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झारखंड में 12 जिलों में अब भी रोपा शुरू नहीं

मानसून की बेरुखी का धान की रोपनी पर दिखने लगा असर, मक्का, दलहन ओर तेलहन की बुआई की स्थिति संतोषजनक।

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Jul 2018 03:40 PM (IST)Updated: Fri, 20 Jul 2018 03:40 PM (IST)
झारखंड में 12 जिलों में अब भी रोपा शुरू नहीं
झारखंड में 12 जिलों में अब भी रोपा शुरू नहीं

राज्य ब्यूरो, रांची : मानसून की बेरुखी का असर झारखंड में भी दिखने लगा है। 18 जुलाई तक राज्य के आधे जिलों (12 जिलों) में धान की रोपनी का कार्य शुरू नहीं हुआ है। राज्य सरकार के कृषि निदेशालय की रिपोर्ट खुद इस बात की पुष्टि कर रही है। हालांकि धान के अलावा अन्य फसलों की बुआई सामान्य रही है।

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कृषि विभाग ने इस वर्ष 1800 हजार हेक्टेयर में धान की खेती का लक्ष्य निर्धारित किया है। जिसके सापेक्ष 18 जुलाई तक 195.978 हजार हेक्टेयर में रोपनी का कार्य हुआ है। जो कि लक्ष्य का महज दस प्रतिशत है। रांची, गढ़वा, पलामू, हजारीबाग, रामगढ़, चतरा, कोडरमा, गिरिडीह, बोकारो, देवघर, जामताड़ा और साहिबगंज ऐसे जिले रहे हैं जहां अब तक बुआई शुरू ही नहीं हुई है। हालांकि, पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले पखवाड़े में हालात सुधर सकते हैं।

अब तक फसल आच्छादन की स्थिति :

फसल लक्ष्य अब तक बुआई प्रतिशत

धान 1800 195.978 10.89

मक्का 312.560 141.639 43.32

दलहन 612.900 121.361 19.80

तेलहन 60.000 23.444 39.07

मोटा अनाज 42.000 3.425 8.15

कुल 2827.46 485.85 17.18

नोट : आंकड़े हजार हेक्टेयर में हैं।

पिछले पांच सालों में झारखंड में सबसे कम हुई मानसूनी बारिश :

पिछले पांच सालों की तुलना में इस साल झारखंड में मानसून सबसे कमजोर रहा है। 1 जून से 19 जुलाई की अवधि तक झारखंड में सामान्यत: औसतन 403.7 एमएम वर्षा होना था, लेकिन 19 जुलाई तक पुरे राज्य में औसतन 240.3 एमएम ही बारिश हुआ है। जो मानसून अवधि में सामान्यत: वर्षानुपात से 40 फीसद कम है। साथ ही राजधानी रांची में भी 51 फीसद बारिश कम हुई है। मानसून कमजोर होने का मुख्य कारण प्रदेश में मानसून लगभग दो सप्ताह विलंब से सक्रिय होना तथा पिछले दो सप्ताह से मानसून टर्फ लाइन अपने सामान्य स्थिति से दक्षिण दिशा की ओर सिफ्ट होना है।

इसी वजह से मध्य भारत में मानसून अभी तक ज्यादा सक्रिय रहा तथा झारखंड में मानसूनी बारिश कम हुई। मौसम वैज्ञानिक आरएस शर्मा ने बताया की मानसून टर्फ लाइन अब अपने सामान्य स्थिति में सिफ्ट हो चुका है जिस कारण से अगले कुछ दिनों तक राज्य के अधिकतर हिस्से में बारिश होने का अनुमान है।

21 व 22 जुलाई को प्रदेश के अधिकतर हिस्से में अच्छी बारिश की संभावना है-

बंगाल की खाड़ी में कम दबाब का क्षेत्र बना है जिसका असर झारखंड के अधिकतर जिलों में देखने को मिलेगा। इसके अलावा डाल्टन गंज और जमशेदपुर में टर्फ लाइन बना है। लो प्रेशर के कारण 21 व 22 को मध्य और दक्षिणी झारखंड के जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश भी हो सकता है। इस दौरान रांची तथा आसपास के जिलों में भी भारी बारिश का आसार है। मौसम केंद्र रांची ने इसकी चेतावनी जारी की है।

1 जून से 19 जुलाई तक झारखंड में औसतन वर्षानुपात-

सामान्य बारिश वर्ष कुल बारिश

403.7 एमएम 2014 358.9 एमएम

2015 459.5 एमएम

2016 346.0 एमएम

2017 297.3 एमएम

2018 240.3 एमएम


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