सफाई व्यवस्था पर बरसे पार्षद, एस्सेल इंफ्रा को हटाइए
रांची : बुधवार को नगर निगम बोर्ड की बैठक में पार्षदों ने रांची एमएसडबल्यू प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ जमकर हंगाम किया। उसे हटाने की मांग की। एक महीने में कंपनी काम नहीं करेगी तो उसे डिबार कर दिया जाएगा।
रांची : बुधवार को नगर निगम बोर्ड की बैठक में पार्षदों ने रांची एमएसडबल्यू प्राइवेट लिमिटेड (एस्सेल इंफ्रा) को हटाने की मांग की। पार्षद नाजिमा रजा ने कहा कि पिछले बोर्ड की बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि एक माह के अंदर कंपनी काम नहीं करेगी तो उसे डिबार किया जाएगा। अब तक एक काम नहीं हुआ, इस कंपनी को हटाइए। नगर आयुक्त द्वारा प्रतिदिन वार्डो में किए जा रहे सफाई व्यवस्था के निरीक्षण का हवाला देते हुए कहा कि आप एक दिन संबंधित वार्ड में हंटर चलाकर आ जाते हैं। आप सुपरवाइजर को हटा देंगे। उनकी सैलरी काट देंगे। शेष 30 दिनों तक सफाई व्यवस्था से हमें जूझना पड़ता है। जवाब में नगर आयुक्त ने कहा कि सफाई के काम की जिम्मेदारी आप ले लीजिए। मैं इसे सीरियसली ले रहा हूं। पार्षद ने कहा, आप इसे सीरियसली ले रहे हैं, तो यह अच्छी बात है। आपने अब तक न तो मैनपावर बढ़ाया और न ही संसाधन।
मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि मैनपावर बढ़ाने पर बात हुई है। जहां बढ़ाना चाहिए वहां बढ़ाया जाएगा। निगम के साथ समन्वय बनाकर ही इस समस्या का समाधान होगा। वार्ड-41 के सुपरवाइजर को हटाने के मामले में नगर आयुक्त ने कहा कि सुपरवाइजर बिना सूचना के 15 दिनों से गायब है और वहां 90 फीसद मजदूरों की उपस्थिति दर्ज है। जब मजदूर उपस्थित हैं तो गए कहां। सफाई का काम क्यों नहीं हुआ? पार्षद फिरोज ने कहा कि सफाई कार्य के लिए वार्ड में ट्रैक्टर नहीं हैं, टाटा एस नहीं हैं। मजदूर बढ़ाने से क्या होगा? कूड़ा उठाव की व्यवस्था ही नहीं है। नगर आयुक्त ने बताया कि भारत सरकार के गाइडलाइन के तहत नाली सफाई के लिए प्रत्येक एक किमी. पर एक सफाईकर्मी व प्रति 1.5 किमी. पर एक सफाईकर्मी का प्रावधान है। पार्षद नाजिमा ने कहा कि कंपनी हमें बेवकूफ बना रही है, लेकिन हम बेवकूफ नहीं बनेंगे। कंपनी को नहीं हटाएंगे तो हम धरना पर बैठ जाएंगे। डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने कहा कि हम कंपनी को उठाकर फेंक नहीं सकते। एक ऐसी व्यवस्था बनाएं कि रांची सुंदर हो। मेयर ने भी कहा कि कंपनी को तुरंत नहीं हटाया जा सकता। कंपनी को हटाने से पहले हमें सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने की तैयारी करनी होगी। तैयारी पूरी होने के बाद ही कंपनी को हटाने का निर्णय लिया जाएगा। इस मामले में कानूनी प्रावधानों को देखते हुए नगर आयुक्त कंपनी को नोटिस देंगे। इसी बीच पार्षद आनंदमूर्ति ने कहा कि मेरे वार्ड सुपरवाइजर को मुझसे ज्यादा वेतन मिलता है। वह मुझ पर ही पर हुक्म चलाता है। हमें सम्मानजनक वेतन चाहिए। निगम मेरे लिए नहीं सोचेगा तो मैं निगम के लिए क्यों सोचूं?
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