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नगर निगम बोर्ड की आपात बैठक आज, गरमाएगा होल्डिग टैक्स वसूली एजेंसी का मुद्दा

रांची रांची नगर निगम बोर्ड की आपात बैठक 21 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे बुलाई गई है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 02:24 AM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 05:17 AM (IST)
नगर निगम बोर्ड की आपात बैठक आज, गरमाएगा होल्डिग टैक्स वसूली एजेंसी का मुद्दा
नगर निगम बोर्ड की आपात बैठक आज, गरमाएगा होल्डिग टैक्स वसूली एजेंसी का मुद्दा

जागरण संवाददाता, रांची : रांची नगर निगम बोर्ड की आपात बैठक 21 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे बुलाई गई है। कोरोना महामारी को देखते हुए नगर निगम कार्यालय के बजाय यह बैठक करम टोली स्थित सेलिब्रेशन बैंक्विट हॉल में रखी गई है। यूं तो बैठक दुर्गा पूजा पर सफाई व लाइटिंग के ठोस प्लान बनाने के लिए बुलाई गई है। मगर, इसमें होल्डिग टैक्स वसूली एजेंसी का मुद्दा उठना तय है। मेयर इस मुद्दे पर लगातार नगर आयुक्त का विरोध कर रही हैं। मेयर ने इस मुद्दे को बोर्ड की मीटिग से इतर उठाने और नगर आयुक्त को उसमें घेरने की कोशिश की थी। मगर, दो बार बुलाई गई इन बैठकों में मेयर आए ही नहीं। इससे मामला तूल नहीं पकड़ पाया। मगर, अब बोर्ड की बैठक में इसके उठने की पूरी संभावना है।

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पुरानी होल्डिग टैक्स वसूली एजेंसी स्पैरो साफ्टटेक को कार्य विस्तार देने का फैसला बोर्ड में पास हुआ था। इसलिए बोर्ड की मीटिग में ये सवाल उठाए जाने की संभावना है कि आखिर बोर्ड का फैसला क्यों नहीं माना गया। करीब पांच माह के बाद निगम परिषद की यह बैठक आपात स्थिति में बुलाई गई है। इसका कारण यह है कि मेयर और नगर आयुक्त के बीच चल रहे विवाद की वजह से बैठक नहीं हो रही थी ।

मेयर ने खोल रखा है नगर आयुक्त के खिलाफ मोर्चा : मेयर आशा लकड़ा ने होल्डिग टैक्स कलेक्शन के लिए चयनित एजेंसी श्री पब्लिकेशन के साथ किए गए एग्रीमेंट का विरोध किया है। इस मामले में उन्होंने नगर आयुक्त के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने श्री पब्लिकेशन के साथ किए गए एग्रीमेंट को रद करते हुए पूर्व से काम करने वाली एजेंसी स्पैरो सॉफ्ट को एक्सटेंशन देने का निर्देश नगर आयुक्त को दिया था। बावजूद नगर आयुक्त ने श्री पब्लिकेशन को काम करने का निर्देश दे दिया। कंपनी ने सोमवार से काम करना भी शुरू कर दिया है। इस मामले को लेकर मेयर ने दो बार नगर आयुक्त को बैठक में बुलाया लेकिन वे नहीं पहुंचे। इसलिए परिषद की बैठक में यह मुद्दा उठना तय है। सूडा के निदेशक करेंगे श्री पब्लिकेशन के टेंडर की जांच : नगर निगम की होल्डिग टैक्स वसूली एजेंसी श्री पब्लिकेशन के कागजातों की जांच सूडा के निदेशक करेंगे। नगर आयुक्त ने इस संबंध में मेयर को पत्र लिख कर जानकारी दी है। इसके बाद मेयर ने इस जांच पर सवाल उठा दिया है। मेयर का कहना है कि नगर विकास विभाग की एजेंसी सूडा ने ही श्री पब्लिकेशंस को नगर निगम में होल्डिग टैक्स वसूली का टेंडर दिया है। वही, इसमें गड़बड़ी की जांच कैसे करेगी। इसलिए, ये जांच किसी अन्य एजेंसी से कराई जाए। ये बात मेयर आशा लकड़ा ने कही है।

