Nitish Kumar: भाजपा मंत्रियों के भ्रष्ट आचरण से परेशान थे नीतीश, पुराने मित्र सरयू राय से सुनिए बिहार की कहानी
Nitish Kumar News बिहार के रहने वाले सरयू राय इस समय झारखंड के विधायक हैं। उनका दावा है कि बिहार में भाजपा कोटे के मंत्रियों के भ्रष्ट आचरण से नीतीश कुमार परेशान रहते थे। यही नहीं आरसीपी के नेतृत्व में कई विधायक गुवाहाटी गए थे।
रांची, राज्य ब्यूरो। Bihar CM Nitish Kumar बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री सरयू राय ने दावा किया है कि नीतीश कुमार का राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) छोड़ने का फैसला अचानक नहीं हुआ। सरकार में भाजपा के कुछ मंत्रियों के भ्रष्ट आचरण और कुछ मंत्रियों द्वारा बंगलुरू में जमीन खरीदने की पुष्ट सूचना से वे आहत और अचंभित थे। आरसीपी प्रकरण और जद(यू) को तोड़ने की केंद्र की कोशिशों की सूचनाएं ताबूत में आखिरी कील बनी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ जद(यू) के तालमेल को 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिए। राजद प्रमुख लालू प्रसाद के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का शिकंजा कसता जा रहा है। 2024 में सबकुछ ठीकठाक रहा तो नीतीश कुमार विपक्ष का प्रधानमंत्री पद का चेहरा हो सकते हैं।
साथी दल को तोड़ने की कवायद ठीक नहीं
विधायक सरयू राय कहते हैं कि एक राजनीतिक साझीदार को अपने ही राजनीतिक साथी के दल को तोड़ने की कवायद ठीक नहीं है और इसी का असर बिहार की राजनीति में देखने को मिल रहा है। कम से कम एलायंस पार्टनर को छोड़कर चलना चाहिए। यह भी कहा कि भाजपा ने आरसीपी सिंह के नेतृत्व में जदयू के कई विधायको को गुवाहाटी बुलाया था। वे आरपीसी सिंह को जदयू में तोड़फोड़ का टूल बनाना चाहते थे। सरयू राय ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार भाजपा के मंत्रियों के आचरण से काफी परेशान थे और शासन पर से उनका नियंत्रण हट रहा था। भाजपा ने जदयू को अल्पसंख्यक पार्टनर समझने की भूल की। नीतीश कुमार प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हो सकते हैं।
नीतीश कुमार के पुराने मित्र हैं सरयू राय
उल्लेखनीय है कि सरयू राय और नीतीश कुमार की मित्रता पुरानी है। छात्र जीवन से ही दोनों के बीच बेहतर संबंध रहे हैं। झारखंड के पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान जब भाजपा ने सरयू राय को टिकट नहीं दिया तो उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को चुनौती देने का निर्णय किया। वे रघुवर के खिलाफ जमशेदपुर पूर्व से बतौर निर्दलीय उम्मीदवार खड़े हुए और कामयाबी पाई। नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ रहते हुए सरयू राय को समर्थन करने की घोषणा की थी। चुनाव में राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने भी उनका खुलकर साथ दिया था।