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अपडेट 2 : गौरव का प्रतीक बनेगा झारखंड का नया लोगो

झारखंड राज्य के गठन के बाद से ही लागू राज्य का प्रतीक चिह्न (लोगो) अब बदल गया है। नई दिशा सोच और संकल्प की प्रेरणा के साथ तैयार राज्य सरकार के इस नए प्रतीक चिह्न का लोकार्पण राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सदस्य शिबू सोरेन व स्पीकर रबींद्रनाथ महतो की उपस्थिति में शुक्रवार को रांची के आर्यभट्ट सभागार में किया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Aug 2020 12:31 AM (IST)Updated: Sat, 15 Aug 2020 12:31 AM (IST)
अपडेट 2 : गौरव का प्रतीक बनेगा झारखंड का नया लोगो
अपडेट 2 : गौरव का प्रतीक बनेगा झारखंड का नया लोगो

रांची : झारखंड राज्य के गठन के बाद से ही लागू राज्य का प्रतीक चिह्न (लोगो) अब बदल गया है। नई दिशा, सोच और संकल्प की प्रेरणा के साथ तैयार राज्य सरकार के इस नए प्रतीक चिह्न का लोकार्पण राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सदस्य शिबू सोरेन व स्पीकर रबींद्रनाथ महतो की उपस्थिति में शुक्रवार को रांची के आर्यभट्ट सभागार में किया। राज्यपाल, सीएम ने कहा कि नया प्रतीक चिह्न झारखंड के गौरव का प्रतीक बनेगा। इसमें झारखंड की संस्कृति, सभ्यता के अलावा पूरे भारत की भावना समाहित है।

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राज्यपाल ने कहा कि पूर्व में भी राज्य सरकार का प्रतीक चिह्न था, लेकिन संभवत: नए प्रतीक चिह्न की परिकल्पना का उद्देश्य झारखंड की विराट संस्कृति और जनहित की विचारधारा को इंगित करना है। इसे राज्य की जनता की संवेदनाओं से जोड़ने की पहल की गई है। नया प्रतीक चिह्न चक्राकार है, जो राज्य की प्रगति का प्रतीक है। उन्होंने इसकी कई अन्य विशेषताओं को भी बताया।

प्रतीक चिह्न के लोकार्पण के बाद मीडिया से रूबरू होते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि नए प्रतीक चिह्न को देखकर ही लोग गौरव महसूस करेंगे। यह झारखंड की संस्कृति, समृद्धि, अस्मिता और चेतना का प्रतीक है। कार्यक्रम में दिखाए गए एक वीडियो में मुख्यमंत्री ने प्रतीक चिह्न में उकेरे गए हाथियों पर कहा कि झारखंड का राजकीय पशु हाथी असली ताकत की पहचान हैं। ये अनुशासन सिखाते हैं। झारखंड के लोग भी अनुशासनप्रिय हैं, लेकिन उनके विरुद्ध अन्याय होने पर वे संघर्ष के लिए भी तैयार रहते हैं। राज्य का नया प्रतीक चिह्न बदलाव का सारथी है। इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो, मंत्री रामेश्वर उरांव, चंपई सोरेन, बन्ना गुप्ता, सत्यानंद भोक्ता, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, प्रधान सचिव हिमानी पांडेय, पुलिस महानिदेशक एमवी राव आदि भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल, पूर्व मुख्यमंत्री तथा स्पीकर के अलावा उपस्थित मंत्रियों को नए प्रतीक चिह्न भेंट किए।

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मुख्यमंत्री ने गिनाई लोगो की विशेषताएं :

-अशोक स्तंभ : राष्ट्र का प्रतीक चिह्न होने के साथ राज्य की भी संप्रभुता का वाहक। इस चिह्न को रेखांकित करने का तात्पर्य स्पष्ट। झारखंड भी है देश की समृद्धि में भागीदार। झारखंड के जीवन दर्शन को इसमें समेटा गया है।

-झारखंड का लोक जीवन व संस्कृति : झारखंड की समृद्ध एवं अछ्वुत सांस्कृतिक विरासत, सदियों पुरानी परंपरा, वाद्ययंत्र, गीत और नृत्य की अमिट छाप को लोगों के जेहन में प्रतिबिबित करता है।

-पलाश के फूल : राज्य का राजकीय पुष्प। इसके सुर्ख लाल रंग के फूल झारखंड के सौंदर्य की गाथा कहते हैं। लाल रंग क्रांति का प्रतीक भी है जो यहां के लोगों के संघर्ष को दर्शाता है।

-हरा रंग : झारखंड की हरियाली से आच्छादित धरा व वन संपदा की परिपूर्णता को दर्शाता है। यह खुशहाली और समृद्धि का प्रतीक।

-नया लोगो गोलाकार : राज्य का नया प्रतीक चिह्न गोलाकार है जिसके केंद्रीय भाग में अशोक स्तंभ उकेरा गया है। यह भारत के उत्तम सहकारी संघवाद और इसमें झारखंड की सहभागिता को दर्शाता है। पूर्व का प्रतीक चिह्न वर्गाकार था।

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लोगो में जो हाथी हैं वह अनुशासन के प्रतीक हैं। झारखंड के लोग भी अनुशासनप्रिय हैं, लेकिन उनके विरुद्ध अन्याय होने पर वे संघर्ष के लिए भी तैयार रहते हैं।

-हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री।

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