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Jharkhand Chunav 2024: नीतीश के आने से NDA को मिला बूस्ट, अल्पसंख्यकों-पिछड़ों में बढ़ा विश्वास; JDU नेता का दावा

नीतीश कुमार के एनडीए में शामिल होने से अल्पसंख्यकों और पिछड़ों में गठबंधन के प्रति विश्वास बढ़ा है। जदयू नेता श्याम रजक ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि इस बार झारखंड में एनडीए की सरकार बनना तय है। एनडीए गठबंधन में जदयू की सीटों पर उन्होंने कहा कि पार्टी को कितनी सीटें मिलेंगी यह महत्वपूर्ण नहीं है। महत्वपूर्ण है कि एनडीए अधिकतम सीटों पर जीतेगा।

By Neeraj Ambastha Edited By: Mohit Tripathi Updated: Mon, 30 Sep 2024 09:57 PM (IST)
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नीतीश के आने से अल्पसंख्यकों ओर पिछड़ों में एनडीए के प्रति बढ़ा विश्वास : श्याम रजक।

राज्य ब्यूरो, रांची। जदयू के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक ने कहा है कि एनडीए में नीतीश कुमार के आने से अल्पसंख्यकों एवं पिछड़ाें में गठबंधन के प्रति विश्वास बढ़ा है। सोमवार को रांची के राजकीय अतिथिशाला में मीडिया से रूबरू होते हुए रजक ने कहा कि इस बार झारखंड में एनडीए की सरकार बननी तय है।

एनडीए गठबंधन में जदयू को मिलनेवाली सीटों के सवाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी को कितनी सीटें मिलेंगी, यह महत्वपूर्ण नहीं है। महत्वपूर्ण है कि एनडीए 81 सीटों पर चुनाव लड़ेगा और अधिकतम सीटों पर जीतेगा।

उन्होंने कहा कि प्रदेश पार्टी तीन प्रमंडलों के चार विधानसभा क्षेत्रों में कार्यकर्ता सम्मेलन कर चुकी है। एनडीए की मजबूती के लिए कई अन्य विधानसभा क्षेत्रों में कार्यकर्ता सम्मेलन होगा।

उन्होंने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य सरकार की योजनाएं सिर्फ पोस्टरों और विज्ञापनों में दिख रही है। सवाल उठाया कि मुख्यमंत्री मंइयां योजना की राशि आवंटित की गई है या नहीं? कहीं दूसरी योजनाओं की राशि इसमें तो खर्च नहीं की जा रही है।

झारखंड मे जदयू का चुनाव चिन्ह हो सकता है गैस सिलेंडर

रांची झारखंड विधानसभा चुनाव की आधिकारिक घोषणा के पहले दलों के बीच चुनाव निशान को लेकर भी मारामारी मची है। इसकी संभावना है कि बिहार में सत्तासीन जनता दल यूनाइटेड (जदयू) को राज्य में गैस सिलेंडर बतौर चुनाव चिन्ह मिल सकता है।

उल्लेखनीय है कि जदयू के चुनाव चिन्ह तीर पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) को आपत्ति है। मोर्चा का चुनाव निशाना तीर-कमान है। मिलता-जुलता चुनाव चिन्ह होने के कारण झामुमो ने इसपर एतराज जताते हुए चुनाव आयोग से आग्रह किया है कि जदयू को तीर चुनाव चिन्ह आवंटित नहीं किया जाए।

उल्लेखनीय है कि आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर जदयू ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के तहत राज्य में सीटों की दावेदारी की है। जदयू को कुछ सीटें देने के लिए भाजपा तैयार भी हो गई है। ऐसे में राज्य में चुनाव लड़ने के लिए उन्हें स्वतंत्र चुनाव चिन्ह की आवश्यकता होगी।

सरयू राय के भाजमो का सिलेंडर छाप बनेगा आधार

बतौर निर्दलीय प्रत्याशी पिछला विधानसभा चुनाव लड़कर जीत हासिल करने वाले सरयू राय ने भारतीय जनतंत्र मोर्चा (भाजमो) का गठन किया था। इसे निबंधित भी कराया गया था। हाल ही में इसे चुनाव चिन्ह के तौर पर गैस सिलेंडर आवंटित किया गया था।

उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव में सरयू राय का चुनाव निशान यही था। जदयू की सदस्यता ग्रहण करने के बाद सरयू राय ने हाल ही में भाजमो का विलय जदयू में कर दिया है।

इसकी विधिवत सूचना चुनाव आयोग को भी दी जा चुकी है। ऐसे में भाजमो का चुनाव चिन्ह गैस सिलेंडर राज्य में जदयू का चुनाव निशाना बन सकता है। हालांकि इसपर चुनाव आयोग को अंतिम निर्णय करना है।

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