Terror Funding: रांची के सुदेश केडिया, मुसाबनी से अजय कुमार सिंह को एनआइए ने किया गिरफ्तार
Terror Funding नक्सलियों-उग्रवादियों को फंडिंग की पुष्टि होने पर एनआइए की विशेष अदालत में प्रस्तुत करने के बाद दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
रांची, राज्य ब्यूरो। Terror Funding चतरा के टंडवा स्थित आम्रपाली व मगध कोयला परियोजना से खनन, व्यवसाय व ट्रांसपोर्टिंग में टेरर फंडिंग मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने एक ट्रांसपोर्टर व एक व्यवसायी को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार व्यवसायियों में रांची के रातू रोड निवासी सुदेश केडिया व पूर्वी सिंहभूम के मुसाबनी का अजय कुमार सिंह शामिल है। दोनों ही आरोपितों को एनआइए ने शुक्रवार को एनआइए के विशेष न्यायाधीश नवनीत कुमार की अदालत में प्रस्तुत करने के बाद सोमवार तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। दोनों शुक्रवार की शाम बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार में भेज दिए गए हैं। उन्हें 13 जनवरी को फिर न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा।
टेरर फंडिंग के इस बहुचर्चित मामले में 23 अगस्त 2019 को आधुनिक पावर कंपनी के महाप्रबंधक संजय जैन, ट्रांसपोर्टर सुधांशु रंजन उर्फ छोटू, सीसीएलकर्मी सुभान खान, तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी) का नक्सली बिंदेश्वर गंझू उर्फ बिंदू गंझू, प्रदीप राम, अजय सिंह भोक्ता, विनोद गंझू, मुनेश गंझू व बीरबल गंझू के खिलाफ आरोप तय किया गया था। एनआइए ने इस मामले में कुल 14 आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। इस मामले में पांच आरोपित फरार थे, जिनमें दो गिरफ्तार किए गए हैं। अब भी तीन आरोपित फरार हैं, जिनकी तलाश चल रही है।
क्या है पूरा मामला
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने चतरा के टंडवा थाने में दर्ज प्राथमिकी 22/18 को टेकओवर किया था और टेरर फंडिंग मामले में अनुसंधान शुरू किया था। यह मामला सीसीएल, पुलिस, उग्रवादी और शांति समिति के बीच समन्वय को लेकर लेवी के रूप में भारी राशि की वसूली से संबंधित है। इस पूरे खेल के मास्टरमाइंड सीसीएलकर्मी सुभान खान सहित 14 आरोपितों के खिलाफ एनआइए ने गत वर्ष जनवरी महीने में चार्जशीट दाखिल किया था।
एनआइए ने चार्जशीट में लिखा कि उग्रवादी संगठन टीएसपीसी को लेवी देने के लिए ऊंची दर पर मगध व आम्रपाली कोयला परियोजना से कोयला ढुलाई का ठेका लिया गया था। ठेका दिलाने में टीएसपीसी उग्रवादी आक्रमणजी ने अनुशंसा की थी और ठेका ट्रांसपोर्टर सुधांशु रंजन उर्फ छोटू सिंह को मिला था। ऊंची राशि का अधिकतर हिस्सा उग्रवादी संगठन टीएसपीसी को जाता था।