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Jharkhand Police: झारखंड में नक्सलियों की अब खैर नहीं, पुलिस चलाएगी जोरदार अभियान

Jharkhand Police पुलिस मुख्यालय में बुधवार को डीजीपी नीरज सिन्हा ने सभी जिलों के एसएसपी-एसपी रेंज डीआइजी के साथ अपराध व नक्सल को नियंत्रित करने तथा पुलिस की समस्याओं पर बैठक की। निर्णय हुआ कि नक्सलियों के खिलाफ जोरदार अभियान चलाया जाएगा।

By Kanchan SinghEdited By: Published: Wed, 27 Oct 2021 10:43 PM (IST)Updated: Wed, 27 Oct 2021 10:43 PM (IST)
Jharkhand Police: झारखंड में नक्सलियों की अब खैर नहीं, पुलिस चलाएगी जोरदार अभियान
डीजीपी ने अपराध व नक्सल को नियंत्रित करने में आ रही परेशानियों के बारे में भी जानकारी ली।

रांची, राब्यू।  पुलिस मुख्यालय में बुधवार को डीजीपी नीरज सिन्हा ने सभी जिलों के एसएसपी-एसपी, रेंज डीआइजी के साथ अपराध व नक्सल को नियंत्रित करने तथा पुलिस की समस्याओं पर बैठक की। बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से की गई, जिसमें यह निर्णय हुआ कि नक्सलियों के खिलाफ जोरदार अभियान चलाया जाएगा। विशेष शाखा व अभियान शाखा के बनाए हुए रोड मैप के आधार पर ही अभियान चलाया जाएगा, ताकि अपराध व नक्सल को नियंत्रित करने में पुलिस को सफलता मिल सके। नक्सल क्षेत्रों में नए कैंप बनेंगे, जिसका प्रस्ताव तैयार करने के लिए संबंधित एसपी को जिम्मेदारी दी गई है। जंगलों के पुलिस पिकेट पर एसपी-डीएसपी भी निरीक्षण करने जाएंगे।

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बैठक में डीजीपी ने जिलों से विधि-व्यवस्था संभालने में आ रही परेशानियों की जानकारी ली और उसके समाधान को लेकर विचार-विमर्श किया। सीआइडी व एटीएस के एसपी ने संगठित अपराध रोकने की दिशा में उठाए गए कदम और की गई कार्रवाई की जानकारी दी। डीजीपी ने सीआइडी के एसपी को निर्देश दिया कि वहां लंबित कांडों के अनुसंधान में तेजी लाएं, कुर्की, जब्ती व वारंट निष्पादन में हो रहे विलंब के कारणों को तलाशें व उसे दूर करें।बैठक में सीआइडी के एडीजी प्रशांत सिंह, एडीजी मुख्यालय मुरारी लाल मीणा, एडीजी अभियान संजय आनंदराव लाठकर, आइजी मानवाधिकार अखिलेश झा, आइजी अभियान अमोल वी. होमकर, आइजी प्रोविजन प्रभात कुमार, डीआइजी रांची पंकज कंबोज, डीआइजी विशेष शाखा अनूप बिरथरे आदि पुलिस मुख्यालय में मौजूद थे।

धनबाद के कुर्की-जब्ती का आंकड़ा नहीं मिला दुरुस्त - बैठक में सभी जिलों ने कुर्की-जब्ती व वारंट तामिला पर अपनी रिपोर्ट दी । इसमें धनबाद जिले का आंकड़ा दुरुस्त नहीं था। हालांकि, ओवर ऑल जिलों में 3000 से ज्यादा कांड निष्पादित हुए हैं, जो पहले की तुलना में बेहतर है। कुछ जिलों ने जैसे रांची, हजारीबाग ने कांड लंबित होने के पीछे अपना रोना रोया और बताया कि स्थानांतरण-पदस्थापन के चलते कांडों का चार्ज स्थानांतरित नहीं होने के चलते मामले लंबित रह गए। इसके निदान की दिशा में कदम उठाने को कहा गया है।


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