झारखंड में नक्सलियों की संपत्ति जब्त करने की कवायद हुई तेज
राज्य में नक्सलियों की संपत्ति जब्त करने की कवायद चल रही है। बड़े नक्सलियों के संपत्ति की पहचान कर उनकी संपत्ति जब्त की जाएगी।

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में नक्सल अभियान की गति और तेज होगी। छत्तीसगढ़ के सुकमा में 25 जवानों के शहीद होने की घटना से सबक लेते हुए अचूक योजना के साथ पुलिसकर्मी नक्सल अभियान चलाएंगे। बुधवार को नक्सल और अपराध सहित अन्य मामलों की समीक्षा के दौरान डीजीपी डीके पांडेय ने अधिकारियों को यह आदेश दिए। उन्होंने इस वर्ष नक्सल मुक्त झारखंड के लिए नक्सल अभियान और तेज करने का आदेश अफसरों को दिया। उन्होंने कहा, नक्सली सरेंडर कर मुख्यधारा से जुड़ें अथवा गोली खाएं।
राज्य में नक्सलियों की संपत्ति जब्त करने की कवायद चल रही है। अबतक पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप, भाकपा माओवादी नुनुचंद महतो उर्फ गांधी, तृतीय प्रस्तुति सम्मेलन के हार्डकोर आक्रमण, कमलेश गंझू, अमर सिंह भोक्ता उर्फ कोहराम सहित कुल 17 नक्सलियों की संपत्ति जब्त की जा चुकी है। आगे भी बड़े नक्सलियों के संपत्ति की पहचान कर उनकी संपत्ति जब्त की जाएगी।
बुधवार को नक्सल और अपराध सहित अन्य मामलों की समीक्षा के दौरान डीजीपी डीके पांडेय ने अधिकारियों को कहा कि संपत्ति जब्ती का पावर महकमे में डीजीपी को है। इनके द्वारा संपत्ति जब्ती के खिलाफ नक्सली चाहे तो गृह सचिव के यहां अपील दायर कर सकते हैं। विदित हो कि राज्य में लगातार ही नक्सलियों के विरोध में अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें नक्सली कमजोर पड़ रहे हैं।
एडीजीपी अभियान सह मुख्य प्रवक्ता आर के मल्लिक ने बताया कि छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों द्वारा 25 जवानों को टारगेट किए जाने की घटना को देखते हुए अफसरों को विशेष सतर्कता बरतने को कहा गया है। मुकम्मल तैयारी के बाद ही पुलिस टीम नक्सल विरोधी अभियान के लिए प्रस्थान करे। किसी भी सूरत में लूज मूवमेंट नहीं हो। अभियान से जुड़े अफसरों की जवाबदेही पहले से तय की जाए।
एडीजी ने कहा कि नोटबंदी के बाद लेवी को लेकर नक्सलियों द्वारा आगजनी की घटनाओं को अंजाम दिया गया। पुलिस लगातार इनके खिलाफ कार्रवाई कर रही है। बूढ़ा पहाड़ पर 22 दिनों तक नक्सलियों के खिलाफ अभियान चला। दो बार पहाड़ को ऊपर से नीचे तक सर्च किया गया। तीन स्थानों पर आइइडी और विस्फोटक आदि बरामद किए गए। अफसर और जवानों ने पानी और अन्य सामग्रियों की कमी के बावजूद शानदार काम किया। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों के मामले में चल रहे विभागीय कार्रवाई को तेजी से पूरा करने का दिया गया है।
नक्सली घटनाओं में इजाफा
पिछले वर्ष की तुलना में जनवरी से अप्रैल तक इस वर्ष नक्सली घटनाओं में इजाफा दर्ज किया गया है। चार माह के दौरान 2015 में कुल 165, 2016 में 151 और 2017 में 215 घटनाएं सामने आई हैं। इनमें भाकपा माओवादी ने 88, पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट आफ इंडिया ने 80, तृतीय प्रस्तुति सम्मेलन कमेटी ने 26, झारखंड प्रस्तुति कमेटी ने 08, झारखंड जन मुक्ति परिषद ने 07, एसजेएमएम ने 02 और जेटीजी ने 04 वारदातों को अंजाम दिया।
महत्वपूर्ण तथ्य
वर्ष 2017 में जनवरी से अप्रैल तक कुल 961 विशेष नक्सल अभियान चलाए गए हैं। इस दरम्यान 215 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है। जबकि 30 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। नक्सलियों से लेवी के तौर पर 94,19,940 रुपये जब्त किए गए। इसके अलावा भारी मात्र हथियार औरं विस्फोटक भी जब्त किए गए।
2017 में दो पुलिसकर्मी शहीद हुए, जबकि 15 ग्रामीण मारे गए। वहीं 17 उग्रवादी विभिन्न वारदात में मरे।
नवंबर 2016 से मार्च 2017 तक 2200 एकड़ में लगी अफीम की फसल को नष्ट किया गया।
नक्सलियों और अपराधियों के खिलाफ स्पीडी ट्रायल के करीब 500 मामले विभिन्न जिलों में चलाए जा रहे हैं।
नक्सलियों और आतंकियों से लड़ने के लिए एसटीएफ और एटीएस को सशक्त किया जाएगा।
थाना भवनों और पुलिस लाइन के निर्माण कार्य को समय पर पूरा करने का निर्देश।
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