दिन रांची में विहिप के प्रांत कार्यालय में हिंदुओं के विकास पर जोर दिया।
जागरण संवाददाता, रांची। विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष डॉ प्रवीण भाई तोगडिय़ा तीन दिवसीय झारखंड दौरे के अंतिम दिन रांची में विहिप के प्रांत कार्यालय में हिंदुओं के विकास पर जोर दिया। पिछले सत्तर साल में हिंदुओं और देश की दुर्दशा पर दो टूक कहा कि सत्तर साल में विकास नहीं, विनाश हुआ। सत्तर सालों में आज 19 करोड़ के पास भोजन नहीं है। 15 करोड़ बेरोजगार हैं। 22 करोड़ मधुमेह के शिकार हैं। 20 करोड़ को ब्लडप्रेशर है। चार लाख किसानों ने आत्महत्या कर ली। आरक्षण के सवाल पर कहा कि देश में सभी हिंदुओं को क्वालिटी एजुकेशन मिलना चाहिए। रोजगार मिलना चाहिए। मैं 125 करोड़ नहीं, सौ करोड़ हिंदुओं का नेता हूं। मन की नहीं, दिल की बात करता हूं। तोगडिय़ा ने व्यवस्था पर प्रहार करते हुए कहा कि 1975 में तीन सौ रुपये का फार्म भरकर एमबीबीएस किया और आज एक करोड़ रुपये देकर डॉक्टर बन रहे हैं। कैसा भारत हमने बनाया है?
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निजी स्कूलों पर नकेल के सवाल पर कहा कि निजी स्कूलों पर सरकार का नियंत्रण होना चाहिए। उस पर दबाव बनाना चाहिए कि वह मुनासिब फीस बढ़ाए ताकि क्वालिटी एजुकेशन प्रभावित न हो। सरकार को यह भी तय करना चाहिए कि तीस बच्चों में दस गरीब बच्चे भी इन स्कूलों में शिक्षा पा सकें, कम फीस देकर। गुजरात में यह शुरू हो चुका है। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के सवाल पर कहा कि राम का मंदिर जल्द बनेगा। अतिउत्साही हिंदुओं द्वारा आपत्तिजनक गीत बजाए जाने के सवाल पर कहा कि हम उनके उत्साह को विकास में लगाएंगे। कहीं कोई अपवाद हो गया हो उसे नियम नहीं मान लेना चाहिए।
हिंदुओं के विकास का पेश किया खाका
हिंदुओं का विकास कैसे, इसके लिए छह बिंदु बताए। कहा इस पर काम हो रहा है। खाना, शिक्षा, व्यापार समृद्धि, स्वास्थ्य, रोजगार, किसानों की आय डबल करना उसके बिंदु हैं। हर बिंदु के बारे में विस्तार से समझाया। कहा, हर घर में एक थैली दे रहे हैं। वहां से एक मुट्ठी अनाज निकलता है और फिर एकादशी के दिन एकत्रित कर गरीबों में बांटा जाता है। शिक्षित हिंदू के लिए तीन स्तरों पर काम हो रहा है। प्राथमिक शिक्षा को प्राथमिकता दे रहे हैं। 52 हजार गांवों में यह योजना चल रही है। अब तक 20 लाख छात्र लाभान्वित हो चुके हैं। इनमें से तीन हजार स्कूल झारखंड में चल रहे हैं। एक लाख हाई स्कूल चल रहे हैं। ये स्कूल आदिवासी बहुल इलाकों में चल रहे हैं। 156 हॉस्टल चलाते हैं, जहां से पचास हजार छात्र लाभान्वित हो चुके हैं। इसी तरह अन्य बिंदुओं पर प्रकाश डाला। कहा कि किसानों को यूरिया की जगह गोमूत्र व अन्य कीटनाशक से बने रसायन दे रहे हैं कि ताकि खेत की उर्वरता बरकरार रहे और पैदावार भी दोगुना होगा। इन्हीं छह बातों पर विहिप काम कर रही है। इस मौके पर विहिप के अजय अग्रवाल, प्रांत मंत्री डा. बीरेंद्र साहू सहित कई लोग उपस्थित थे।