झारखंड के सभी स्कूलों में अब 29 दिसंबर से बच्चों का बनेगा जाति प्रमाणपत्र, सरकार का बड़ा फैसला
भाजपा विधायक ने कहा सरकार के संकल्प से बांग्लादेशियों को होगा फायदा। अल्पसंख्यकों को स्वघोषणा पत्र देने पर साइकिल देने का लिया गया है निर्णय। मुख्यमंत्री ने दिया जवाब हम झारखंडियों के लिए काम करते हैं बांग्लादेशियों के लिए नहीं।
रांची, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि राज्य के सभी स्कूलों में बच्चों का जाति प्रमाणपत्र बनेगा। इसे लेकर छह माह का विशेष अभियान चलाया जाएगा। न केवल सरकारी बल्कि निजी स्कूलों में सभी कक्षाओं के बच्चों का जाति प्रमाणपत्र बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री विधानसभा में भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा द्वारा उठाए गए उस आरोप का जवाब दे रहे थे जिसमें कहा गया था कि आरक्षित श्रेणी के बच्चों को निश्शुल्क साइकिल वितरण के लिए राज्य सरकार द्वारा इस साल पांच मार्च को जो संकल्प जारी किया गया है उससे बांग्लादेशी बच्चों को फायदा होगा।
बांग्लादेशियों और पाकिस्तानियों के लिए नहीं करते काम
मुख्यमंत्री ने भाजपा विधायक के आरोप पर कहा कि हम लोग झारखंडवासियों के लिए काम करने के लिए बैठे हैं, बांग्लादेशियों और पाकिस्तानियों के लिए नहीं। यह भी कहा कि यदि वे लोग यहां है तो उन्हें चिह्नित करने की जिम्मेदारी भी सरकार की है। उन्होंने कहा कि झारखंड के लोगों का सिर, बिहार, यूपी और मुंबई में फोड़ा जाता है। विपक्ष की राजनीति हमेशा हिंदू-मुस्लिम सौहार्द बिगाड़ने वाली रहती है।
भाजपा का आरोप, बांग्लादेशियों को बसाना चाहती है सरकार
सदन में ध्यानाकर्षण के दौरान भाजपा के विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने सरकार के संकल्प का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें अल्पसंख्यकों को स्वघोषणा पत्र देने पर साइकिल देने की बात कही गई है जबकि एसटी, एससी तथा ओबीसी के बच्चों को जाति प्रमाणपत्र देने को कहा गया है।
कोई भी स्वघोषणा पत्र देकर झारखंड का निवासी बन जाएगा
उन्होंने आरोप लगाया कि इससे कोई भी स्वघोषणा पत्र देकर झारखंड का निवासी बन जाएगा और योजनाओं का लाभ ले लेगा। आरोप लगाया कि सरकार इस संकल्प के माध्यम से बांग्लादेशियों को बसाना चाहती है। भाजपा विधायक राज सिन्हा ने उनका समर्थन करते हुए कहा कि यदि स्वघोषणा पत्र देकर साइकिल देना है तो सभी वर्ग के लोगों को दें। सिर्फ अल्पसंख्यकों को यह सुविधा देने पर सरकार की मंशा पर सवाल उठना लाजिमी है।