रांची नगर निगम को नहीं मिली फूटी कौड़ी, ठहर गया शहर का विकास
निकाय चुनाव के बाद राशि के अभाव में शहर का विकास ठहर गया है। वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए राशि नहीं मिली है।
जागरण संवाददाता, रांची : निकाय चुनाव के बाद राशि के अभाव में शहर का विकास ठहर गया है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में नगर विकास विभाग की ओर से अब तक रांची नगर निगम को फूटी कौड़ी नहीं दी गई है। शहरवासी कहीं जर्जर सड़क पर चलने को मजबूर हैं तो कहीं नाली का गंदा पानी सड़क पर प्रवाहित हो रहा है। इन समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री जनसंवाद केंद्र से लेकर नगर निगम के कार्यालय तक शिकायतें दर्ज कराई जा रही हैं। नए पार्षद भी चुनाव जीतने के बाद अपने वार्ड के विकास के लिए खाता नहीं खोल पाए हैं। अधिकांश पार्षदों के पास न तो कोई प्रस्ताव है और न ही कोई योजना। क्षेत्र की जनता को जवाब देना पड़ रहा है। स्टैंडिंग कमेटी व निगम बोर्ड की बैठक तक ही उनकी कार्यशैली सीमित हो गई है। निगम क्षेत्र के फुटपाथ दुकानदारों को व्यवस्थित करने के लिए छोटे-छोटे वेंडर्स मार्केट बनाने की योजना थी, जो फंड के अभाव में फाइलों में धूल फांक रही है। नगर निगम के अधिकारियों की मानें तो फिलहाल पुरानी योजनाओं पर ही काम हो रहा है। वित्तीय वर्ष 2017-18 के तहत आवंटित राशि के तहत ही पुरानी योजनाओं पर काम चल रहा है। निकाय चुनाव से पूर्व जिन योजनाओं को बोर्ड की बैठक में स्वीकृति प्रदान की गई थी, उन कार्यो को पूरा किया जा रहा है।
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वार्ड समिति के गठन में पेच
नगर निगम बोर्ड की बैठक में वार्ड समिति गठित करने की प्रक्रिया पर स्वीकृति प्रदान करने के बाद भी कई पेच हैं। बोर्ड की बैठक में नगर विकास विभाग के अधिकारी भी कई बिंदुओं पर स्पष्ट जवाब नहीं दे सके। जबकि नगर निगम के अधिकारी पार्षदों को बार-बार यही समझाते रहे कि जब तक वार्ड समिति का गठन नहीं होगा, नगर विकास विभाग से राशि का आवंटन नहीं होगा। इधर, रांची नगर निगम वार्ड समिति गठित करने की प्रक्रिया की तैयारी तो कर रहा है। जबकि कई बिंदुओं पर नगर विकास विभाग द्वारा दिए गए दिशा-निर्देश आधे-अधूरे हैं। समिति के सदस्यों की चयन प्रक्रिया को लेकर निगम के अधिकारी भी संशय की स्थिति में हैं।
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27 नवंबर की बैठक में होगा निर्णय
वित्तीय वर्ष 2018-19 के तहत रांची नगर निगम को आवंटित होने वाली राशि के मामले में 27 नवंबर को अंतिम निर्णय होने की संभावना जताई जा रही है। नगर निगम के अधिकारियों की मानें तो नगर विकास विभाग ने वित्तीय वर्ष 2017-18 में आवंटित राशि की यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट (यूसी) की मांग की है। अधिकारियों की मानें तो वित्तीय वर्ष 2018-19 की राशि नगर विकास विभाग के पास कई माह से पड़ी हुई है। 31 दिसंबर तक रांची नगर निगम को फंड आवंटित नहीं किया गया तो केंद्र सरकार से मिली राशि लौटानी पड़ सकती है।