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PLFI सुप्रीमो दिनेश गोप सहित 11 पर एनआइए ने किया चार्जशीट, Terror Funding पर कसा शिकंजा

नोटबंदी के समय 10 नवंबर 2016 को बेड़ो में दिनेश गोप के 25.38 लाख रुपये जब्त हुए थे। इस मामले में गोप के दस सहयोगी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

By Alok ShahiEdited By: Published: Wed, 23 Oct 2019 07:33 AM (IST)Updated: Wed, 23 Oct 2019 07:33 AM (IST)
PLFI सुप्रीमो दिनेश गोप सहित 11 पर एनआइए ने किया चार्जशीट, Terror Funding पर कसा शिकंजा
PLFI सुप्रीमो दिनेश गोप सहित 11 पर एनआइए ने किया चार्जशीट, Terror Funding पर कसा शिकंजा

रांची, राज्य ब्यूरो। पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआइ) को टेरर फंडिंग के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने नक्सली संगठन पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप सहित 11 आरोपितों पर चार्जशीट दाखिल की है। इनमें दिनेश गोप को छोड़ शेष 10 आरोपित गिरफ्तार किए जा चुके हैं। रांची स्थित एनआइए के विशेष अदालत में दाखिल चार्जशीट में एनआइए ने बताया है कि बेड़ो थाने में 10 नवंबर 2016 को एक केस दर्ज हुआ था। उक्त केस नोटबंदी के वक्त 25.38 लाख के 500 व 1000 के पुराने नोट के साथ पेट्रोल पंप कर्मियों की गिरफ्तारी से संबंधित है।

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तब बात सामने आई थी कि ये रुपये पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप के थे, जो लेवी-रंगदारी से जुटाए गए थे। इस मामले में रांची पुलिस ने 09 जनवरी 2017 को पहला आरोप पत्र दाखिल किया था। एनआइए ने टेरर फंडिंग के इस केस को टेकओवर करते हुए 19 जनवरी 2018 को नया केस पंजीकृत किया और अनुसंधान शुरू किया।

अनुसंधान के क्रम में एनआइए  दिनेश गोप व उसके सहयोगियों के कई ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है। इनमें झारखंड, पश्चिम बंगाल व नई दिल्ली के ठिकाने शामिल हैं, जहां से अब तक 42.79 लाख रुपये नकदी, लैपटॉप, मोबाइल और लेवी-रंगदारी के रुपयों के निवेश से संबंधित दस्तावेज जब्त किए गए थे। इस केस में एनआइए ने करीब 70 लाख रुपये से अधिक की अचल संपत्ति भी जब्त की है।

जिनपर एनआइए ने दाखिल किया चार्जशीट

- 10 गिरफ्तार आरोपित :- विनोद कुमार, चंद्रशेखर कुमार, नंद किशोर महतो, मोहन कुमार उर्फ राजेश कुमार, सुमंत कुमार उर्फ पवन कुमार, नंदलाल स्वर्णकार उर्फ नंदलाल सोनी, चंद्रशेखर सिंह, अरुण गोप, जितेंद्र कुमार व नवीन भाई जयंती भाई पटेल।

- एक फरार आरोपित : - दिनेश गोप (सुप्रीमो, पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया)।

एनआइए के अनुसंधान में जो तथ्य सामने आए

एनआइए के अनुसंधान में यह बात सामने आई कि आरोपित विनोद कुमार, चंद्रशेखर कुमार, नंद किशोर महतो और मोहन कुमार पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप के खास आदमी हैं। इन्होंने आपराधिक साजिश के तहत पीएलएफआइ के लेवी-रंगदारी के रुपयों को जुटाने में मदद की। यह बात भी सामने आई कि सुमंत कुमार, नंदलाल स्वर्णकार, चंद्रशेखर सिंह, अरुण गोप, जितेंद्र कुमार व नवीन भाई जयंती भाई पटेल तथा दिनेश गोप ने मिलकर लेवी-रंगदारी के रुपयों को शेल कंपनियों में खपाया। ये रुपये ठेकेदार, व्यवसायी व विकास परियोजनाओं से लेवी के रूप में उठाए गए थे।

शेल कंपनियों में निवेश किए लेवी के रुपये

एनआइए के अनुसंधान में यह खुलासा हुआ कि लेवी के रुपये जिन शेल कंपनियों में निवेश किया, उनमें मेसर्स शिव आदि शक्ति, मेसर्स शिव शक्ति समृद्धि इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स भव्य इंजीकॉन आदि शामिल हैं। ये कंपनियां दिनेश गोप के परिवार के सदस्यों के साथ पार्टनरशिप में संचालित हैं।

दो दर्जन बैंक खातों में 2.5 करोड़ का ट्रांजेक्शन किया

अनुसंधान में इस बात की भी पुष्टि हुई है कि लेवी-रंगदारी के रुपयों को हवाला के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाया गया। दो दर्जन से अधिक बैंकों के खाते में 2.5 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ। ये बैंक खाते शेल कंपनियों के अलावा दिनेश गोप के परिवार के सदस्यों के नाम पर भी हैं।

स्थाई भगोड़ा घोषित है दिनेश गोप

एनआइए ने अदालत से पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप को स्थाई भगोड़ा घोषित कर दिया है। उसकी गिरफ्तारी के लिए एनआइए लगातार कोशिश कर रही है।


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