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NIA ने दो हार्डकोर नक्सलियों के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट, नक्सलियों की स्पेशल एरिया कमेटी का था सदस्य

एनआइए ने रांची की विशेष अदालत में दो कुख्यात माओवादियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। इन माओवादियों में बिहार और झारखंड का कुख्यात स्पेशल एरिया कमेटी का सदस्य रहा 25 लाख का इनामी प्रद्युमन शर्मा और उसका बेटा तरुण कुमार शामिल है।

By Jagran NewsEdited By: Mohit TripathiPublished: Tue, 24 Jan 2023 07:00 PM (IST)Updated: Tue, 24 Jan 2023 07:00 PM (IST)
NIA ने दो हार्डकोर नक्सलियों के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट, नक्सलियों की स्पेशल एरिया कमेटी का था सदस्य
एनआइए ने दो हार्डकोर नक्सलियों के विरुद्ध दाखिल की चार्जशीट, दी जानकारी

रांची, राज्य ब्यूरो: एनआइए ने रांची की विशेष अदालत में दो कुख्यात माओवादियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। इन माओवादियों में बिहार और झारखंड का कुख्यात स्पेशल एरिया कमेटी का सदस्य रहा 25 लाख का इनामी प्रद्युमन शर्मा और उसका बेटा तरुण कुमार शामिल है। दोनों मूल रूप से बिहार के जहानाबाद के रहने वाले हैं।

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मगध जोन का प्रमुख था नक्सली प्रद्युमन शर्मा

प्रद्युमन शर्मा माओवादियों के मगध जोन का प्रमुख था, जिसकी गिरफ्तारी हजारीबाग पुलिस ने बीते साल 20 अगस्त को की थी, तब से वह जेल में बंद है। उस पर झारखंड में 25 लाख और बिहार में 50 हजार रुपये का इनाम रखा गया था। प्रद्युमन शर्मा के खिलाफ झारखंड में 90 मामले दर्ज हैं, इनमें सर्वाधिक गया से सटे हजारीबाग, पलामू और चतरा में दर्ज हैं।

प्रद्युमन की गिरफ्तारी से कमजोर पड़ गया था मगध जोन

हजारीबाग में गिरफ्तारी से संबंधित केस को 30 दिसंबर को एनआइए ने टेकओवर कर लिया था। इसके बाद एनआईए ने नक्सली के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच शुरू की थी। जांच के क्रम में ही प्रद्युमन का बेटा गिरफ्तार हुआ था।

एनआइए ने अपनी जांच में पाया कि प्रद्युमन की गिरफ्तारी के बाद माओवादियों का मगध जोन कमजोर पड़ गया था। इसके बाद प्रद्युमन के इशारे पर ही उसका बेटा मगध जोन को फिर से मजबूत करने में जुट गया था। इसके लिए उसने प्रद्युमन के कहने पर ठेकेदारों से खूब वसूली की और विभिन्न क्षेत्रों में उक्त राशि का निवेश किया।

बेटा संभाल रहा था नक्सली बाप की बिरासत

उसने उक्त राशि को हथियार व गोला-बारूद खरीदने से लेकर माओवादी संगठन में नए कैडर की भर्ती और उन्हें आइईडी बनाने के प्रशिक्षण तक में खर्च भी किया। उसने जेलों में बंद नक्सलियों व कुख्यात कैदियों तक से संपर्क साधने की कोशिश की, ताकि संगठन को मजबूत बनाने में उनका सहयोग ले सके। इसका खुलासा तब हुआ जब बीते जुलाई को एनआइए ने प्रद्युमन के बेटे को भी गिरफ्तार किया और उससे पूछताछ शुरू की।

एनआइए ने छानबीन में हुआ ये खुलासा

एनआइए ने पूर्व में छानबीन में यह खुलासा किया है कि जांच एजेंसी को सूचना मिली थी कि जेल में बंद माओवादी प्रद्युमन शर्मा के इशारे पर ही उसके सहयोगी योगेंद्र रविदास, नागेंद्र गिरी, धनंजय पासवान व अन्य ने मिलकर माओवादियों के मगध जोन को फिर से मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं।

योगेंद्र रविदास व नागेंद्र गिरी माओवादियों के मारक दस्ते के सदस्य हैं, जबकि अभिनव उर्फ गौरव उर्फ बिट्टू हथियार सप्लायर है। ये सभी अपने दस्ते को मजबूत करने के लिए लेवी व रंगदारी की वसूली कर रहे हैं, ताकि उससे हथियार व आइइडी बनाने का सामान आदि खरीदा जा सके।

ईडी भी जब्त कर चुकी है प्रद्युमन की 67 लाख की संपत्ति

कुख्यात नक्सली प्रद्युमन शर्मा के विरुद्ध मनी लांड्रिंग के तहत जांच के दौरान ईडी ने भी कार्रवाई की है। करीब तीन साल पहले ईडी ने प्रद्युमन शर्मा के खिलाफ कार्रवाई करते हुए करीब 67 लाख रुपये की संपत्ति जब्त की थी।


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