मेयर ने कहा है कि श्री पब्लिकेशंस ने जब टेंडर के लिए अपने दस्तावेज सूडा में जमा किए थे तभी साफ हो गया था कि कागजात फर्जी हैं। मगर, तब सूडा ने इन दस्तावेज की जांच नहीं कराया। मेयर ने कहा कि इन्हीं फर्जी दस्तावेज के आधार पर उसे टेंडर दे दिया गया। उन्होंने कहा कि जिस एजेंसी ने श्री पब्लिकेशंस को ठेका दिया है उसी से श्री पब्लिकेशंस की जांच कराई जा रही है।

श्री पब्लिकेशन से एकरारनामा के पहले बोर्ड से लेनी थी मंजूरी

मेयर ने कहा कि नगर आयुक्त को होल्डिग टैक्स वसूली की नई एजेंसी श्री पब्लिकेशंस स्टेशनर्स प्राइवेट लिमिटेड से एकरारनामा करने से पहले नगर निगम के बोर्ड की बैठक बुलानी चाहिए थी। नगर निगम बोर्ड से मंजूरी के बाद ही उन्हें एकरारनामा करना चाहिए था। लेकिन उन्होंने नगर निगम के बोर्ड की अनदेखी की और खुद अपनी मर्जी से एकरारनामा कर दिया। उन्होंने कहा कि जब होल्डिग एजेंसी तय करने को लेकर मामला हाई कोर्ट में चल रहा है तो उन्हें एकरारनामा करने की जल्दी क्या है।

इन आरोपों की सूडा के निदेशक करेंगे जांच

आरोप :फर्जी दस्तावेज दिखा श्री पब्लिकेशन ने लिया टेंडर

मेयर का आरोप है कि श्री पब्लिकेशन एंड स्टेशनर्स प्राइवेट लिमिटेड के दस्तावेज फर्जी हैं। उसने फर्जी दस्तावेज लगाकर टेंडर हासिल किया है। इस कंपनी को काली सूची में जाना चाहिए था। लेकिन सूडा ने इसे ही टेंडर दे दिया।

आगे क्या : दस्तावेजों की होगी जांच।

आरोप : सीए राहुल जैन ने जमा किया, सूडा ने कैसे दिए अंक

मेयर ने कहा कि टेंडर हासिल करने के लिए कंपनी ने चार्टर्ड अकाउंटेंट राहुल जैन का सीवी जमा किया है। उन्होंने अपने घोषणापत्र में खुद कहा है कि वह अपना सीवी कंपनी को निविदा में भाग लेने के लिए दे रहे हैं। इसका मतलब है कि राहुल जैन कंपनी से जुड़े हुए नहीं हैं। फिर भी इस दस्तावेज के आधार पर सूडा ने उन्हें 200 अंक दिए। सर्वेयर शैलेंद्र ने सीवी जमा किया है। इसमें भी कंपनी को सूडा ने 100 अंक दिए। जबकि यह दस्तावेज भी फर्जी है।

आगे क्या : दस्तावेज की होगी जांच।

आरोप : कंप्यूटर मैनेजमेट में मास्टर डिग्री, फिर वेब डिजाइनर के पद पर कैसे रखा

मेयर ने कहा कि वेब डिजाइनर के पद पर मनीष कुमार का सीवी जमा किया गया है। जबकि मनीष कुमार ने कंप्यूटर मैनेजमेंट में मास्टर की डिग्री की है। मेयर के इन्हीं आरोपों की जांच सूडा के निदेशक करेंगे।

आगे क्या : इसकी भी होगी जांच।

क्या कहते हैं नगर आयुक्त

मेयर के सवालों के जवाब में नगर आयुक्त मुकेश कुमार ने कहा कि कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। इसके पहले भी उन्होंने टिप्पणी से इन्कार किया है।


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