Move to Jagran APP

मोदी सरकार के बड़े झटके से कैसे उबरेगी हेमंत सोरेन सरकार... झारखंड के मंत्री ने बताया मास्‍टर प्‍लान

News about GST जीएसटी कंपेनसेशन बंद होने के बाद आर्थिक स्थिति को संभालने में जुटी झारखंड सरकार के वित्त मंत्री रामेश्‍वर उरांव ने बताया कि राज्य की आमदनी बढ़ाने के लिए विकल्प तलाशे जा रहे हैं। राजस्व के परंपरागत स्त्रोतों को और सशक्त करने पर फाेकस है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Thu, 30 Jun 2022 01:33 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jun 2022 08:26 AM (IST)
मोदी सरकार के बड़े झटके से कैसे उबरेगी हेमंत सोरेन सरकार... झारखंड के मंत्री ने बताया मास्‍टर प्‍लान
News about GST: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और झारखंड के मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन।

रांची, राज्य ब्यूरो। News about GST केंद्र सरकार ने राज्यों को दी जानेवाली जीएसटी कंपेनसेशन को बंद करने का निर्णय पहले ही ले लिया था और इस निर्णय के कारण राज्य सरकार को वार्षिक दो हजार करोड़ रुपये के करीब का नुकसान होगा। इससे राज्य में विकास योजनाओं को पूरा करने में भी कठिनाई आएगी और नई योजनाओं को शुरू करने के लिए आवश्यक संसाधन भी जुटाने होंगे। इन तमाम बातों को देखते हुए वित्त विभाग अलग से मशक्कत कर रहा है ताकि योजनाओं को लागू करने के लिए सरकार के पास फंड का प्रबंध हो।

loksabha election banner

राज्य सरकार राजस्व के परंपरागत स्त्रोतों को मजबूत करने पर फोकस कर रही है। खान विभाग के माध्यम से विभिन्न खदानों के टेंडर का काम शुरू हो गया है जिससे बड़े पैमाने पर राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद है। इसके बाद बालू घाटों के टेंडर से भी बड़े पैमाने पर राशि प्राप्त होगी। वित्त विभाग परिवहन विभाग के माध्यम से भी राजस्व वसूली की व्यवस्था को दुरुस्त करना चाहता है। पुराने वाहनों से रोड टैक्स नहीं मिलने, वाहनों की संख्या के हिसाब से ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बनने आदि मुद्दों पर सरकार का फोकस है।

खदानों में माल ढोनेवाले भारी वाहनों से रोड टैक्स भी लंबे समय से नहीं मिलने की जानकारी है। ऐसे छोटे-छोटे स्त्रोतों के माध्यम से राज्य सरकार अपने खजाने को दुरुस्त करने की योजना पर काम कर रही है। पिछले बजट में राज्य सरकार ने वन क्षेत्र से गुजरनेवाले भारी वाहनों से सेस लेने की शुरुआत की जिसके माध्यम से राज्य सरकार को 350 करोड़ रुपये से अधिक वसूलने में सफलता मिली। ऐसे अन्य उपाय अभी तलाशे जा रहे हैं।

हमारी कोशिश है कि राज्य में राजस्व बढ़ाने के लिए नए स्त्रोत तलाशे जाएं। पिछले साल इसी क्रम में वन क्षेत्र में खनिज लदे वाहनों से अतिरिक्त टैक्स वसूली का निर्णय लिया गया था जिसके माध्यम से राज्य सरकार को 350 करोड़ रुपये से अधिक की आमदनी हुई है। वाहनों पर टैक्स मामले में हम झारखंड के समकक्ष कई राज्यों से पीछे हैं। इस स्थिति को बेहतर बनाने के प्रयास तेजी से किए जा रहे हैं। ऐसे कई उपाय अभी भी संभव हैं जिनके माध्यम से राज्य की आर्थिक आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके। डा. रामेश्वर उरांव, वित्त मंत्री, झारखंड।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.