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नेतरहाट विद्यालय : 65वें स्थापना दिवस पर निहाल हुआ ब्रांड नेतरहाट, पद्मश्री अशोक भगत ने बताया झारखंड की शान

प्रकृति की गोद में बसे नेतरहाट आवासीय विद्यालय के 65वें स्थापना दिवस पर पद्मश्री अशोक भगत ने स्कूल को झारखंड की शान बताया। उन्‍होंने शिक्षा की ज्‍योति निरंतर जलाए रखने पर जोर दिया।

By Edited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 06:28 AM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 06:31 AM (IST)
नेतरहाट विद्यालय : 65वें स्थापना दिवस पर निहाल हुआ ब्रांड नेतरहाट, पद्मश्री अशोक भगत ने बताया झारखंड की शान
नेतरहाट विद्यालय : 65वें स्थापना दिवस पर निहाल हुआ ब्रांड नेतरहाट, पद्मश्री अशोक भगत ने बताया झारखंड की शान

लातेहार, जेएनएन। मैं बड़भागी हूं जो मुझको तेरा अनुपम सानिध्य मिला..तेरी ममता के आचल में मैं सुरभित एक पुष्प खिला.. पूर्ववर्ती छात्रों (नोबा) की जमात ने नेतरहाट विद्यालय के स्थापना दिवस समारोह में हर वह रंग बिखेरा जो देश-दुनिया के कैनवास पर इस गुरुकुल की पहचान को और समृद्ध करता है।

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65वें विद्यालय स्थापना दिवस पर सुसंस्कृत शिक्षा के इस आगन में गुरुवार को अंतस अनुप्राणित ममत्व और प्रदीप्त चेहरों के ओज से हर कोई अभिभूत था। यहा अक्षुण्ण-ऊर्जावान विद्या दीप को सतत जलाए रखने की सबने एक सुर से हामी भरी। संकल्प लिया कि सभी हाटियन मिलकर आदर्श स्थापित करें।

अलुमनी ने समय के साथ निखर रहे अत्तदीपा विहरथ के दिग-दिगंत प्रकाश पुंज को जी भरकर निहारा। नेतरहाट विद्यालय के 65वें पग निक्षेप के इस महती आयोजन में अपनत्व और नोबा ब्राड को सेलिब्रेट करने देश-विदेश से अपने परिवार के साथ पहुंचे 40 पूर्ववर्ती छात्रों ने सजे-धजे मंच से कीर्ति के गीत गाए।

मुख्य अतिथि पद्मश्री अशोक भगत भी देश की स्कूली शिक्षा को नेतृत्व देने वाले इस मंदिर के स्वर्णिम इतिहास पर खूब इतराए। नसीहत दी कि उत्कृष्ट अतीत के दम पर देश-दुनिया में विशिष्ट पहचान रखने वाला नेतरहाट आवासीय विद्यालय प्रतिभा के पैमाने पर कतई समझौता न करे। उन्होंने कहा कि यह विद्यालय राज्य की शान है। इस सम्मान को बनाए रखने की जिम्मेदारी हम सब की है। उन्होंने कहा कि यहा से पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी अपनी सफलता का डंका दुनिया में बजा रहे हैं।

इतिहास गवाह है कि अनुशासन और उत्तम क्वालिटी की पढ़ाई के कारण यहा के विद्यार्थी एकीकृत बिहार के समय से ही टॉपर होते रहे हैं। इसमें यहां के शिक्षकों का जज्बा और मेहनत महत्वपूर्ण है। उन्होंने स्थापना काल (वर्ष 1954) से लेकर अब तक के सफर की प्रशसा करते हुए इसकी जमकर प्रशंसा की।

इस मौके पर नेतरहाट ओल्ड ब्यॉज एसोसिएशन से जुड़े कई अलुमनीज को सम्मानित किया गया। इससे पहले, विद्यालय प्रबंध समिति की राज्य कार्यकारिणी के अध्यक्ष राची विवि के पूर्व कुलपति डा. केके नाग तथा विद्यालय के प्राचार्य डा. संतोष कुमार सिंह ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। वहीं, मुख्य अतिथि ने ध्वजारोहण किया तथा स्कूली विद्यार्थियों की ओर से प्रस्तुत किए गए मार्च पास्ट की सलामी ली।

प्राचार्य ने बताईं एक साल की उपलब्धियां : विद्यालय के प्राचार्य डा. संतोष कुमार सिंह ने विद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। साथ ही विद्यालय को निरंतर उपलब्धिया दिलाने वाले शिक्षकों और विद्यार्थियों के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में दो पुस्तकों सर्जना एवं पराई पीर के गाधी का विमोचन किया गया।

टॉपर व कर्मियों को सम्मान : कार्यक्रम में माध्यमिक परीक्षा 2018 में पूरे राज्य में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्र राजीव रंजन को स्वर्गीय सत्यदेव प्रसाद प्रोफिशिएंसी रनिंग ट्रॉफी दी गई। वहीं, 25 वषरें की सेवा पूरी करने वाली पुस्तकालय सहायिका आशरेन डुंगडुंग एवं प्रयोगशाला सहायक बुधन लाल महली को उनके सेवा के लिए सेवा सम्मान दिया गया। गोपाल सिंह एवं अमरेश कुमार को नोबा पदक, आदित्य हर्ष को राजीव पदक, तनमय रंजन को दीपक स्मृति पदक दिया गया। वहीं उद्भव एवं नेका नंदिनी को शहीद अजय आइपीएस ट्रॉफी से सम्मानित किया गया।

अनुभव बाटने का अच्छा फोरम : गोल्डन जुबली विद्यालय के स्थापना दिवस के अवसर पर ही विद्यालय के 1968 बैच का गोल्डन जुबली मनाया गया। इस कार्यक्रम में इस बैच के कई पूर्ववर्ती छात्रों ने एक-दूसरे से मिलकर अपने करियर, अनुभव आदि को शेयर किया। विद्यालय में 2005 बैच के छात्र रहे अविनाश कुमार ने बताया कि स्कूल के स्थापना दिवस के अवसर पर बहुत कम पूर्ववर्ती छात्र ही इस अवसर पर जुटते थे। विद्यालय के तत्कालीन प्राचार्य विनोद कर्ण की पहल पर वर्ष 2005 में नोबा (नेतरहाट स्कूल के पूर्ववर्ती छात्रों का संगठन) की आमसभा में निर्णय लिया गया कि प्रत्येक वर्ष विद्यालय स्थापना दिवस के अवसर पर ही 50 वर्ष पूरे करने वाले बैच का गोल्डन जुबली मनाया जाए।

नेतरहाट सूर्योदय व सूर्यास्त के लिए विख्यात : नेतरहाट झारखंड के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। समुद्र सतह से 3622 फीट की ऊंचाई पर स्थित है यहा पर लोग सूर्योदय व सूर्यास्त देखने आते हैं। यह नजारा नेतरहाट से 10 किमी की दूरी पर आकर्षक ढंग से देखा जा सकता है। इसके अलावा यहा घाघरी एवं लोअर घाघरी नमक दो छोटे-छोटे जलप्रपात भी हैं, जो प्रसिद्ध स्थल हैं। यहा सालों भर पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है सूर्योदय और सूर्यास्त देखने के लिए यहा आने वाले पर्यटक नेतरहाट आवासीय विद्यालय परिसर में भी आते हैं।


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