बिना पर्यावरण स्वीकृति के बने विस व हाई कोर्ट भवन पर एनजीटी तल्ख
बिना पर्यावरण स्वीकृति के झारखंड विधानसभा तथा हाई कोर्ट भवन बनाने के मामले में बुधवार को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में सुनवाई हुई। इस दौरान एनजीटी ने वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को जवाब नहीं दाखिल करने पर कड़ी फटकार लगाई।
राज्य ब्यूरो, रांची : बिना पर्यावरण स्वीकृति के झारखंड विधानसभा तथा हाई कोर्ट भवन बनाने के मामले में बुधवार को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में सुनवाई हुई। इस दौरान एनजीटी ने वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को जवाब नहीं दाखिल करने पर कड़ी फटकार लगाई। अदालत ने मंत्रालय को जवाब दाखिल करने की अंतिम मोहलत देते हुए सुनवाई की अगली तिथि एक माह बाद मुकर्रर की है। दरअसल पिछली सुनवाई के दौरान एनजीटी ने मंत्रालय से पूछा था कि क्या ऐसा कोई प्रावधान है कि भवन निर्माण शुरू होने के बाद उसे स्वीकृति दी जा सकती है। साथ ही टिब्यूनल ने मंत्रालय को झारखंड विधानसभा भवन को लेकर अपना रूख स्पष्ट करने को कहा था।
दरअसल केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पूर्व में एनजीटी को बताया था कि झारखंड विधानसभा व हाई कोर्ट निर्माण को लेकर राज्य सरकार पर्यावरण क्षतिपूर्ति भुगतान के लिए उत्तरदायी है। बता दें कि आरके सिंह ने एनजीटी में एक याचिका दाखिल की है। इसमें आरोप लगाया गया है कि रांची, जमशेदपुर, बोकारो और देवघर में बिना पर्यावरण अनुमति के ही बड़े-बड़े निर्माण किए जा रहे हैं। पूर्व में एनजीटी ने एक समिति का गठन किया था। इसमें वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, राज्य के क्षेत्रीय कार्यालय के प्रतिनिधि, पर्यावरण क्षतिपूर्ति आकलन प्राधिकार के लोगों शामिल थे। जिन्हें मामले की जांच कर रिपोर्ट देनी थी। बताते चलें कि बिना पर्यावरण स्वीकृति के दोनों भवनों के निर्माण को लेकर झारखंड के विपक्षी दलों ने काफी हो-हंगामा मचाया था। वित्तीय अनियमितता की बात भी सामने आई थी। अब इस मामले में एनजीटी का क्या निर्णय होगा, एक महीने तक इंतजार करना होगा।