एनआइए के सहयोग से आतंकी गतिविधियां रोकेगी झारखंड एटीएस
राज्य में आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए बनाई गई झारखंड पुलिस की आंतक निरोधी टीम एनआइए और एसपीजी से ट्रेनिंग ले रही है।
दिलीप कुमार, रांची
राज्य में आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए बनाई गई झारखंड पुलिस का आतंकवाद निरोधी दस्ता (एटीएस) अब एनआइए के सहयोग से कारगर कार्रवाई करेगी।
पुलिस मुख्यालय ने राज्य में आर्थिक अपराध, साइबर अपराध व आतंकी गतिविधियों पर की जा रही कार्रवाई से सरकार को अवगत कराया है। बताया है कि राज्य में आतंकियों की सहयोगी संस्था प्रतिबंधित पोपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) व बांग्लादेशी आतंकियों के बारे में डाटाबेस तैयार करना शुरू कर दिया गया है।
पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्र में सोने की तस्करी, जाली भारतीय नोट, कट्टरपंथी इस्लामिक विचारधारा का फैलाव, नार्को टेरर फंडिंग रोकने के लिए प्लान तैयार है। इसके लिए एनआइए कोलकाता के साथ झारखंड एटीएस इंटेलिजेंस एकत्रित करने में जुटा है।
झारखंड एटीएस अब तक झारखंड में अल कायदा इन इंडियन सब कांटिनेंट (एक्यूआइएस), स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी), इंडियन मुजाहिदीन (आइएम), जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी), लश्कर-ए-तैयबा (एलइटी) जैसे आतंकी संगठनों का डेटाबेस तैयार किया जा रहा है। इससे संबद्ध लोगों का प्रोफाइल तैयार किया जा रहा है।
आतंकवाद के आरोप में राज्य से बाहर दिल्ली, लखनऊ, कोलकाता, भोपाल आदि जगहों पर पूर्व में पकड़े गए संदिग्धों से झारखंड के आलोक में पूछताछ कर लगातार जानकारी एकत्रित की जा रही है।
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संवेदनशील क्षेत्रों के मदरसों की निगरानी तेज, तैयार हो रहा डेटाबेस :
झारखंड एटीएस ने अब संवेदनशील क्षेत्रों के मदरसों की निगरानी भी तेज कर दी है। इसमें पहले पायदान पर जमशेदपुर है, जहां आतंकी गतिविधियों के उद्देश्य से अति संवेदनशील क्षेत्रों के मस्जिदों में आये जमातों, कश्मीरियों के बारे में जानकारी ली जा रही है। वहीं, मदरसों की गतिविधियों पर लगातार निगरानी रखी जा रही है।
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पीएफआइ से जुड़े तीन कांडों को भी किया है टेकओवर
सीआइडी के एडीजी प्रशांत सिंह के आदेश पर झारखंड एटीएस ने प्रतिबंधित पोपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) के तीन कांडों को भी टेकओवर किया है। इन कांडों में साहेबगंज के रांगा थाना कांड संख्या 10/18, पाकुड़ के मुफ्फसिल थाना कांड संख्या 26/18 व जामताड़ा के नारायणपुर थाना कांड संख्या 37/18 शामिल है। एटीएस ही इन मामलों का अनुसंधान करेगा। पीएफआइ को आतंकी साठगांठ के आरोप में गत वर्ष ही झारखंड सरकार ने प्रतिबंधित किया है।
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एनएसजी के प्रशिक्षक बना रहे हैं जांबाज :
नेशनल सिक्यूरिटी गार्ड्स (एनएसजी) के कोलकाता विंग के प्रशिक्षक झारखंड एटीएस के जवानों-पदाधिकारियों को जांबाज बना रहे हैं। गत माह ही झारखंड एटीएस के दो दारोगा, नौ जमादार, 26 सिपाहियों ने झारखंड जगुआर के टेंडर ग्राम केंद्र में एनएसजी से प्रशिक्षण लिया था। इतना ही नहीं, एटीएस की स्नाईपर टीम प्रत्येक माह बीएसएफ मेरू हजारीबाग में जाकर लक्ष्याभ्यास कर रहे हैं ताकि राज्य में जब कभी भी आतंकी समस्या सामने आए, किसी का इंतजार किए बगैर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा सके।