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झारखंड में नए मेडिकल कॉलेजों को निजी भागीदारी से चलाने की तैयारी Ranchi News

Medical College. झारखंड के पलामू हजारीबाग दुमका मेडिकल कॉलेजों में इसी साल पढ़ाई शुरू हुई है। कोडरमा तथा चाईबासा में स्थापित हो रहे मेडिकल कॉलेजों के लिए तैयारी।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Tue, 03 Dec 2019 07:31 PM (IST)Updated: Tue, 03 Dec 2019 07:31 PM (IST)
झारखंड में नए मेडिकल कॉलेजों को निजी भागीदारी से चलाने की तैयारी Ranchi News
झारखंड में नए मेडिकल कॉलेजों को निजी भागीदारी से चलाने की तैयारी Ranchi News

रांची, राज्य ब्यूरो। केंद्र के सहयोग से स्थापित राज्य के तीन मेडिकल कॉलेजों को निजी भागीदारी से चलाया जाएगा। इनमें पलामू, हजारीबाग तथा दुमका मेडिकल कॉलेज शामिल हैं। साथ ही, कोडरमा तथा चाईबासा में स्थापित होने वाले मेडिकल कॉलेजों को भी निजी भागीदारी से चलाया जाएगा। मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी की अध्यक्षता में हाल ही में हुई बैठक में इन नए मेडिकल कॉलेजों को पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टिसिपेशन) मोड पर निजी भागीदारों के सहयोग से संचालित करने के लिए आवश्यक प्रयास करने का निर्णय लिया गया।

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इनमें से पलामू, हजारीबाग तथा दुमका मेडिकल कॉलेजों का भवन तैयार है तथा इसी साल से इनमें सौ-सौ सीटों के लिए पढ़ाई शुरू हुई है। वहीं, कोडरमा तथा चाईबासा कॉलेजों का शिलान्यास हो चुका है तथा दोनों के भवन निर्माणाधीन हैं। बैठक में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को भी निजी भागीदारों के माध्यम से चलाने की व्यवस्था का निर्णय लिया गया।

इससे पहले स्वास्थ्य सचिव डॉ. नितिन मदन कुलकर्णी द्वारा बताया गया कि राज्य में संचालित 330 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में सभी प्रकार की अनुमान्य सेवाएं दी जाती हैं। इनके अलावा, 188 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का संचालन किया जा रहा है। बैठक में सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को पूरी तरह कार्यरत एवं मरीजों के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए एक्सपर्ट ग्रुप गठित करने का निर्णय लिया गया। एक्सपर्ट ग्रुप की रिपोर्ट के आधार पर मार्च 2020 तक पूरी तरह सुसंगठित करने का निर्णय लिया गया।

डॉक्टरों की सेवाओं की होगी ट्रैकिंग

बैठक में सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के डॉक्टरों की सेवाओं की मॉनीटरिंग के लिए ट्रैकिंग सिस्टम विकसित करने का निर्णय लिया गया। इससे पता चलेगा कि डॉक्टरों ने निर्धारित अवधि में कितने मरीजों की चिकित्सा की तथा कितनी सर्जरी की।


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